झाबुआ

किसानों ने पहले से ही पाकिस्तान को कर रखा है टमाटरों से वंचित

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झाबुआ। जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ के जवानों पर धोखे से आंतकवादियों द्वारा हमला करने के बाद अंचल में आक्रोश है। व्यापारि,विद्यार्थी,ग्रहणीयां सब आक्रोशीत है। परंतु कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के रवैये और सीमा पार से घुसपैठियों को भेजने के कारण पेटलावद क्षेत्र के किसान कई महिनों से पाकिस्तान को सबक सिखाने पर जोर दे रहे है। क्षेत्र में बहुतायत में टमाटर का उत्पादन किसान करते है। दो साल पहले यह टमाटर वाघा बार्डर के रास्ते पाकिस्तान के लाहौर और रावल पींडी तक भेजा जाता था। लेकिन इस्लाम के नाम पर आंतकवाद को बढावा देने के कारण क्षेत्र के किसानों ने पाकिस्तान को टमाटर भेजना बंद कर दिया है। अब आक्रोशीत किसान पुलवामा हमले के बाद अपने इस निर्णय को सही बताते हुए कह रहे है कि पाकिस्तान इसी के लायक है। पेटलावद का टमाटर पाकिस्तान तक फेमस। पेटलावद क्षेत्र का टमाटर अपने स्वाद और रंग के कारण पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचाना बना चुका है। क्षेत्र के टमाटर पेटलावद क्षेत्र से दिल्ली की मंडियों में पहुंचता है। जहां से विशेष मांग होने पर पाकिस्तान और अन्य खाडी देशों में भेजा जाता है। किंतु किसानों में भी इस समय आक्रोश है उन्होंने अपने टमाटर को दुश्मन देशो तक नहीं भेजना का फैसला कई समय पहले ही ले लिया था।1500 हेक्टयर में होती टमाटर की खेती। पेटलावद क्षेत्र में इस समय 1500 हेक्टयर में टमाटर की खेती होती है। एक दशक पहले तक पेटलावद क्षेत्र में लगभग 6 हजार हेक्टयर में टमाटर की खेती होती थी। किंतु भाव के उतार चढाव और लागत अधिक लगने से किसानों का रूझान टमाटर की ओर से घटा है। किसानों की जुबानी। पाकिस्तान को किसी भी वस्तु का निर्यात नहीं होना चाहिए। जब वह यूरोपी देशों से महंगा सामान खरीदेगा तब उस की अकल ठिकाने लगेगी। लक्ष्मण सिंह मुणिया, किसान, मनासीया।हमने तो दो साल पहले ही पाकिस्तान को टमाटर भेजना बंद कर दिए थे। हमने भारतीय बाजार में ही टमाटर बेचा। भले हमकों आर्थिक नुकसान उठाना पडा लेकिन हमने अपने स्तर पर पाकिस्तान को सबक सिखाया। ऐसा हर नागरिकों को करना चाहिए। नाथूलाल पाटीदार, किसान रायपुरिया।हम तो कई महिनों से अपने टमाटर दिल्ली भेजते है। हमने पाकिस्तान टमाटर भेजने वाले सब्जी दलालों को टमाटर देना बंद कर दिया है। देश के बाकी लोग तो अब जाग रहे है। हमने पाकिस्तान की नियत को पहले जान कर उस पर चोट कर दी है। रामेश्वर मक्शा,किसान रायपुरिया। किसानों के इस कदम की क्षेत्र में जगह जगह सराहना की जा रही है। किसानों ने देश प्रेम दिखा कर सिद्व कर दिया है कि ‘‘ जय जवान जय किसान‘‘ का देश है। जितेंद्र कटकानी, सामाजिक कार्यकर्ता,पेटलावद। 17 झाबुआ 5- टमाटर की भरपूर आवक पेटलावद क्षेत्र में होती है

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