झाबुआ

आबकारी विभाग के संरक्षण में राणापुर में बढ़ता अवैध शराब का कारोबार

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झाबुआ / राणापूर – जिले में आबकारी विभाग के संरक्षण में अवैध शराब माफिया दिन-ब-दिन हावी होते जा रहे हैं वहीं राणापुर क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार दिन ब दिन बढता ही जा रहा है… शराब माफिया दिन रात अपनी गाडियों में राणापुर व उसके आस पास अवैध शराब की सप्लाई कर है। यह शराब माफिया अल सुबह से ही एफएमसीजी प्रोडक्ट की तरह मार्केटिंग करते हुए वाहनों से अवैध शराब की सप्लाई कर रहे हैं प्रदेश के मुखिया कमलनाथ के सख्त निर्देश है कि अवैध शराब कारोबारियों पर लगाम कसी जा सके। जिसके चलते हाल की में एक आदेश भी जारी किया गया था। लेकिन जिले में आबकारी विभाग इन अवैध शराब कारोबारियों के सामने नतमस्तक है। जिसके चलते शराब माफियाओं के हौसलें इतनें बुलंद है कि वो नकली शराब परोस कर लोगों की जिन्दगी से खिलवाड कर रहे है और आबकारी विभाग जानकर भी अनजान बन रहा है।

जिले में भगोरिया की सुगबुगाहट के साथ ही अवैध शराब माफिया सक्रिय हो चुके हैं राणापुर व उसके आसपास के क्षेत्रों में ठेकेदार द्वारा अवैध शराब का कारोबार दिन दुगनी रात चौगुनी की तर्ज पर किया जा रहा है सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इन ठेकेदारों द्वारा राणापुर के रास्ते से होते हुए पिटाेल के रास्ते से गांधी के गुजरात में भी अवैध शराब सप्लाई की जा रही है व ऱाजसथान भी |जिसकी जानकारी आबकारी विभाग को भी है लेकिन आबकारी विभाग के संरक्षण में यह अवैध शराब माफिया की चांदी हो रही है आबकारी विभाग द्वारा कार्रवाई के नाम पर कच्ची शराब , महुए से बनी शराब , ताडी आदि के केस तो बनाए जाते हैं और कागजी खानापूर्ति की जाती है लेकिन अवैध शराब माफियाओं पर कोई भी कार्यवाही नहीं की जाती है | जिससे इनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं और यह जिला अवैध शराब माफियाओं का गढ बन चुका है आबकारी विभाग का इस राणापुर क्षेत्र में ठेकेदार को पूर्ण रूप से संरक्षण प्राप्त है जिससे या ठेकेदार वाहनों के माध्यम से आसपास के क्षेत्रों में अवैध शराब सप्लाई कर रहा है और जिले की भोली-भाली जनता को शराब के नशे में डुबोकर गुमराह कर रहा है इसके अलावा इन ठेकेदारों के पास इस अवैध शराब के कारोबार के लिए बाहर से भी कर्मचारियों को बुलाया जाता है जिनका किसी भी तरह से कोई पुलिस वेरिफिकेशन नहीं होता है जो कभी भी इस जिले में आते हैं और अवैध शराब का का कार्य करके पुनः लोट जाते हैं चुकी है ठेकेदार बाहर के है इसलिए उनके कर्मचारी भी बाहर से ही आते हैं और अवैध कारोबार को अंजाम देते हैं हां यह जरूर है कि पुलिस द्वारा कभी कबार इन माफियाओं पर कार्रवाई की जाती है लेकिन आबकारी विभाग तो मानाे अवैध शराब का व्यापारी जिले में नजर नहीं आ रहा है | वहीं जिले में अभी लोकसभा चुनाव की तैयारी भी जोरों पर चल रही है यदि समय रहते इन अवैध शराब माफियाओं पर शिकंजा नहीं कसा गया और जिले के बाहर से आए व्यक्तियों का वेरीफिकेशन नहीं किया गया गया तो संभव था इन बाहरी व्यक्तियों द्वारा जिले की शांति को भंग करने की भी संभावना है यह जन चर्चा भी जोरों पर है कि प्रतिदिन इस जिले से करोड़ो रुपए की शराब ट्रकों और टा्लों के माध्यम से बिना रोक-टोक के गुजरात और राजस्थान रात के अंधेरे में खपाई जा रही है और जिस तरह से जिला आबकारी अधिकारी की कार्यप्रणाली पर ध्यान दिया जाए ऐसा प्रतीत होता है मानो की जिला आबकारी अधिकारी का इन अवैध शराब माफियाओं को पूर्ण रूप से संरक्षण प्राप्त है विशेष रूप से इस राणापुर क्षेत्र में तो ऐसा लगता है जैसे इन अवैध शराब माफियाओं को किसी भी अधिकारी और कर्मचारी का डर नहीं है यह खुलेआम माफियाओं की तरह अवैध शराब गांव गांव फलिये फलिये पराेस्ते नजर आ रहे हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी होने के बाद भी किसी भी तरह की कार्रवाई ना होना समझ से परे है प्रश्न यह आखिर शराब के बड़े कारोबारियों या शराब माफिया.. आबकारी विभाग व पुलिस विभाग की पकड़ से दूर क्यों है पुलिस ने छोटे छोटे व्यापारियों पर शिकंजा तो कस कर रखा है लेकिन इन माफियाओं पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही है क्यों ?

क्या शासन प्रशासन या आबकारी विभाग इस और ध्यान देगा …..या बाहर से आए यह शराब माफिया इस जिले को अवैध शराब का गढ़ बना देंगे और जिले के भोले भाले आदिवासी जनता को नशे की गिरफ्त में पहुंचा देंगे |

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