शनिवार रात ईसाई समाज ने पास्का पर्व मनाया झाबुआ। चालीस दिन की कड़ी तपस्या के बाद प्रभु यीशु के पुनर्जीवित होने के दिन ईस्टर पर ईसाई समुदाय उत्सव के रंग में रंगा नजर आया। सुबह कैथोलिक चर्च परिसर में विभिन्न धार्मिक आयोजन हुए। इसके बाद समुदाय के सदस्यों ने एक-दूसरे को पर्व की शुभकामनाएं दी। सुबह साढ़े 8 बजे फादर प्रताप बारिया, फादर वीरेंद्र भूरिया, फादर मनोज, फादर हेनरी आदि ने प्रार्थना सभा और बपतिस्मा संस्कार की क्रिया पवित्र जल और तेल से कराई। पवित्र बाइबिल से पाठों का वाचन किया। इसके पश्चात समाजजनों को आशीष दिया गया। वहीं, शनिवार रात कैथोलिक चर्च में पास्का पर्व मनाया गया। रात 10 बजे से समाजजन चर्च में मोमबत्ती लेकर एकत्रित होने लगे। सर्वप्रथम ज्योति की प्रतीक पवित्र मोमबत्ती प्रज्ज्वलित की गई। इसके बाद आशीष देने का क्रम प्रारंभ हुआ। सभी अपनी-अपनी मोमबत्ती जलाकर जुलूस के रूप में पवित्र मंच पर पहुंचे। जहां मिस्सा बलिदान प्रारंभ हुआ। यहां फादर ने अपने प्रवचन में प्रभु यीशु के मरकर पुनर्जीवित होने के वृतांत को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया प्रभु ने अपने प्राणों को त्याग कर मानव जाति के लिए मुक्ति का कार्य किया और मनुष्य को पापों से बचाया। मनुष्य परमपिता परमात्मा परमेश्वर की बनाई हुई सर्वश्रेष्ठ रचना है। रात में बड़ी संख्या में समाजजनों ने धार्मिक अनुष्ठान का लाभ लिया। पवित्र बाइबिल के साथ अनु-वाक्य गान का वाचन किया गया।