झाबुआ

झकनावदा में श्री केरियानाथजी हुए गादीनशीन, मांडोत परिवार ने की प्रतिष्ठा व फहराई ध्वजा, नगरभोज में बड़ी संख्या में शामिल हुए नगरवासी

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झाबुआ से दौलत गोलानी की रिपोर्ट……
झाबुआ। झकनावदा नगर में केशरियानाथ प्रभु के पांच दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव दादा गुरूदेव की पाट परंपरा के अष्टम पट्टधर वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य देवेष श्रीमद् विजय ऋषभचन्द्रसूरीवरजी म.सा., मालवशिरोमणि मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., युवाप्रेरक मुनिराज रजतचन्द्रविजयजी म.सा., ज्ञानप्रेमी मुनिराज पुष्पेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज रूपेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज प्रितियषचन्द्रविजय जी म.सा., मुनिराज जिनचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज जीतचन्द्रविजयजी म.सा, मुनिराज जनकचन्द्रविजयजी म.सा. एवं वरिष्ठ साध्वी श्री किरणप्रभाश्री जी म.सा. व साध्वी श्री संघवणश्री जी म.सा. की सुशिष्या साध्वी श्री तत्वलोचनाश्री जी म.सा. आदि ठाणा 9 साध्वीवृंद की निश्रा में सम्पन्न हुआ।
श्री केशरीयानाथ प्रभु की प्रतिष्ठा को लेकर झकनावदा नगर में चारों ओर हर्षोल्लास का वातावरण बना हुआ था। जय जय श्री आदिनाथ के घोष व ओम पुण्याहं पुण्याहं, ओम प्रियंताम् प्रियंताम् की ध्वनियों के मध्य प्रभु श्री केसरीयानाथ दादा गादीनशीन हुए। प्रभु श्री केसरियानाथ दादा को श्रीमती कमलाबाई झमकलालजी भेरुलाल मांडोत परिवार ने गादी पर विराजमान किया। प्रभु के शिखर पर श्री कन्हैयालाल भेरुलाल बबलूभाई मांडोत परिवार ने ध्वजा फहराई। जिन मंदिर के मूल गंभारे में श्री मगनलाल कस्तुरचंद सोलंकी बैंगलोर ने शीतलनाथ प्रभु, श्री कनकमल वरदीचंद मांडोत परिवार ने श्री अन्तनाथ प्रभु की प्रतिष्ठा की। गौतमस्वामीजी की प्रतिमा झमकलाल भेरुलालजी मांडोत परिवार द्वारा विराजित की गई। दादा गुरुदेव श्रीमद् विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की प्रतिमा विराजित कर अमर ध्वजा फहराने का लाभ श्री मगनलालजी कस्तुरचंदजी बैंगलोर वालों को प्राप्त हुआ । पद्मावती देवी एवं मणीभद्र देव की प्रतिमा हुकमचंद भांगु व शासनदेवी पद्मावती देवी की प्रतिमा राकेशकुमार कुंदनमल बोराना देसुरी वालों द्वारा विराजित की गई। प्रभु के जिन मंदिर के इन्दरमल चंपालाल बोहरा परिवार द्वारा तोरण लगाया गया व श्री राजेन्द्रकुमार अर्पितकुमार वोहरा परिवार द्वारा माणक स्तम्भ की स्थापना की गई। सामरण कलश व श्रृंगार चौकी पर मनीष चाईस, भुपेन्द्र कांकारिया, राजेन्द्र कोठारी द्वारा कलश की स्थापना की गई । दादा गुरुदेव की छत्री पर ज्ञानोदय परिवार द्वारा कलश की स्थापना की गई। प्रतिष्ठा के पश्चात् जिन मंदिर में श्री कनकमल मांडोत परिवार द्वारा कंकु के छापे लगाए गए। धर्मेन्द्र सेठिया परिवार द्वारा सवालाख अक्षत से प्रथम गहुंली की गई। श्री केसरियानाथ दादा को मनोहरलाल राजमल कटकानी परिवार रतलाम वालों ने तथा हजारीमल कोटडिया परिवार द्वारा दादा गुरुदेव को प्रथम मोदक अर्पित किया गया। मंदिर में प्रतिष्ठा के पश्चात् आचार्यश्री ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. सह-मुनिमण्डल, साध्वीवृंद की निश्रा में सामुहिक रुप से समाजजनों ने चैत्यवंदन किय । इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाजजनों ने प्रभु के गले के स्वर्ण हार के लिए स्वर्ण दान की घोषणा की। इसके पश्चात् नरेन्द्रकुमार, मनीषकुमार सौभागमल कोठारी परिवार द्वारा शाही करबे का आयोजन किय । दोपहर में श्री कनकमल मांडोत परिवार की ओर से श्री बृहद् अष्टोत्तरी शांतिस्नात्र महापूजन हुआ।
