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कैथोलिक ईसाई समुदाय में आज हर्ष और उल्लास से खजूर रविवार का पर्व मनाया गया.

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खजूर रविवार पर्व
कैथोलिक ईसाई समुदाय में आज हर्ष और उल्लास से खजूर रविवार का पर्व मनाया गया. खजूर की डालिया हाथ में लिए गीत गाते हुए कैथोलिक इंग्लिश मीडियम स्कूल झाबुआ के प्रांगण से लोगों ने चर्च प्रांगण में प्रवेश किया. यह जुलूस येशु क्रिस्ट के यरूशलेम में प्रवेश की यादगारी में मनाया जाता है. आज से मुख्य रूप से पवित्र सप्ताह शुरू होता है. आज खजूर की डालियों की आशीष की जाती है. यह खजूर की डालियां इस बात का प्रतीक है कि यरूशलेम के लोगों ने यीशु के स्वागत में उनके आगे आगे खजूर की डालियां लिए खुशियां मनाएं उनके आगे सुंदर सुंदर कपड़े बिछा दिए ताकि यीशु उन पर से आगे बढ़ सके. यह सब उन्होंने यीशु के स्वागत और सम्मान के लिए किया. अब यह संपूर्ण सप्ताह विशेष प्रार्थनाओं का समय होगा. आने वाला पवित्र गुरुवार पर विशेष प्रार्थनाएं की जाएंगी. इस दिन ईसाई धर्मावलंबियों का मानना है कि यीशु ने अंतिम बार अपने शिष्यों के साथ बैठकर भोजन किया. यीशु ने अपने शिष्यों के पैर धोए और एक समानता का संदेश दिया. आने वाला शुक्रवार पवित्र शुक्रवार या फिर गुड फ्राइडे कहलाता है. इस दिन यीशु को क्रूस पर चढ़ाया जाता है और वे लोगों के लिए अपने प्राण समर्पित करते हैं. आने वाला शनिवार सुबह यीशु की माता मरियम के साथ बैठकर मनन चिंतन किया जाता है. जिस प्रकार हमारे सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार किसी परिवार में मृत्यु हो जाती है तो हम वहां पर बैठने जाते हैं यह ठीक उसी प्रकार के बैठने और प्रार्थना करने का समय होता है. शनिवार रात्रि जागरण पासका रात्रि की पवित्र मिस्सा बलिदान होता है. आज खजूर रविवार के मुख्य याचक के रूप में फादर हेनरी तिग्गा ने पवित्र मिस्सा बलिदान अर्पित किया. आज के मुख्य प्रवचन फादर मनीष डामोर रहे.

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