रतलाम । सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनावों (पंचायत और नगरीय निकाय 2022) की तैयारियों शुरू हो गई है।राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने बताया कि नगरीय निकायों के चुनाव में म्टड और त्रि-स्तरीय पंचायतों के चुनाव में मतपत्र और मतपेटियों का उपयोग किया जाएगा। पंचायतों का चुनाव भी म्टड से करवाने पर 3 माह से अधिक समय लगेगा, क्योंकि म्टड की संख्या सीमित है। इसलिए मतपेटियों के माध्यम से पंचायतों का चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है।राज्य निर्वाचन आयुक्त सिंह ने कहा कि नगरीय निकायों के चुनाव 2 चरण में और पंचायतों के चुनाव 3 चरण में करवाये जायेंगे। दोनों चुनाव साथ में कराना है, इसलिए ऐसी तैयारी करें कि किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं हो। कोई भी समस्या हो, तो मुझे अथवा सचिव राज्य निर्वाचन आयोग को तुरंत बताएँ। संवेदनशील और अति-संवेदनशील मतदान केन्द्रों की समीक्षा कर जानकारी जल्द आयोग को उपलब्ध कराएँ। निर्वाचन प्रक्रिया में सूचना प्रौद्योगिकी का समुचित उपयोग करें।
बैठक में सिंह ने कहा कि नगरीय निकाय निर्वाचन के लिये चुनाव मोबाइल एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। नवीन प्रावधानों के अनुरूप पार्षदों के निर्वाचन व्यय के लेखा का संधारण व्यवस्थित रूप से करवाएँ। रिजर्व ईव्हीएम सुरक्षित तरीके से निर्धारित स्थानों पर ही रखवाएँ। सभी कलेक्टर्स चुनाव सामग्री की उपलब्धता की समीक्षा कर लें। मतदान पेटी का मेंटेनेंस करवा लें। मतपत्र मुद्रण के लिये सभी तैयारियाँ पहले से कर ली जाये।
समुचित सुरक्षा व्यवस्था हो
राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना और अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा से नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में चर्चा की और कहा कि आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से कराने के लिये समुचित सुरक्षा व्यवस्था करें। संवेदनशील एवं अति संवेदनशील मतदान-केन्द्रों पर विशेष ध्यान रखें। कहीं पर भी अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं होनी चाहिये। नगरीय निकाय चुनाव 2 चरण और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव 3 चरण में करवाये जायेंगे। नगरीय निकायों में पार्षदों का चुनाव करवाया जायेगा। महापौर/अध्यक्ष का चुनाव निर्वाचित पार्षदों द्वारा किया जायेगा।
समय समय पर बैठक आयोजित करें
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने कहा कि रिटर्निंग और सहायक रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति कर आयोग को सूचित करें। जिम्मेदार अधिकारियों से मतदान केन्द्रों का सत्यापन कराएँ और आवश्यकता अनुसार उनकी मरम्मत करवा लें। राजनैतिक दलों के साथ समय-समय पर बैठक आयोजित करें। मतगणना स्थल का निर्धारण कर आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करें। जिला, नगरीय निकाय एवं ब्लाक स्तर पर ट्रेनिंग के लिये मास्टर ट्रेनर्स का चयन कर लें।बैठक में ईव्हीएम, सूचना प्रौद्योगिकी, सामग्री प्रबंधन और प्रशिक्षण के संबंध में भी जानकारी दी गई। जिला निर्वाचन अधिकारियों की शंकाओं का समाधान भी किया गया।