सृष्टि के प्रथम राजा और प्रथम तीर्थंकर हुए ऋषभकुमार
प्रतिष्ठा के पश्चात् विशाल धर्मसभा में आचार्य श्री ऋषचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. ने कहा कि ऋषभकुमार का नाम प्रभु आदिनाथ इसलिए हुआ क्योंकि वह सृष्टि के प्रथम राजा और प्रथम तीर्थंकर हुए । प्रभु का केसरियानाथ दादा बहुत ही प्रसिद्ध नाम हुआ है। झकनावदा नगर में केसरियानाथ दादा के चारों ओर पर्वत का घेरा है और यहां प्रभु का डेरा है। इसकी यात्रा के लिये अनेक भाग्यशाली यहां आते है। दादा गुरुदेव के जीवन में केसरियाजी का उल्लेख आता है। इस प्रतिष्ठा महोत्सव में सभी कार्यकर्ताओं ने तन-मन-धन के साथ पूरी सेवा की है। मैं इन सभी कार्यकर्ताओं को दिल से आशीर्वाद देता हुॅं कि आप सभी खुश रहे, सुखी रहे, और आपके इस झकनावदा नगर का चहुंमुखी विकास हो। दादा की मेहर यहां हमेशा बरसती रहे। इस अवसर पर आचार्य श्रीजी के गुरुचरण पूजन का लाभ श्रीमती कमलाबाई झमकलालजी भेरुलाल मांडोत परिवार द्वारा लिया गया और प्रीतेशकुमार रमणलालजी मांडोत परिवार द्वारा झकनावदा नगर की ओर से कामली ओढाई गई। आचार्यश्री ने कहा कि इस नगर में श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वेताम्बर पेढ़ी श्री झकनावदा के नाम से स्थापित की जा रही है। आज के गुरुचरण पूजन व कामली के चढ़ावें की राशी का उपयोग झकनावदा के श्री राजेन्द्र भवन के निर्माण में किया जाएगा ।
हुई दान की घोषणा
वर्तमान में बैंगलोर निवासी मगनलाल कस्तुरचंद सोलंकी परिवार ने कहा कि हमारा पूरा परिवार अब बैंगलोर में रहता है। हमारे द्वारा पूर्व में बनाई गई धर्मशाला का विस्तार करने के लिये हम अपने पैतृक मकान तथा समीपस्थ जमीन को खरीद कर नया उपाश्रय, भोजनशाला व यात्रियों के लिये दो कमरों का निर्माण करवाकर समाज को भेंट करेगें ।
चातुर्मास की हुई घोषणा
मुंबई कमाठीपुरा जैन श्री संघ से सोहनराज के नेतृत्व में आए समाजजनों ने आचार्य श्री ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी मसा से विनंती की कि आप मुनिराज श्री पियूषचन्द्रविजयजी मसा एवं मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. को मुंबई कमाठीपुरा जैन श्रीसंघ में चातुर्मास 2019 करने की अनुमति प्रदान करें। आचार्यश्री ने इस निवेदन को स्वीकृति प्रदान की। कमाठीपुरा संघ के प्रमुख ने मंच से दोनों मुनिभगवन्तों के कमाठीपुरा चातुर्मास की स्वीकृति के लिये आचार्यश्री का आभार व्यक्त किया।
नगर भोज का हुआ आयोजन
जैन मित्र मंडल राजगढ़ द्वारा विगत 25 वर्षो से हर वर्ष श्री आदिनाथ जयंति चैत्र सुदी अष्ठमी पर श्री केसरियानाथ मंदिर के दर्शनार्थ राजगढ़ से झकनावदा का पदयात्रा संघ आयोजित किया जाता है। इसमें बड़ी संख्या में राजगढ़ के श्रावक-श्राविका हिस्सा लेते है। प्रतिष्ठा के इस अवसर पर इस सुकृत की अनुमोदना स्वरुप सकल जैन श्रीसंघ झकनावदा ने जैन मित्र मंडल को आचार्यश्री की निश्रा में संघरत्न अलंकरण प्रदान किया। आचार्यश्री की निश्रा में नगरभोज का लाभार्थी श्रीमती चंद्रकान्ता झमकलालजी मांडोत परिवार नगर भोज स्थल पर बैंड-बाजों के साथ गए और वृक्ष पर चुंदड़ी बांधकर पूरे नगर को नगरभोज हेतु आमंत्रित किया। गुरुवार को प्रातःकाल प्रभु श्री केशरियानाथ दादा के जिन मंदिर का द्वारोघाटन लाभार्थी श्री कन्हैयालाल भेरुलाल मांडोत परिवार झकनावदा द्वारा किया जाएगा।

फोटो 004 -ः श्री केशरियानाथजी की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा हुई।

फोटो 005 -ः धर्मसभा में प्रवचन देते हुए आचार्य श्री ़ऋषभचन्द्र सूरीवरजी मसा।

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