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विप्र समाज को मुख्यमंत्री ने कई सौगात देकर उनकी भावनाओं का सम्मान किया सांसद श्री डामोर ने मुख्यमंत्री का जताया आभार, कहा- शिवराज जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार सनातन संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन कर रही

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रतलाम /झाबुआ । क्षेत्रीय सांसद श्री गुमानसिंह डामोर ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा परशुराम जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शासकीय मंदिरांे के पुजारियों को 5 हजार रूपए प्रतिमाह मानदेय दिये जाने, मंदिरों से संबंधित भूमि की व्यवस्था पुजारियों द्वारा ही किये जाने एवं भगवान परशुराम की जीवनी और उनके विचारों को पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने संस्कृति के संवर्धन और संरक्षण करने वाले मंदिरों के पुजारियों की न सिर्फ चिंता की है, बल्कि उन्हें कई सौगात देकर उनकी भावनाओं का सम्मान किया है। मुख्यमंत्री द्वारा विप्र समाज को सौगात दिये जाने पर सांसद श्री डामोर ने प्रदेश भर के संपूर्ण विप्र समाज की ओर से मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया है।
श्री डामोर ने कहा कि मठ, मंदिर हमारी सनातन संस्कृति की ऊर्जा के केंद्र बिंदु हैं, इनके संरक्षण और संवर्धन की जिम्मेदारी हम सभी की है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने हमेशा इस वर्ग की चिंता की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जिन शासकीय मंदिरों की जमीन नहीं है, उनके पुजारियों को 5 हजार रूपए प्रतिमाह मानदेय दिये जाने और जिन मंदिरों के पास अधिक भूमि है। उनके मानदेय की व्यवस्था करने की घोषणा की है, साथ ही मंदिरों से संबद्ध भूमि की व्यवस्था पुजारियों द्वारा किये जाने का निर्णय कर पुजारियों की मांगों को पूरा किया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के इस निर्णय से मंदिरों की देखभाल करने वाले पुजारियों को इसका लाभ मिलेगा।
श्री डामोर कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व मंे भारतीय जनता पार्टी की सरकार ‘सबका साथ और सबका विकास’ के संकल्प को लेकर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने समाज के हर वर्ग की चिंता की है। उन्होंने कहा कि भगवान विष्णु के छटे अवतार परशुराम जी के सिद्धांतों और व्यवहार से हमें अन्याय से संघर्ष की सीख और प्रेरणा प्राप्त होती है। उनके जीवन को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि संस्कृत पढ़ने वाले बालकों को छात्रवृत्ति प्रदान करने और प्रदेश में संस्कृत शिक्षकों की भर्ती का क्रम निरंतर जारी रखने के निर्णय लेकर सामान्य निर्धन वर्ग के बच्चों को बड़ा लाभ दिया है।
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