झाबुआ

झाबुआ के दो अजूबे बालक-बालिकाएं, दोनो हाथों से लिखकर गिनीज बुक में नाम लिखवाने की चाहत

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झाबुआ से दौलत गोलानी की रिपोर्ट

झाबुआ। चाहत अगर हो बुलंदियों को हासिल करने की …. तो उम्र का कोई तकाजा नहीं होता …., इस कहावत को चरितार्थ कर रहे है झाबुआ के रामकृष्ण नगर में रहने वाले दो बालक-बालिकाएं, जो भाई-बहन होकर छोटी सी उम्र में ही उनमें कर गुजरने की चाहत है, वह दो अजूबों के रूप में दोनो हाथ से पुस्तकों पर लिखने में महारथी हासिल कर रहे है, जिसमें उनके काफी हद तक कामयाबी भी मिली है, ऐसा करने के पीछे उनकी ख्वाईा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकार्ड में नाम दर्ज करवाने की है।
झाबुआ के रामकृष्ण नगर के रहने वाले अजय वीरसिंह चौहान की एक बालिका अनुष्का और एक बालक धर्मवीर है। अजय वीरसिंह चौहान इंडियन आर्मी दिल्ली में पदस्थ है। उनके बच्चें स्कूल जाने के साथ घर पर अपना रूटिन होमवर्क करने के दौरान दोनो हाथों से लिखने का प्रयास करते है, जिसमें उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिली है और ऐसा करने में एक ओर जहां उनका होमवर्क जल्दी हो जाता है तो वहीं उन्हें काफी अच्छा भी लगता है।
अंग्रेजी और संस्कृत में भी लिखने के प्रयास
वर्तमान में अनुष्का और धर्मवीर अपना हिन्दी भाषा में होमवर्क दोनो हाथों से कर रहे है, तो आगामी उनकी इच्छा अंग्रेजी के अलावा संस्कृत में भी दोनो हाथों से लिखने की है। इस तरह से वह एक अनूठा खिताब हासिल करने के प्रयास करने की ओर अग्रसर हो रहे है।
दिमाग की कसरत भी होती है
अनुष्का और धर्मचीर से जब चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि दोनो हाथों से लिखने से दिमाग का लेफट और राइट हिस्सा एक साथ काम करता है और इससे दिमाग की अच्छी कसरत भी हो जाती है। मस्तिष्क के सोचने और समझने की क्षमता बढ़ती है।

फोटो 004 -ः अनुष्का और धर्मवीर स्कूल का प्रतिदिन का होमवर्क दोनो हाथों से लिखकर कर रहे है।

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