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*परिवार की संपत्ति पर सबका हक और कर्म का हकदार सिर्फ मुखिया होता है -पंडित श्री प्रदीप जी मिश्रा  के तीसरे दिन के प्रवचन *

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*रतलाम — पूज्य कथा वाचक पंडित श्री प्रदीप जी मिश्रा ने श्री शिव पुराण कथा में तीसरे दिन प्रवचन देते हुए कहा कि सबको अपने अपने कर्म फल खुद भोगना है पिता के कर्म फल बेटे को भोगना है परिवार की संपत्ति पर सब का हक होता है किंतु कर्म फल का हकदार सिर्फ परिवार का मुखिया होता है इसलिए हमें बुरे कर्म करने से बचना चाहिए । भजन की प्रस्तुति देते हुए “मत बुरे कर्म कर बंदे वरना तू पछताएगा” पर हजारों शिव भक्तमहिला पुरुष और छोटे-छोटे बच्चे झूम उठे । श्री मिश्रा ने प्रवचन में कहा कि घर के सदस्य की मृत्यु होने पर उसके कपड़े बिस्तर तो सब कुछ घर के बाहर फेंक देते हैं लेकिन विडंबना देखिए श्मशान में स्वर्ण आभूषण शव से निकालकर प्रसन्नता पूर्वक घर ले आते हैं । मानव जन्म 84 लाख योनियों के बाद मिलता है जिसमें 20 लाख विभिन्न प्रकार के फल फूल एवं पेड़ पौधे इत्यादि होते हैं । इन पेड़ पौधों में एक पेड़ आम का होता है जो ज्यादा गाली देता है उसे आम के पेड़ की तरह  बहुत पत्थर खाना पढ़ते है । कथा के दौरान “तेरे डमरू की धुन सुन के मैं काशी नगरी आई हूं” के भजन पर हर कोई ठुमके लगाने से खुद को नहीं रोक पाया । प्रवचन में पंडित मिश्रा ने फरमाया कि भगवान शिव और पार्वती विश्वास और आस्था का मिलन है शिव के प्रति आस्था में पूरी तरह डूब जाओ भोलेनाथ आपकी परीक्षा भी लेते हैं और पास भी वही कर देते हैं विश्वास के बल पर ही हम भगवान की प्राप्ति कर सकते हैं जो कुछ भी है वह इस संसार में विश्वास और आस्था ही है । पंडित मिश्रा ने आगे कहा कि भगवान किसी का बुरा नहीं करता क्योंकि भगवान माता पिता के समान है माता-पिता भले ही आपको भला बुरा कह देंगे, अपशब्द कह देंगे , ताने दे देंगे लेकिन रात में वे आपको कहे गए शब्द पर रोएंगे मां बाप के हृदय से यह आप अच्छी तरह जान सकते हैं । पंडित श्री मिश्रा जी ने जिस प्रकार पहली रोटी आप अपने पति या बच्चों के लिए प्रेम पूर्वक बना कर खिलाती हैं उसी प्रकार गाय की रोटी को भी उतने ही प्रेम से बनाकर खिलाएंगे तो गाय माता की कृपा से तुम्हें कोई भी बीमारी नहीं आएगी । रतलाम में आयोजित कथा पर पंडित श्री मिश्रा जी ने कहा कि मुझे बताया गया है कि रतलाम के इतिहास में पहली बार इतनी पब्लिक एकत्र हुई है और यह सब शिव का प्रताप है । सोमवार को 1 घंटे पूर्व कथा का  पंडित श्री मिश्रा ने यह कह कर विश्राम किया कि साउंड सिस्टम ठीक नहीं होने के कारण वे कथा पुराण नहीं कर पाएंगे ।

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