झाबुआ

डि-लिस्टींग को लेकर नगर के हर मोहल्ले व हर वार्ड में पेंपलेंट वितरित कर जनजागृति लाने का प्रयास किया जा रहा है

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30 अप्रेल को जिला मुख्यालय पर होगा इसी मुद्दे को लेकर जंगी प्रदर्शन

झाबुआ । जनजाति सुरक्षा मंच मध्यभारत के बैनर तले जनजाति जागरण एवं सुरक्षा मंच झाबुआ द्वारा आगामी 30 अप्रेल को जिला मुख्यालय पर ईसाई धर्म में धर्मान्तरित हुए ऐसे लोगों को डी-लिस्टींग किये जाने की मांग को लेकर जंगी प्रदर्शन किया जावेगा । मनोज अरोरा ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस मुद्दे को लेकर तथा केन्द्र एवं राज्य सरकार से ऐसे आदिवासी वर्ग के नाम से सरकारी योजनाओं, सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्राप्त कर प्रवेश करने वालो, तथा विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों का लाभ लेने वाले ऐसे लोगों को ईसाई धर्मावलम्बी मान कर मिलने वाले दोहरे लाभों को समाप्त करने के लिये पूरे अंचल एवं जिले में जनजागृति के माध्यम से वातावरण निर्मित किया जारहा है तथा इसे व्यापक जन समर्थन प्राप्त हो रहा है।
मनोज अरोरा ने बताया कि 3 अगस्त 2021 को संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए केन्द्र सरकार ने भी यह साफ कर दिया कि कोई भी व्यक्ति जो हिंदू, सिख या बौद्ध धर्म से अलग धर्म का अनुसरण करता है उसे अनुसूचित जाति वर्ग का नहीं माना जाएगा। सरकार ने कहा कि उनकी योजनाओं का उद्देश्य अनुसूचित जाति का कल्याण और विकास है। उनका लाभ कन्वर्टेड ईसाइयों को नहीं दिया जा सकता। उन्होने यह भी बताया कि धर्म परिवर्तन के बाद ईसाई या इस्लाम धर्म अपनाने वाले दलितों के लिये भी सरकारी नौकरियों, शिक्षण संस्थानों और कल्याणकारी योजनाओं में आरक्षण के लाभ का मुद्दा लंबे समय से विवाद का केन्द्र बना हुआ है.। तर्क यह भी है कि अनुसूचित जातियों के लाभ धर्म परिवर्तन करने वाले को देने से देश में धर्मांतरण को बढ़ावा मिलेगा। संविधान के अनुसूचित जाति आदेश, 1950 के तीसरे पैराग्राफ के प्रावधान के तहत हिन्दू धर्म, सिख धर्म और बौध्द धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म का पालन करने अथवा धर्म परिवर्तन करने वाला अनुसूचित जाति का सदस्य आरक्षण के लाभ से वंचित हो जाता है ।


उन्होने बताया कि झाबुआ आलीराजपुर सहित निकटवर्ती जिलों में भी इस तरह ईसाई मिशनरीज द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को लालच देकर या जबरन धर्मान्तरित किये जाने के बाद भी इन लोगों को अजजा / अजा वर्ग को मिलने वाले लाभ , नौकरियों में आरक्षण एवं सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के लाभ मिलने से पूरे जिले में जनजाति वर्ग के लोगों के हितलाभो पर कुठाराघात हो रहा है। उन्हाने बताया कि इसे लेकर आगामी 30 अप्रेल को जिला मुख्यालय पर जंगी प्रदर्शन एवं डिलिस्टींग रैली का आयोजन करके केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार को जनभावनाओं से अवगत किया जावेगा । इसी कडी में जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा शहर के हिन्दु समाज सहित सभी लोगों को मनोज अरोडा, नयन टवली, हेमेन्द्र नाना राठौर, जितेन्द्र पटेल, मनोज साल्वी,धनसिंह बारिया, सुरेश देवडा, दिनेशदेवडा सहित बडी संख्या में कार्यकर्ताओं द्वारा नगर के हर मोहल्लो एवं सभी वार्डो में भ्रमण कर पेम्पलेट का वितरण करके जनजागृति के साथ ही आयोजित होने वाली महारैली में जन समर्थन दिये जाने के लिये अनुरोध किया जारहा हे । इन लोगों का कहना है कि यदि एक आदिवासी परिवार ईसाई बन जाता है तो निश्चित ही हिन्दु समाज में एक परिवार कम हो जाता है। अतः पेंपलेट एवं बेनर्स आदि के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति को डिलिस्टींग जैसे अभियान में पूरी सहभागिता करके हिन्दु धर्म की मजबुती के साथ ऐसे तत्वों को मिलने वाले दोहरे लाभ से वंचित करने के लिये पूरजोर मांग का समर्थन करके केन्द्र एवं प्रदेश सरकार को संविधान में तदनुसार बदलाव करके ऐसे तत्वों को इन लाभो से वंचित करने की मांग करना ही मुख्य उद्देश्य है।

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