झाबुआ

पुण्य शुक्रवार अर्थात गुड फ्राइडे

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पवित्र शुक्रवार का पर्व जो प्रभु येशु की मृत्यु की यादगारी है आज संपूर्ण विश्व में ईसाई धर्मावलंबियों द्वारा मनाया गया l आज के दिन सभी ईसाई धर्म स्थानों पर क्रूस मार्ग किया जाता है l यह क्रूस मार्ग चालिसे में किए गए क्रूस मार्गों से विशेष होता हैl आज और अधिक भक्ति भावना से इसे मनाया जाता है l कई स्थानों पर झांकियों के रूप में इसे वृतांत किया जाता है l झाबुआ न्यू कैथोलिक मिशन स्कूल प्रांगण में ईसाई धर्मावलंबियों द्वारा क्रूस मार्ग किया गया l उसके बाद जुलूस में लोगों ने चर्च प्रांगण में प्रवेश किया l चर्च प्रांगण में दिव्य करुणा की प्रार्थना द्वारा लोगों ने विश्व के सभी लोगों की खुशहाली के लिए प्रार्थना की l दोपहर 3:00 बजे जो कि यीशु ख्रीस्त की मृत्यु का समय माना जाता है उस समय क्रूस पर से बैंगनी रंग के कपड़े को हटाया जाता है और मुख्य पुरोहित द्वारा आह्वान किया जाता है कि “हम क्रूस की काट को देखें जिस पर हमारे मुक्तिदाता टंगे थे” और लोगों ने प्रत्युत्तर दिया “आइए हम इस की आराधना करें” इस क्रूस के अनावरण के बाद उसकी उपासना की गई l इसके बाद विशेष प्रार्थना शुरू हुई जिसे महा प्रार्थना भी कहा जाता है l इस प्रार्थना में विभिन्न उद्देश्यों को समर्पित किया गया विश्व के लिए, भारत देश के लिए, हमारे सभी अन्य धर्मावलंबियों के सुख शांति के लिए प्रार्थना की गई l पवित्र शुक्रवार के दिन पवित्र मिस्सा बलिदान नहीं चढ़ाया जाता है, केवल परम प्रसाद का वितरण किया गया जिसकी आशीष पवित्र गुरुवार के दिन ही कर ली गई थी l लोगों ने पवित्र शुक्रवार की धर्म विधि के बाद कड़वा पानी पिया, यह कड़वा पानी नीम की पत्तियों को पीसकर बनाया जाता है l यह कड़वा पानी इस बात का प्रतीक है कि हम सभी प्रभु येशु ख्रिस्त की मृत्यु पर अब शोक मना रहे हैंl लोगों ने मौन रूप से अपने घरों की ओर प्रस्थान किया l अब शनिवार रात्रि तक लोग किसी भी उत्सव या धूम धाम में भाग नहीं लेते हैं l वे अपने घरों पर प्रार्थना में समय बिताते हैं l पवित्र गुरुवार के महिमा गान से ही चर्च के घंटे का बजना बंद हो जाता है इसीलिए हमें झाबुआ शहर में शुक्रवार और शनिवार चर्च के घंटे की आवाज नहीं आएगी यह शांत मुद्रा में हैl अब यह चर्च का घंटा शनिवार मध्य रात्रि यीशु के पुनर्जीवित होने के गीत के साथ बज उठेगा और यह लगातार बजेगा. पवित्र शुक्रवार की धर्म विधि के मुख्य याचक एवं प्रवचक फादर इंबा के साथ फादर प्रताप बारिया फादर हेनरी अन्य फादर उपस्थित थे

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