झाबुआ

2 घंटे तक चलता रहा खुले आम खूनी खेल

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  • 2 घंटे तक चलता रहा खुले आम खूनी खेल
  • पुलिस तमाशबीन की तरह नजर आई
  • तलवारे व लठ से 30 से भी अधिक लोग हुए घायल
  • 2 घंटे से भी अधिक समय तक चलता रहा खूनी खेल पुलिस काबू में करने में हुई नाकाम

घायलों में तीन महिलाएं वह एक युवती भी शामिल, पुलिस वास्तविकता को दबाने में लगी

झाबुआ। जिले में जहां देखो वहां सट्टे का अवैध कारोबार बखूबी ढंग से चल रहा है पुलिस भी इस और शिकंजा कसने में नाकाम साबित हो रही है। जिला मुख्यालय पर भी आज सुबह 10 बजे के लगभग दो पक्षों में सट्टे नशीले पदार्थ बेचने की बात को लेकर माहौल गरमाने लगा। पुलिस को भी अयोध्या बस्ती के लोगों ने कई बार अवैध कारोबार के चल रहे कारोबार के बारे में भी समय-समय पर जानकारियां दी थी

उसके बावजूद भी पुलिस इसे रोकने में नाका रही उसी दरमियान आज सुबह अयोध्या बस्ती में दो पक्षों के बीच खूनी खेल खेला गया जिसके कारण एक पक्ष राजा दिलीप बसोड उम्र 27 वर्ष वहीं दूसरा पक्ष भूरालाल पिता रूपाजी पटवा मैं अवैध सट्टे की बात को लेकर कहासुनी हो गई। जिसके बाद अयोध्या बस्ती में मामला धीरे धीरे गरमाने लगा मामला गरमा तेदे एक पक्ष ने तलवार व लठ निकालकर दूसरे पक्ष पर हमला बोल दिया वहीं दूसरे पक्ष के लोग हमले को देख उन्होंने भी आव देखा न ताव सामने वाले ने हथियारबंद लेकर एक दूसरे पर चलाने से नहीं चूके जिसके कारण अयोध्या बस्ती में लगभग 1 घंटे तक खूनी खेल चलता रहा यह खेल यहां भी समाप्त नहीं हुआ जैसे जैसे यह आगे बढ़ते गए यह खूनी खेल झाबुआ बस स्टैंड के फवारा चौक पर दोनों पक्ष फिर भिड़ गए। धीरे धीरे दे दोनों पक्ष के 80 से 100 लोग एक दूसरे पर हमले करते करते मेन मार्केट होते हुए थाने तक पहुंच गए इन लोगों ने यहां पर भी हमले करने से नहीं चूके थाने पर भी इनका जमकर विवाद चलता रहा लेकिन पुलिस इन्हें रोकने की वजह तमाशबीन की तरह नजर आई जिसके कारण पुलिस की वजह से 30 से भी अधिक लोग घटना के शिकार हुए। आखिर पुलिस इस अवैध कारोबार को बरसों से चल रहा है रोकने में क्यों नाकाम दिखी मोहल्ले वालों का कहना है कि हमने समय-समय पर पुलिस को इस अवैध धंधे की जानकारी दी थी लेकिन पुलिस ने आज तक ईश्वर नजर उठाकर भी नहीं देखा जिसके कारण यह घटना घटित हुई। घटना इतनी दिल दहलाने वाली थी जिसने भी देखा इस विवाद को उनके रोंगटे खड़े हो गए। कई राहगीर इन दोनों पक्षों के विवाद को देखते हुए भागते नजर आए क्योंकि दोनों ही पक्षों में लट्ठे को हथियार चलाने से नहीं चूक रहे थे जहां देखो वहां वह एक दूसरे पर प्रहार करते नजर आए जिसके कारण अनिल वसुन अजय वसुन राजा वसुन देव बस और रितिक वसुन महिला लीला बसोड युवती मुस्कान पिटवा के हाथों में हथियारबंद से हमला करने वालों के कारण गंभीर चोटें आई है वहीं भूरालाल पिटवा कमल पिटवा विजय पटवा कृष्णा पिटवा रवि गोलू मडिया अशोक दीपक दिलीप आदि लोग भी इस इस हादसे के शिकार हुए हैं।

घटनास्थल पर घंटों लेट पहुंची पुलिस
आज सुबह जब दो पक्षों में विवाद चल रहा था उसी दरमियान पुलिस को भी रहवासियों ने सूचना दे दी थी लेकिन पुलिस ने सूचना मिलने के बावजूद भी इस घटना को समय रहते तवज्जो नहीं दी थी जिसके कारण मामूली सी घटना बड़े विवाद को जन्म दे गई पुलिस समय रहते घटनास्थल पर पहुंच जाती तो यह बड़ी घटना होने से बस जाती लेकिन पुलिस की लापरवाही के कारण दोनों पक्षों में कम टो खूनी खेल चलता रहा जिसके कारण घटनास्थल पर घटना घटित होने के बावजूद पुलिस डेढ़ घंटे लेट पहुंचने के कारण यह घटना ने दारु धारण कर लिया जिसके कारण 30 से भी अधिक लोग इस घटना से शिकार हुए।

क्या कर रहे हैं पुलिस के कैमरे
झाबुआ पुलिस ने शहर के विभिन्न स्थानों पर कैमरे लगा रखे हैं जिसका ऑन द रिकॉर्ड पुलिस कंट्रोल रूम में देखा जाता है। लेकिन पुलिस इस कड़ी को अपने कैमरों की दृष्टि से देखें तो कौन विवाद की जड़ है इसका पता बखूबी ढंग से लगाया जा सकता है क्योंकि आखिर दोनों पक्षों का विवाद बस स्टैंड फवारा चौक से लेकर जिला चिकित्सालय व थाने तक खुलेआम चलता रहा जिसका वीडियो रिकॉर्ड हर जगह पर कैमरे की दृष्टि में खेद हुआ होगा पुलिस चाहे तो दोषियों दोषियों को पकड़ने के लिए कैमरों की मदद लेकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर सकती है आखिर इस घटना को इस पैमाने पर कौन अंजाम दे रहा था इसका पता पुलिस कैमरों की मदद से आसानी से लगाया जा सकता है अब पुलिस इस को किस दृष्टि से देख कर क्या कार्रवाई करेगी यह तो पुलिस की जांच का विषय है।

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