झाबुआ – भारत देश एक सांस्कृतिक देश है जहां पर विभिन्न संस्कृति और धर्म अनुसार पर्व मनाया जाते हैं इसी कड़ी में रामनवमी पर पूजन तो काफी परिवारों में अपने इष्ट की पूजा आरती कर मनाया जाता है । कई घर परिवार ने रातीजोगा यानी रात्रि में अपने इष्ट देव का गुणगान कर उन्हें अपने घरों में पधारने का निमंत्रण दिया जाता है ताकि परिवार जन की सुख शांति व रक्षा हो सके तथा रातीजोगा गीत के माध्यम से आशीर्वाद भी लिया जा सके । है ऐसा माना जाता है कि प्रभु हमारी हर समस्या में हमारा साथ देकर परिवार में शांति स्थापित करेंगे । कुछ ऐसा ही कार्यक्रम मगनलाल गादीया परिवार में भारतीय संस्कृति और सभ्यता अनुसार रामनवमी पर्व मनाया गया । गादीया परिवार की बहन बेटियों को इस रातीजोगा कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया तथा रातीजोगा दिया गया व गीत गाए गये । यहां भी रामनवमी पर्व पर इष्टदेव और कुल के देवी देवताओं का नियम अनुसार पूजन किया गया । गादीया परिवार द्वारा पूजा व आरती के बाद कन्या भोज भी कराया गया । जहां पर कन्याओं के पैर धोकर कुमकुम का टीका लगाकर स्वागत किया गया । मगनलाल गादीया की पुत्रवधु श्रीमती मीना गादीया द्वारा उक्त रस्म निभाई गई और कन्याओं के पैर धोकर स्वागत किया गया । माना जाता है कि कन्याओं में गरीबी अमीरी, ऊंच-नीच ,अच्छा बुरा आदि भाव नहीं होते है यानी देवीतुल्य इनका मन पवित्र होता है । इनमें मैत्री भाव ,वात्सल्य सभी को समान रुप में देखना आदि होते हैं । इस प्रकार इस परिवार ने रामनवमी पर्व पर रातीजोगा कार्यक्रम आयोजित कर ,हर्षोल्लास के साथ कन्या भोज कराया और परिवार में मैत्री व एकता का संदेश दिया ।