झाबुआ

मटमेला व बदबूदार पानी प्रदाय किया जा रहा है……. क्यों ?

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झाबुआ नगर में पिछले 20 दिनों से जो पानी प्रदाय किया जा रहा है वह काफी मटमैला व पीले रंग का पानी व बदबूदार है लेकिन फिर भी विभाग के अधिकारी इस इसे पीने योग व सेहत के लिए हानिकारक नहीं बता रहे हैं क्यों ? कहीं ना कहीं इसमें वाटर वर्क्स इन चार्ज व पीएचई विभाग की लापरवाही सामने नजर आ रहीे हैं अन्यथा इतने दिनों में पानी को साफ व स्वच्छ ना किया जा सके यह समझ से परे है?

झाबुआ शहर में विगत 15 से 20 दिनों से मटमैला पीले रंग का व बदबूदार पानी सप्लाई किया जा रहा है शहर की जनता इस जल प्रदाय को लेकर काफी आक्रोशित है आमजन का कहना है कि यह पानी न करे पीने योग्य है और नहीं दैनिक कार्यों के उपयोग में लाने जैसे कपड़े ,बर्तन आदि धोने के लिए |आमजन को पीने के पानी और अन्य दैनिक कार्यों के लिए हैंड पंप का सहारा लेना पड़ रहा है पानी को लेकर आम जनों में बीमारी फैलने का भी भय बना हुआ है

पूर्व के वर्षों में भी ऐसी स्थिति आई थी जब धमाेई तालाब या अन्य स्त्रोतों से पानी को शहर के डैम तक लाया गया था और पानी को 3 से 4 दिन में स्लो सैंड फिल्टर के माध्यम से पानी फिल्टर कर जल प्रदाय भी किया गया था और तो और बरसात के दिनों में भी विभाग द्वारा मटमेला व पीले रंग के पानी को ट्रीटमेंट प्लांट द्वारा साफ-सुथरा कर,पानी सप्लाई किया जा रहा था लेकिन वर्तमान में मटमैला पानी ही क्यों ?

फाेटाे – सलाै सेंड फिल्टर मीडिया की दुर्दशा |

जब इस बारे में वास्तविक स्थिति जानने का प्रयास किया तो प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि वर्तमान में जो पानी प्रदाय किया जा रहा है वह पानी स्लो सैंड फिल्टर के माध्यम से फिलटर कर प्रदाय न करके रैपिड सैंड फिल्टर के माध्यम से प्रदाय किया जा रहा है जिसकी वजह से पानी मटमैला प्राप्त हो रहा है व पानी से बदबू भी आ रही है ट्रीटमेंट प्लांट में फिल्टर मीडिया डालकर यहां बने तीनों प्लांट से फिल्टर होकर जल प्रदाय किया जाता तो ऐसी स्थिति नहीं आती | जब वाटर वर्क्स पहुंचकर वहां जानने का प्रयास किया ताे देखा कि स्लो सैंड फिल्टर दोनों पूरी तरह से चौक है विभाग द्वारा उस पद्धति से पानी को फिल्टर ही नहीं किया जा रहा है जबकि पूर्व के वर्षों में यह पद्धति काफी हद तक प्रभावशील थी और 3 से 4 दिनों में ही स्लो सेंड फिल्टर के माध्यम से पानी साफ होने के बाद जल प्रदाय हेतु तैयार था लेकिन वर्तमान में मानाे ऐसा लगता है की वाटर वक्स इंचार्ज और पीएचई विभाग काे जनता को हो रही परेशानी की ओर ध्यान ही नहीं है वे लोग तो सिर्फ एसी कमरों में बंद बैठकर आरो का पानी पीकर चैन की नींद सो रहे है और जनता इस मटमेला व पीले रंग के पानी से त्रस्त है क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देगा व मटमैला व बदबूदार पानी से निजात दिला सकेगा |

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