झाबुआ

निर्वाचन आयोग ने ‘पेडन्यूज’ पर बारीकी से ध्यान देने के निर्देश दिए पेड न्यूज पर नियंत्रण हेतु प्रशिक्षण संपन्न

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‘पेडन्यूज’ साबित होने पर प्रत्याशी के निर्वाचन व्यय में जुड़ेगा खर्च
पेड न्यूज पर नियंत्रण हेतु प्रशिक्षण संपन्न
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा निर्वाचन 2019 के दौरान पेड न्यूज पर नियंत्रण रखने के लिये नियुक्त शासकीय सेवको एवं समिति सदस्यो के लिये प्रशिक्षण का आयोजन आज कलेक्टर कार्यालय झाबुआ के सभाकक्ष मे किया गया। प्रशिक्षण मे पेड न्यूज पर नियंत्रण के लिये नियुक्त शासकीय सेवको को विज्ञापन सर्टिफिकेशन एवं स्थानीय न्यूज चैनलो/राज्य स्तरीय चैनलो पर प्रसारित संदिग्ध पेड न्यूज/विज्ञापन के संबंध मे विस्तृत दिशा-निर्देशो की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण मे समिति के सदस्य, जनसंपर्क अधिकारी श्रीमती अनुराधा गहरवाल, सांख्यिकी अन्वेषक जिला पंचायत श्री सुधीर कुशवाह, सहायक लोक अभियोजन अधिकारी श्री राजेंद्र पाल अलावा उपस्थित थे। प्रशिक्षण मे राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर श्री लोकेंद्र चौहान एवं नोडल अधिकारी पेड न्यूज श्रीमती अनुराधा गहरवाल ने पावर पाईंट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया।
प्रशिक्षण मे बताया गया कि लोकसभा निर्वाचन के दौरान जिले में केबल चैनलों, समाचार पत्रों से प्रसारित कार्यक्रमों पर नजर रखी जा रही है। निर्वाचन आयोग ने ‘पेडन्यूज’ पर बारीकी से ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। एमसीएमसी ही पेडन्यूज के संबंध में निर्णय लेगी। एमसीएमसी द्वारा ही मीडिया सेंटर (मीडिया अनुवीक्षण प्रकोष्ठ) के जरिए 24 घण्टे इलेक्ट्रोनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया द्वारा प्रसारित होने वाली खबरों की गहन छानबीन की जा रही है। पेडन्यूज साबित होने पर संबंधित प्रत्याशी के निर्वाचन व्यय में पेडन्यूज प्रकाशन पर हुआ खर्च जोड़ा जायेगा।
पहले लेनी होगी अनुमति
इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर चुनाव-प्रचार संबंधी कार्यक्रम व क्लिपिंग इत्यादि प्रसारित करने के लिये पूर्व अनुमति लेनी होगी। इसके लिए प्रमाणित ट्रांसक्रिप्ट दो प्रति में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पार्टी को टेलीकास्ट करने से तीन दिन पूर्व तथा निर्दलीय एवं अन्य को सात दिन पूर्व देनी होगी। मूल स्क्रिप्ट सहित सम्पूर्ण चुनाव प्रचार सामग्री की बारीकी से जाँच करने के बाद ही इलेक्ट्रोनिक मीडिया से चुनावी प्रचार संबंधी कार्यक्रम व विज्ञापन पट्टियाँ प्रसारित करने की अनुमति दी जायेगी। इस जाँच में खासतौर पर यह देखा जायेगा कि इस प्रचार-प्रसार में राजनैतिक दलों व प्रत्याशियों द्वारा चुनावी खर्चा तो नहीं छुपाया जा रहा।

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