जोबट यातायात व्यवस्था पस्त है और प्रशासन मस्त है ऐसा जनता का कहना है साहब क्योकि आप नियम बनाते ही हो तोड़ने के लिए समस्या यहाँ से सुरु हुई जोबट में नवीन बस स्टैंड बना तो पुराने बस स्टैंड से यातायात व्यवस्था को प्रशासन ने नए बस स्टैंड पर स्थापित कर दिया जब जोबट की जनता नवनियुक्त विधायक के पास अपनी समस्या लेके पहुची तो कुछ दिनों के लिए व्यवस्था में परिवर्तन कर वापस से पुराने बस स्टैंड पर बसे आने लगी जनता को लगा वहाँ यार प्रशासन कितना अच्छा है , हमारी चिंता करता है पर प्रशासन को कोई अच्छा कहे यह प्रशासन को ज्यादा दिन हजम नही होता अभी कुछ दिनों पहले जोबट एसडीएम साहब ने बैठक कर के फिर से बसों को नए बस स्टैंड पर ओर चार पहिया वाहनों को कॉलेज के सामने खड़े रहने ओर सुबह 8 बजे से पहले ओर रात में 8 बजे के बाद भारी वाहनों को अंदर जाने के आदेश जारी कर दिए पर साहब समय तय होने से समस्या हल नही होगी क्योकि फिर भी जनता को तो पैदल इतनी दूर बस में बैठने के लिए जाना तो पड़ ही रहा है , जनता परेशान हो तो हो प्रशासन को क्या लेना देना नया बस स्टैंड मेन बाजार से तीन किलोमीटर के लगभग दूर है बसों में हर प्रकार के यात्री सफर करते है जरूरी नही की हर यात्री के परिवार वालो के पास लाने – लेजाने की व्यवस्था हो विकलांग – महिला – बुजुर्ग – मजदूर – बच्चे हर किस्म के व्यक्ति सफर करते है दिन में तो फिर भी व्यक्ति कुछ जुगाड़ कर ले पर रात में इन सभी को कितनी तकलीफ होती है यह सिर्फ जनता ही जानती है , क्योकि प्रशासन के अधिकारी और नेता तो बड़ी बड़ी गाड़ियों में सफर करते है तो कैसे जनता की परेशानिया समझ मे आएगी , रात में पूरा रोड सुनसान महिला – बच्चे इतनी दूर अकेले कैसे जाए और तो ओर प्रशासन का दोहरा रवैया तो देखिए बसों को बाहर खड़े रहने के आदेश ओर जिब वालो को अंदर तक सवारी लेने जाने की छूट है क्योंकि कोतवाली में पर जिब से वसूली जो चल रही है , ओर बस वाले खाली गाड़िया चला रहे है , टेक्स देने के बाउजूद सिर्फ नियम बस मालिको के लिए क्योकि वहाँ से वसूली का पैसा नही मिलता ओर जिब वालो से लपक के वसूली चल रही है ।।
साहब जनता की समस्याओ को दूर करना आप की प्राथमिकता है , न कि समस्याओं का कारण बनाना