जनजाति जागरण मंच की बैठक में उठाई गई पुरजोर मांग झाबुआ । भारत की सनातन संस्कृति को इस अंचल में योजनाबद्ध तरिके से प्रभावित करने का काम कतिपय धर्म के लोंगों द्वारा किया जारहा है। जिससे इस अंचल में पिछले आठ- दस दशक से धर्मान्तरण का काम लालच के साथ ही कथित तोैर पर सेवा कार्यो की आड में किया गया है। यहां का भोला भाला आदिवासी समाज इन लोगों की चिकनी चुपडी बातों में आकर तथा लालच के कारण ईसाई धर्म अपनाने की ओर अग्रसर हुआ है । अपनी मौलिक सांस्कृतिक विरासत एवं मूल धर्म से भटक कर ऐसे लोगों को धर्मान्तरण होने के साथ ही इन मिशनरिज द्वारा ऐसे धर्मान्तरित लोगों को जनजातीय समाज के लिये सरकार द्वारा प्रावधानित लाभो एवं योजनाओं का लाभ धडल्ले से लिया जारहा हेै । उक्त बात बुधवार को स्थानीय वनवासी कल्याण आश्रम में जनजलाति जागरण मंच की खड स्तरीय बेठक में जिला संघ चालक मानसिंह भूरिया ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कही । जनजाति समाज की सांस्कृतिक पारम्परिक, एवं संवेधानिक आदि सुरक्षा को लेकर आयोजित बैठक में ऐसे धर्मान्तरित लोगों को डि-लिस्टींग करने याने इने जनजाति समाज के लिये शासन स्तर से मिलने वाले हितलाभो एवं विभिन्न योजनाओं के लाभो से हटाने की मांग को लेकर, पूरे जिले में वातावरण बनाये जाने का आव्हान करते हुए केन्द्र एवं राज्य सरकार से मांग की गई है कि ऐसे धर्मान्तरित लोग जो धर्मान्तरण के बाद भी सरकार की योजनाओं के साथ ही आरक्षण एवं अन्य हित लाभ ले रहे है उसको चिन्हित किया जाकर उन्हे मिल रही सुविधाओं एवं लाभो से वंचित किया जावे । इस अवसर पर संगठन मंत्री गणपतजी मुणिया, विजय चौहान, वनवासी कल्याण परिषण के नगर अध्यक्ष मनोज अरोडा, नाना राठौर, महेश मुजाल्दे, अकलेश मेडा आदि उपस्थित थे । श्री मुणिया ने भी अपने उदबोधन में प्रदेश एवं केन्द्र सरकार से मांग की कि अजा एवं अजजा वर्ग को आरक्षण के साथ ही विभिन्न हितलाभों का ऐसे धर्मान्तरित लोग लाभ ले रहे हे उनको तत्काल चिन्हित किया जावे तािा उन्हे ईसाइ्र धर्म के अनुयायी के रूप में मान्यता देकर मिलने वाले सभी हित लाभो से वंचित किया जावे । ऐसे लोग जो जनजाति वर्ग के नाम पर विभिन्न शासकीय सेवाओं में प्रवेश कर चुके हे उन्हे भी मिलने वाले लाभो से वंचित करके अजजा वर्ग से बाहर माना जावे । उक्त जानकारी नयन टवली ने दी । ——————————————————-