झाबुआ से पीयूष गादिया व राधेश्याम पटेल के रिपोर्ट….
झाबुआ – शहर की जनता का प्रथम दायित्व होता है कि वह समय-समय पर संपत्ति कर व अन्य कर नगर पालिका में जमा करावे | नगर पालिका द्वारा भी शिविर लगाकर जनता को जागरूक कर संपत्ति कर भरने हेतु प्रेरित भी किया जाता है लेकिन शहर की जनता जब इस कर को भरने के लिए शिविर व नगर पालिका परिषद में जाती है तो कई बार नगर पालिका द्वारा संपत्ति कर नियमानुसार भराया जाता है लेकिन कई बार आमजन के साथ नगर पालिका का एक कर्मचारी नियम कायदों की दुहाई देकर तरह-तरह की कमी -पेशी बता कर , फिर भी ना मानने पर नोटिस आदि देकर नगर पालिका का एक कर्मचारी इस कर वसूली की आड़ में कर रहा है ……..अवैध वसूली | नाम ना बताने की शर्त पर कई जनों ने बताया है कि नगरपालिका का एक कर्मचारी संपत्ति कर की वसूली के आड़ में आम जनों को कई बार नोटिस देकर या फिर नियम कायदे बता कर , उसमें संशोधन करने हेतु अवैध रूप से वसूली करता है कई जनों ने यहां तक भी बताया कि यदि मकान दो मंजिला है और पूरे मकान में हम ही रहते है और किराएदार नहीं ….तो भी इस कर्मचारी ने प्रथम तल पर अपने रिकॉर्ड में किराएदार होना बताया |जबकि वास्तव मे ऐसा कुछ नहीं होता है आम जनों को छोटी-छोटी बातों को नियम कायदों से अलग हटकर बता कर यह कर्माचारी अवैध रूप से वसूली कर रहा है जब इस कर्मचारी की बात नहीं मानी जाती है तो यह नोटिस आदि देखकर संबंधित को डराता है और तरह तरह की कार्रवाई होना बताकर संबंधित से अवैध वसूली करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है पूर्व के वर्षों में भी इस कर्मचारी द्वारा कर वसूली की आड़ में भारी अवैध वसूली की जिसका खामियाजा परिषद को भुगतना पड़ा था और फिर यह कर्मचारी इस कार्यकाल में भी इसी तरह की अवैध वसूली कर शहर की जनता में डर पैदा कर रहा है आम जनों ने यह भी कहा है कि यदि इस कर्मचारी का मकान या आलीशान बंगला देखा जाए और इसके कार्यकाल का समय देखा जाए तो आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज होने की संभावना है वर्षों से यह कर्मचारी नगर पालिका में काबिज हाकर इस तरह की अवैध वसूली कर दिन दुगनी रात चौगुनी की तर्ज पर विकास कर रहा है और जनता को डरा धमका कर अपनी जेबें भर रहा है …….क्या शासन प्रशासन इस और ध्यान देगा और इस तरह की अवैध वसूली आम जनता से कर रहे कर्मचारी पर कोई कार्रवाई करेगा या फिर या कर्मचारी आमजन से वसूली करता रहेगा ?