मध्यप्रदेश के 300 से ज्यादा नगरीय निकाय और 52 जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए रिजर्वेशन प्रोसेस शुरू हो चुकी है। 52 जिला पंचायतों में से अनुसूचित जाति के लिए 8, अनुसूचित जनजाति के लिए 14, ओबीसी के लिए 4 सीटें आरक्षित हैं। 26 जिला पंचायतें अनारक्षित हैं।ओबीसी के लिए सिर्फ 4 सीटें आरक्षित की गई हैं। यह 7.69 प्रतिशत है। यह पिछली बार से आधी ही हैं। आठ जिला पंचायतें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई हैं। इनमें इंदौर, ग्वालियर, खंडवा, छिंदवाड़ा, सिवनी, कटनी, रतलाम और देवास शामिल हैं। इंदौर, ग्वालियर, रतलाम और देवास एससी महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। ओबीसी के लिए 4 सीटें रिजर्व की गई है। इसके लिए 18 सीटों में से पर्ची निकाली गई। जनसंख्या समेत पिछले रिजर्वेशन को आधार बताते हुए आरक्षण की कार्रवाई की गई। 4 में से 2 महिलाओं के लिए सीट आरक्षित की गई है। रिजर्वेशन प्रोसेस जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान वाल्मी के ऑडिटोरियम (कलियासोत के पास) भोपाल में चल रही है। रिजर्वेशन पर गांव से लेकर शहर तक राजनीति करने वाले उन नेताओं की नजर है, जो अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होना चाहते हैं। रिजर्वेशन प्रोसेस शाम तक चलेगी। नगरीय निकाय के अध्यक्षों के रिजर्वेशन प्रोसेस में देरी हो सकती है, क्योंकि 300 से ज्यादा निकायों के लिए यह कार्रवाई होगी। ऐसे में समय लग सकता है। हालांकि, इनकी प्रारंभिक तस्वीर पहले ही तय हो चुकी है।
दोपहर 3 बजे रविंद्र भवन भोपाल में निकाय अध्यक्षों के लिए रिजर्वेशन-प्रदेश के नगरीय निकायों के चुनावों के लिए नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद का रिजर्वेशन भी 31 मई को होगा। दोपहर 3 बजे रविंद्र भवन के ऑडिटोरियम में आरक्षण की कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान प्रदेश के 16 नगर निगमों के महापौर पद के लिए नया आरक्षण नहीं होगा। महापौर के लिए दिसंबर 2020 में कराई गई आरक्षण प्रक्रिया ही मान्य होगी।
विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी एवं कमिश्नर नगरीय प्रशासन व विकास निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि नगर पालिका परिषद और नगर परिषदों के आगामी सामान्य निर्वाचन के लिए मध्यप्रदेश नगरपालिका (महापौर तथा अध्यक्ष पद का आरक्षण) नियम 1999 के अंतर्गत अध्यक्ष पदों के संशोधित आरक्षण की कार्रवाई की जाएगी।
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