झाबुआ

जिला आबकारी अधिकारी के संरक्षण में बढ़ता अवैध शराब का कारोबार

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फाेटाे जिला आबकारी अधिकारी… अभिषेक तिवारी

झाबुआ से आफताब कुरेशी व पियूष गादिया की रिपोर्ट. झाबुआ – आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिला जो कि राजस्थान और गुजरात की सीमा पर बसा हुआ है और साक्षरता के मामले में भी जिला पिछड़ा हुआ है साथ ही साथ इस जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में अवैध शराब की दुकानें आसानी से देखी जा सकती है अशिक्षा और शराब माफियाओं के चलते जिला आज भी पिछड़ेपन के अभिशाप से मुक्त नहीं हो पाया है एक तरफ तो गुजरात राज्य में शराब पर प्रतिबंध है वहीं दूसरी और सबसे निकटतम झाबुआ जिला होने से यहां से सीधा गुजरात राज्य में अवैध शराब का परिवहन सतत जारी है मध्य प्रदेश की सीमा से गुजरात की और प्रतिदिन अनेकों वहां अवैध शराब भरकर परिवहन कर रहे हैं लेकिन ना तो इस और पुलिस विभाग का और ना ही जवाबदार आबकारी विभाग का कोई ध्यान है हालात यह है कि इस जिले में अवैध शराब का व्यापार दिन दुगनी रात चौगुनी की तर्ज पर फल फूल रहा हैं अवैध शराब के फलते फूलते व्यवसाय में शराब माफियाओं की चांदी ही कर दी है इस जिले में कई होटलों व ढाबों में शराब जमकर परोसी जा रही है और यहीं से अवैध शराब माफिया की चांदी हो रही है इस जिले के भोले भाले आदिवासी शराब के नशे की गिरफ्त में आ कर बर्बाद हो रहे हैं लगातार अपराधों में भी इजाफा इस शराब खोरी का ही परिणाम है लेकिन जिला आबकारी अधिकारी का इस ओर ध्यान नहीं है जिससे इन शराब माफियाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं |

अगर अवैध शराब के अवैध कारोबार की जड़ में जाने की कोशिश करें तो जानकारी तैरने चाैकने करने वाली है वास्तविकता यह है कि शराब का अवैध धंधा ठेकेदारों का ही फंडा होता है ठेकेदार शराब की जो दुकान ठेके पर लेता है उस क्षेत्र में दर्जनों दुकानें चलाता है कतिपय ढाबे वाले ,होटल वाले , घूमटी वाले ,कोई घरों से कोई चाय की दुकान से कोई पान की दुकान से आदि अनेक प्रकार से शराब का अवैध कारोबार होता है और इन सब दुकानों पर अवैध शराब जीप आदि के माध्यम से सप्लाई की जाती है यह जीप रोजाना जिले के एफएमसीजी प्रोडक्ट्स की तरह मार्केटिंग करते हुए अवैध शराब का परिवहन करती है | जिसकी जानकारी पुलिस विभाग के साथ साथ जिला आबकारी विभाग को भी होती है लेकिन जिला आबकारी विभाग द्वारा इस अवैध शराब पर किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की जाती है जिससे यह व्यापार इन साधनों के माध्यम से दिन दुगनी रात चौगुनी की तर्ज पर विकास कर रहा है और ठेकेदार के साथ-साथ आबकारी अधिकारी की जेब भी गर्म कर रहा हाेगा अन्यथा कार्रवाई ना होना समझ से परे है

आबकारी अधिकारी के संरक्षण में ही बढ़ रहा है अवैध शराब का व्यवसाय
जिला आबकारी अधिकारी द्वारा जब से जिले में पदस्थ हुए हैं संभवतः अवैध शराब माफियाओं पर शायद ही कोई बडी कार्यवाही की होगी | हां यह जरूर है कि कागजी खानापूर्ति हेतु जिला आबकारी अधिकारी द्वारा ताड़ी के केस ,कच्ची शराब के केस , महुआ से बनी शराब आदि के केस बनाकर इतिश्री कर ली जाती है आबकारी विभाग द्वारा जिले में जगह-जगह इस तरह के केस बनाए भी गए जो मात्र खानापूर्ति कर इतिश्री की गई |जबकि जिले मे व शहर में व आसपास के क्षेत्र में दर्जनों दुकानों पर अवैध शराब का परिवहन व विक्रय खुलेआम हो रहा है जिसकी जानकारी आबकारी अधिकारी को होने के बाद भी कोई कार्रवाई ना होना इस ओर संकेत करता है कि यह सारा अवैध शराब का कारोबार आबकारी अधिकारी के संरक्षण में ही फल-फूल रहा है जबकि विगत कुछ दिनों पूर्व ही क्राइम ब्रांच ने रभांपुर के पास से करीब 284 पेटी अवैध शराब पकड़ी थी जिसकी कीमत ₹527000 थी जिसकी जानकारी आबकारी विभाग काे भी थी और जो काम आबकारी विभाग का था पुलिस की क्राइम ब्रांच ने किया |जिला आबकारी अधिकारी की गैर जिम्मेदाराना रवैया और मनमानी पूर्वक कार्य शैली से जिले में अवैध शराब का कारोबार फल फूल रहा है और जिले का युवा व भोला भाला आदिवासी इसकी गिरफ्त में आ रहा है इसी कारण क्राइम भी बढ़ रहा है इस तरह आबकारी अधिकारी की कार्यशैली से तो ऐसा लगता है कि पूरे जिले में ही आबकारी अधिकारी के संरक्षण में अवैध शराब का कारोबार बढ़ रहा है आज जिले में कहीं पर भी किसी भी बच्चे से पूछ लिया जाए कि शराब कहां मिलती है तो वह आसानी से उस स्थान का पता बता देगा | इस तरह इस आबकारी अधिकारी के कार्यकाल में जिले में अवैध शराब के मामले में तेजी से विकास किया है |

नगरपालिका के सामने खुले में बिक रही अवैध शराब. झाबुआ शहर के बस स्टैंड के पीछे नगर पालिका कार्यालय के सामने दो दुकानों पर अवैध शराब का कारोबार दिन दुगनी रात चौगुनी की तर्ज पर बढ़ रहा है खुलेआम अवैध शराब का विक्रय और सेवन किया जा रहा है जबकि सामने एक निजी संस्था मे हजारों बच्चे अध्ययनरत है इसके अलावा शहर के विभिन्न गुमटियाे मे, ढाबा पर, किराना दुकान आदि अनेक स्थानों पर भी अवैध शराब का विक्रय जोरो पर हो रहा है जिसकी जानकारी आबकारी विभाग और उसके अधिकारी को पूर्ण रूप से है लेकिन विभागीय लोग किसी भी प्रकार की कार्रवाई अवैध शराब माफियाओं पर न करके बढ़ावा ही दे रहे हैं जो कि आने वाले समय में घातक सिद्ध होगा |

क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देगा या यह आबकारी अधिकारी इस पूरे जिले को अवैध शराब माफियाओं का अड्डा बना देगा …|

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