झाबुआ

इंदौर में कन्या संस्कार निर्माण शिविर आयोजित हुआ…..

Published

on

झाबुआ – महातपस्वी ,महामनस्वी , महायशस्वी शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी का सबसे मुख्य उद्देश्य :- बच्चों में और आज की नई पीढ़ी में संस्कारों का निर्माण करना, जिससे वे अपने सुनहरे भविष्य का निर्माण कर सकें । इसी कड़ी में आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी श्री कार्तिकयशाजी आदि ठाणा चार के सानिध्य में अंतर राज्यीय कन्या संस्कार निर्माण शिविर का आयोजन 28 मई से 1 जून तक से पांच दिवसीय शिविर का आयोजन इंदौर मे किया गया । शिविर की मुख्य संयोजिका कनुप्रिया रांका व स्थानीय संयोजिका कृतिका गादीया , शिविर के केंद्रीय संयोजक प्रेम बैद, तेरापंथ सभा इंदौर , महिला मंडल इंदौर आदि के प्रयासों से यह शिविर सफल रहा ।

इंदौर के एयरपोर्ट रोड स्थित महावीर बाग मैं साध्वी श्री कार्तिकयशा जी आदि ठाणा चार के सानिध्य में पंचदिवसीय कन्या संस्कार निर्माण शिविर का आयोजन किया गया । इस शिविर का मुख्य उद्देश्य कन्याओं को आज के भौतिक परिवेश में अपने आप को कैसे आत्मनिर्भर बनाना एवं अपने संस्कारों को जीवंत रखते हुए इस टेक्नोलॉजी के युग में कैसे स्वयं को दैनिक जीवन चर्या में ढाल सके एवं सुनहरे भविष्य का निर्माण कर सकें । इस शिविर के केंद्रीय संयोजक प्रेम बैद थे । कार्यक्रम की मुख्य संयोजिका कनुप्रिया रांका व आयोजक तेरापंथ सभा इंदौर के नेतृत्व व मार्गदर्शन में संयोजिका कृतिका गादीया के अथक प्रयासों से शिविर का आयोजन हुआ और सफल भी रहा। शिविर में कुल 80 कन्याओ ने भाग लिया । शिविर सत्र का समय सुबह 5:30 से रात्रि 8:30 बजे तक रहता था जिसके अंतर्गत बीच में कन्याओं को भोजन, नाश्ता आदि हेतु समय दिया जाता था । शिविर के प्रथम दिन इंदौर कन्या मंडल की कन्याओं द्वारा मंगलाचरण हुआ । बाद में तेरापंथ सभा के अध्यक्ष ने इस विषय पर प्रकाश डाला । कन्या मंडल इंदौर की ओर से कन्या मंडल संयोजिका कृतिका गादीया ने स्वागत भाषण दिया तथा संस्कार निर्माण पर प्रकाश डाला । शिविर के दूसरे दिन अनुशासन रैली भी निकाली गई । साध्वी श्री कार्तिकयशा श्री जी ने संस्कार निर्माण को लेकर प्रतिदिन प्रवचन दिए। जिसमें कैसे कन्याओं में अच्छे संस्कारों का निर्माण हो …जीवन जीने की कला … कैसे खाना… क्या खाना …..कैसे बोलना ……कब बोलना…. परिवार व समाज जनों के साथ हमारा व्यवहार कैसे हो , हमारी दैनिक दिनचर्या कैसी हो आदि विषयों पर वृतांत रुप से कन्याओं को उद्बोधन दिया । साध्वी श्री ने बताया कि नाम में नहीं व्यक्ति अपने काम से पहचाना जाता है जिसका आत्मानुशासन जाग जाता है वही दूसरों को अनुशासित कर सकता है । इस पंचदिवसीय शिविर में अनेक सत्र के माध्यम से विभिन्न विद्वानों व प्रशिक्षकों के द्वारा शिविरार्थी कन्याओं को प्रशिक्षण दिया गया । इस शिविर मे कन्याओं ने अपनी प्रस्तुति द्वारा संस्कार निर्माण के उद्देश्य को समझाया । इस शिविर में पेटलावद ,रतलाम ,रायपुरिया ,करवड, झाबुआ आदि क्षेत्रों से आई कन्या मंडल की कन्याओं ने अपनी प्रस्तुतियां दी, जिसमें पेटलावद कन्या मंडल प्रथम रही । तेरापंथ सभा इंदौर द्वारा प्रत्येक क्षेत्र से समागत कन्याओं को प्रशस्ति पत्र तथा सभा के लिए अभिनंदन पत्र प्रदान किया गया । इस खास अवसर पर 5 दिन के अनुभव के आधार पर अलग-अलग क्षेत्र की कन्याओं को बेस्ट अवार्ड से भी नवाजा गया । अंतिम दिन दूर दराज से आए कन्या मंडल के परिजनों का संयोजिका कृतिका गादीया ने आभार व्यक्त किया और कहा यह शिविर सफल ही नहीं , सफलतम भी रहा तथा सभी के प्रति मंगलकामनाएं प्रेषित की । शिविर की सफलता हेतु सभी समाज जनों के प्रतीक मंगलकामना की ।

Trending