झाबुआ – पुलिस थाना कोतवाली झाबुआ पर कई तरह के विवादित मामले आते हैं इनमें से कई तरह के आपसी विवाद ,किसी दुर्घटना को लेकर विवाद , जमीन विवाद आदि अन्य प्रकार के मामले होते हैं इनमें से कई मामलों में आपसी तालमेल व सूझबूझ की कमी के कारण विवाद होते हैं और आमजन थाने पर पहुंच जाते हैं | पुलिस का प्रथम दायित्व होता है कि पुलिस कोतवाली पर आने वालाे आमजन से सभ्यता और शालीनता से पेश आए चाहे वो आने वाला जन किसी भी विवाद के मामले में आया हो | कई मामलों में यदि पुलिस सभ्यता व शालीनता से पेश आए और समझाइश दे तो कई मामले सुलझ सकते हैं लेकिन झाबुआ पुलिस कोतवाली पर पदस्थ एक पुलिसकर्मी ना तो आमजन से शालीनता से पेश आता है और ना ही पुलिसकर्मियों से |वह झाबुआ कोतवाली पर इस तरह से अपना रौब जमाता है कि मानो जिले की कमान उसी के हाथों में है उस पुलिसकर्मी की बात ना मानने पर वह फरियादी को थाने से जाने को कहता है और कई बार पुलिस कर्मियों को भी डराता है |
पुलिस थाना कोतवाली झाबुआ पर कई तरह के विवादित मामले आते हैं यदि इन मामलों में से कई को सही तरीके से हैंडल किया जाए व मामले को पुलिस द्वारा बातचीत से व समझाइश दी जाए तो कई मामले थाने पर ही सुलझाए जा सकते हैं लेकिन पुलिस कोतवाली थाना झाबुआ पर पदस्थ एक पुलिसकर्मी थाने पर आने वाले फरियादी व अन्य जनों से बड़े ही बदतमीजी से बात करता है और दुर्व्यवहार करता है कई बार उनकी बात सुने बगैर ही उन्हें थाने से जाने को कहता है नाम न बताने की शर्त पर कई आमजनों ने बताया कि यह पुलिसकर्मी ने तो हमारी बात को सुनता है और तो और बड़े ही बदतमीजी से जवाब देता है और दुर्व्यवहार भी करता है साथ ही साथ अपनी पीड़ा सुना रहे फरियादी की बात को भी नहीं सुनता है उसकी बात ना मानने पर थाने से जाने को कहता है और एफआईआर की बात करता है साथ ही साथ इस झाबुआ थाने पर पदस्थ पुलिसकर्मियों पर भी अपना रोब जमाता है और बात न सुनने पर पुलिसकर्मी को भी एफआईआर की धमकी देता है | आओ पता लगाएं ……….वह कौन सा पुलिसकर्मी है जो जनता और खाकी से राैब से बातें करता है और उन्हें डराता है |जिस जिले का कप्तान बड़ी ही शालीनता व सभ्यता से आम जनों की व्यथा को सुनते है उस जिला मुख्यालय के थाने पर पदस्थ पुलिसकर्मी क्यों आम जनों से दुर्व्यवहार करता है ? क्या पुलिस कप्तान इस और ध्यान देंगे या पुलिसकर्मी यूं ही अपना राैब इस पुलिस कोतवाली झाबुआ पर जमाता रहेगा |