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परमात्मा की ओर यदि हम एक कदम आगे बढाते है तो वे सौ कदम हमारी ओर बढाते है- डा. मगलेश्वरी जोशी

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हमे मानव जीवन हमारे सत्कर्मो के कारण मिला है,-’ रवि हंसोग
श्री सत्यसाई सेवा समिति ने मनाया बाबा के निर्वाण दिवस के आराधना दिवस के रूप में
दिन भर चले आध्यात्मिक एवं सेवा कार्य
रतलाम । श्री सत्य साईं बाबा एक आध्यात्मिक गुरू थे जिनका प्रेरक व्यक्तित्व रहा है। जिनके संदेश और आशीर्वाद ने पूरी दुनिया के लाखों लोगों को सही नैतिक मूल्यों के साथ उपयोगी जिंदगी जीने की प्रेरणा दी। सत्य साईं बाबा ने अपने भक्तों की बहुत मदद की तथा हमेशा अच्छे आदर्श मानने, अच्छा आचरण करने, अच्छी सेवा भाव मन में बनाये रखने का उपदेश दिया। उनका कहना था कि -कोई भी धर्म बेहतर या कोई भी धर्म खराब नही रहता। हमें सभी धर्माे का सम्मान करना चाहिए। ईश्वर केवल एक है, उसके नाम अलग-अलग हो सकते है। गरीब जरूरतमंद व बीमारों की सेवा बिना किसी प्रतिफल की आशा के साथ करना चाहिए। व्यक्ति को रोज की जिंदगी में सत्य प्रेम, अच्छा व्यवहार, शान्ति , सही सोंच, अहिंसा आदि नैतिक मूल्यों का पालन करना चाहिए। श्री साईं बाबा ने मानवता को सबसे ऊपर रखने का सन्देश अपने भक्तों को दिया। उनकी मदद और आशीर्वाद से कई अस्पताल शैक्षणिक संस्थान तथा प्रोजेक्ट चल रहे हैं। उनका कहना है कि हम यह शरीर नही हैं बल्कि हम अनंत आत्मा हैं जो कि इस शरीर में हैं। जब हम जागते सोते अच्छे विचारों शब्दों और कायरें के साथ रहेंगे हमारा प्रेम पवित्रता, भक्ति और आद्यात्म में रुचि हमें भगवान की कृपा दिलाता है और हम प्रभू के अनंत प्यार को प्राप्त कर सकते हैं । श्री सत्यसाई बाबा के निर्वाण दिवस जिसे हम लोग आराधना दिवस के रूप में मना रहे है,हम अपने भजनों के माध्यम से अपनी भावांजलि अर्पित कर रहे है । साई बाबा ने जो हमे जो सेवा सदभाव का मार्ग दिखाया है उसका हम सभी पालन करे यह संकल्प हमे लेना है। परमात्मा की ओर यदि हम एक कदम आगे बढाते है तो वे सौ कदम हमारी ओर बढाते है। हमारे बौद्धिक विकास के लिये हमे वे सभी कार्य करना है जो बाबा ने हमे दिखाया है। उनके द्वारा आचार संहिता के जो 9 बिन्दू बताये गये है उनका हम सभी को पालन करना हमारे आध्यात्मिक एवं बौद्धिक विकास के लिये जरूरी है। उक्त उदबोधन श्री सत्यसाई बाबा के निर्वाण दिवस पर रेल्वे कालोनी स्थित साई मंदिर में रविवार को आराधना दिवस के अवसर पर डा. मंगलेश्वरी जोशी ने संबोधित करते हुए कहीं ।

इस अवसर पर रवि हंसोगे ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि श्री सत्यसाई बाबा युगावतारा है, उन्होने मानव सेवा माधव सेवा के महामंत्र के माध्यम से गरीबो, शोषितों, जरूरत मंदों की सेवा पर अत्यधिक लक्ष्य दिया । आज विश्व की 178 से अधिक स्थानों पर श्री सत्यसाई संमितियों द्वारा मानव कल्याण के क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से कार्य किया जारहा है। हमे मानव जीवन हमारे सत्कर्मो के कारण मिला है,अवतार जब धरती पर अवतरित होते है तो अपने साथ माया भी साथ लेकर आते है, और हम माया जाल में फंस कर भ्रमित होते रहते है। हमे अपना व्यवहार सदविचारों से युक्त बनाना चाहिये ।चाहे साई बाबा हमारे बीच भौतिक स्वरूप में नही हो किन्तु वे हमेशा हम सभी के पथ प्रदर्शन करते है । अभ्यास, श्रद्धा, साधना, समर्पण की भावना जब हम सभी म समाहित हो जाती है तब हमारा जुडाव परमात्मा से हो जाता है।

समिति के संदीप दलवी ने जानकारी देते हुए बताया कि 24 अप्रेल 2011 को श्री सत्यसाई बाबा ने अपना भौतिक शरीर त्यागा इसलिये हम सभी उनके निर्वाण दिवसर को आराधनादिवस के रूप में मनाते है। उन्होने बताया कि रविवार को समिति द्वारा भगवान सत्यसाई बाबा के आराधना दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजन किया गया । विश्वकल्याण के लिये राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले प्रज्ञानम ब्रह्मा कार्यक्रम में वेदोच्चारण के तहत नमकम चमकम दुर्गासुक्तम पाठ का आयोजन दोपहर 2-30 बजे से 3-00 बजे तक श्रीमती एम. जोशी के नेतृत्व में महिलाओं द्वारा किया गया । आराधना दिवस के अवसर पर समिति द्वारा प्रातः 11 बजे से रेल्वे कालोनी स्थित सत्यसाई मंदिर सत्यधाम में नारायण सेवा का आयोजन किया गया जिसमें गरीबो एवं बेसहारा लोगों को सम्मानपूर्वक बिठाकर भोजन परोसा गया । वही महिला एवं बाल चिकित्सालय पर भी दोपहर 1 बजे से मरीजों एवं उनके परिजनों को भोजन का प्रदाय किया गया । नगर में संचालित दोनों प्याउ पर सेवादल के सदस्यों द्वारा जल सेवा सतत जारी रही । सायंकाल 7 बजे रेल्वे कालोनी स्थित सत्यधाम पर सर्वधर्म नाम संकीर्तन का आयोजन किया गया । तथा श्री सत्यसाई बाबा को सभी श्रद्धालुओं द्वारा भावांजलि अर्पित की गई । महामंगल आरती संदीप दलवी ने उतारी, महाप्रसादी के रूप में सभी श्रद्धालुओं को विभूति का वितरण किया गया ।

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