संस्कृत से ही विश्व का कल्याण निश्चित -भरत बैरागी 12 मई तक शारदा स्कूल में चलेगा संस्कृत भारती मालवा प्रान्त का प्रांतीय प्रबोधन वर्ग दीप प्रज्वलित कर किया वर्ग का शुभारंभ
झाबुआ । संसार को दिशा देने के का सामर्थ्य अनादिकाल से हमारे भारतीय ऋषि-मुनियों ने दिया , भारतीय चिंतकों ने ही विश्व कल्याण की कामना एवं विश्व के सुखी होने की बात कही . अन्य किसी ने नहीं कहा , आज भी भारतीय अपनी सभ्यता तथा संस्कृति के कारण सर्वत्र गोरवान्वित होते है, कारण भारत की सभ्यता एवं संस्कृति है , और यह सब हमारे वांग्मय में है, जो संस्कृत में है , इसलिए सम्पूर्ण विश्व को संस्कृत पढ़ाने का दायित्व हमारा है इसलिए हम अपने आप को निखारकर संस्कृत कार्य हेतु अपना योगदान देने हेतु उत्तम कार्यकर्त्ता बनने हेतु अपना अमूल्य समय यहाँ दे रहे है , यह बात संस्कृत क्षेत्र संयोजक भरत बैरागी ने संस्कृत भारती मालवा प्रान्त के प्रांतीय प्रबोधन वर्ग के उद्घाटन अवसर पर शारदा स्कूल में आयोजित 4 से 12 मई तक आयोजित हो रहे कार्यक्रम में कही आपने कहा की संस्कृत ही वह भाषा है जो व्यक्ति से समेष्टि तक ले जाने में समर्थ है । इस अवसर पर प्रान्ताध्यक्षा श्रीमती सीमा जिंदल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन कहा की आज हर्ष का विषय है कि संस्कृत भारती मालवा का प्रांतीय वर्ग झाबुआ में हो रहा है । प्रान्त के कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से झाबुआ अंचल में भी संस्कृत भारती का कार्य गति ले रहा है । इतनी तपती गर्मी में भी आप सभी प्रशिक्षणार्थी सुदूर वनांचल में अपने आपको निखारने आये है , निश्चय ही आप सभी इस यज्ञ में अपेक्षित अपनी अपनी समिधा समर्पित करेंगे । इस बार कार्यकर्ताओ ने जो लक्ष्य लिया वह पूर्ण करने में वह सफल रहे । यह अत्यंत गौरव की बात है , हम सभी इस आठ दिवसीय आवासीय वर्ग में एक एक क्षण का लाभ लेकर संस्कृत कार्य करने हेतु आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त करे । वर्ग में वर्ग पालक प्रान्त के शिक्षण प्रमुख श्री महेंद्र मिसर , तथा शिक्षण प्रमुख प्रान्त सह शिक्षण प्रमुख प्रवेश वैष्णव है। इस वर्ग में प्रान्त के सभी जिलो से प्रशिक्षणार्थी है जिनकी संख्या 48 है ।