झाबुआ

चर्चित नरेश अपहरण कांड में पुलिस अधीक्षक के खुलासे के पहले मीडिया कर्मी ने किया खुलासा

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झाबुआ से आफताब कुरेशी व पियूष गादिया की रिपोर्ट……

झाबुआ जिले का सबसे चर्चित अपहरण कांड …नरेश सोलंकी का नाटकीय अपहरण 8 फरवरी का होना… और उसके बाद अचानक ही शहर के पारा फाटक पर वापस आना …सब कुछ एक संदेहास्पद था इस अपहरण कांड को लेकर पुलिस द्वारा लगातार दर्जनभर लोगों से पूछताछ भी की गई और अंत स्वयं नरेश सोलंकी अपहरण कांड का मास्टर माइंड निकला |

पुलिस अधीक्षक की प्रेस कॉन्फ्रेंस के पहले प्रिंट मीडिया ने खबर प्रकाशित कर किया खुलासा. . इस चर्चित नरेश सोलंकी अपहरण कांड का खुलासा सघन पूछताछ के बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा शुक्रवार दोपहर करीब 1:00 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ही किया जाना था लेकिन पुलिस अधीक्षक की कॉन्फ्रेंस के खुलासे के पहले ही देश के मीडिया कर्मी ने खबर प्रकाशित कर खुलासा किया | इस खबर प्रकाशन में पूर्ण रूप से खुलासा करते हुए बताया था कि किस तरह नरेश पहले एक लड़की से बातचीत करता था और उसके बाद उससे शादी करना चाहता था लेकिन लड़की ने बाद में उसे मना कर दिया और इसके बाद नरेश सोलंकी को कार खरीदने की धुन चढ़ी और इसी कारण नरेश ने अपने ही अपहरण की व्यू रचना रची |इस खुलासे में पूर्ण रुप से नाम नामजद यह भी बताया कि नरेश के अलावा कौन-कौन इस अपहरण कांड में शामिल थे |साथ ही साथ इस खुलासे में और भी कोई छोटी-छोटी व बारीक जानकारियां थी जो कि संभवतः पुलिस के अलावा किसी के पास नहीं होती है और कॉन्फ्रेंस के पहले ही खबर को प्रकाशित कर दी प्रश्न यह भी उठता है कि पुलिस ने स्वयं इसकी जानकारी 1 दिन पूर्व ही इस मीडिया कर्मी को दी या प्रेस कान्फ्रेंस का तो फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन का क्या औचित्य है ? पुलिस अधीक्षक से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था यह तो अपने अपने सोर्स की बात है तात्पर्य माना जाए तो पुलिस विभाग की खुफिया जानकारी कैसे लीक हुई | इस तरह की जानकारी कॉन्फ्रेंस के पहले 1 दिन पूर्व कैसे लीक हुई |कोई यदि हम सोर्स की बात करें तो इस तरह के सोर्स होने के कारण ही जिले में अभी नशे का कारोबार , जुआ सट्टे का कारोबार , अवैध शराब का कारोबार दिन दुगनी रात चौगुनी की तज पर बढ़ रहा है पुलिस इन स्थानों पर छापा मारती है तो उसके पहले सोर्स अपना काम कर चुका होता है | इस तरह से पुलिस विभाग की गोपनीयता पर भी एक बड़ा प्रश्न है जबकि पुलिस विभाग को इस तरह की संपूर्ण पूछताछ और गोपनीय रखना चाहिए और बाद में इसका खुलासा पूर्ण रूप से करना चाहिए |अगर हम इस बात पर गौर करें तो प्रदेश में यह पहला जिला होगा जहां पुलिस अधीक्षक की कॉन्फ्रेंस के पहले ही प्रिंट मीडिया में उस कांड का पूर्णतः खुलासा हो गया व प्रेस कॉन्फ्रेंस मात्र औपचारिकता पूर्ण रही |इस तरह अगर पुलिस अधीक्षक की प्रेस कॉन्फ्रेंस के पहले ही खुलासे होते रहे तो संभवत जिले में पुलिस अधीक्षक की महत्वता पर भी प्रश्न चिन्ह है ?

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