झाबुआ

मदर्स-डे पर लोकरंग शिविर के बच्चों ने ड्राईंग एवं संगीत के माध्यम से अपनी भावनाएं व्यक्त की, लोक रंग संस्था द्वारा किया जा रहा मस्ती की पाठशाला का आयोजन……..

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झाबुआ। सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं कला के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था लोक रंग झाबुआ द्वारा प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी ग्रीष्माकालीन अवकाश में लोक रंग शिविर (मस्ती की पाठशाला) का आयोजन गत 5 मई से 26 मई तक किया जा रहा है।
12 मई, रविवार को मदर्स-डे के उपलक्ष में शिविर के बच्चों ने पेटिंग, ड्राईंग एवं स्केचिंग के माध्यम से मां के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त की एवं संगीत में वाद्ययंत्रों द्वारा गीत की प्रस्तुति दी। जिसमें संस्था के प्रशिक्षक आशीष पांडेय, दीपक दोहरे, विकास पांडेय, विरेन्द्रसिंह राठौर, कृष्णा कालानी, प्रवेश उपाध्याय, अमृता मिश्रा, भूमिका माहेशवरी, ताहा अली, हिमांक भूरिया, महावीर परमार, राहुल डामोर एवं अन्य सदस्य मौजूद थे। यह लोकरंग शिविर बाबेल कंपाउंड में आरएसएस कार्यालय के समीप संचालित किया जा रहा है।
निःस्वार्थ भाव से कार्य कर रहीं संस्था
संस्था के विकास पांडे ने बताया कि शिविर में संगीत, नृत्य, अभिनय, चित्रकला, एवं हस्तिल्प कला का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शिविर का समय सुबह 8 से 10 बजे तक रखा गया है। संस्था के दीपक दोहरे ने बताया कि उक्त संस्था पूर्णतः सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक तथा कला के क्षेत्र में झाबुआ शहर एवं आसपास के क्षेत्रों में निःस्वार्थ भाव से कार्य कर रहीं है।
जानी-मानी कंपनियों से प्रतिभागियों से कोर्स किया
संस्था से प्रशिक्षण प्राप्त कर कई प्रतिभागी डांस इंडिया डांस एवं इंडिया गोट टेलेंट के साथ कई रियलिटी शो में उच्च मंच पर भी अपनी प्रतिभाओं का प्रर्दान कर चुके है। इसके साथ ही किंग्स यूनाईटेड मुंबई एवं रूट्स ऑफ डांसिंग बड़ौदा जैसी जानी-मानी कंपनी से लोक रंग संस्था के प्रतिभागी कोर्स भी कर चुके है। संस्था का एक ही लक्ष्य है, कला की पहचान करना, उसे निखारना और उच्च मंच प्रदान करना।

फोटो 004 -ः मां पर सुंदर चित्र बनाने नन्हा बालक।

फोटो 005 -ः चित्रकला प्रतियोगिता में हिस्सा लेने प्रतिभागी।

फोटो 006 -ः संगीत के माध्यम से भी बच्चों ने मां के प्रति अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुत की।

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