लोक सभा निर्वाचन के दौरान पेयजल व्यवस्था हेतु टैंकर में लगने वाली सामग्री खरीदी का मामला….
झाबुआ – नगरपालिका झाबुआ द्वारा खरीदी के नाम पर किस तरह भ्रष्टाचार किया जाता है और किस तरह अपनों को आर्थिक लाभ पहुंचाया जाता है और उस लाभ में हिस्सा लिया जाता है उसका एक उदाहरण देखने को मिला |नगर पालिका द्वारा कोटेशन पद्धति से सामग्री खरीदी के लिए भाव पत्र आमंत्रित किए गए | भाव पत्र में तीन में से दो फर्मों के ना तो जीएसटी रजिस्ट्रेशन था और ना ही विक्रेताओं का इस तरह का कोई व्यापार है सिर्फ एक ही पार्टी विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए नगर पालिका द्वारा इस तरह की खरीदी की गई ,वह भी बाजार भाव से दो से तीन गुना अधिक दरो पर…… जो की जांच का विषय है |
लोक सभा निर्वाचन 2019 के अंतर्गत पेयजल व्यवस्था हेतु नगर पालिका झाबुआ को दायित्व दिया गया था निकाय के पेयजल टैंकरों पर 20- 20 नलों की पाइप लाईन लगाई जाना थी |कार्य की अनुमानित लागत ₹40000 संभावित थी |इस कार्य हेतु नगरपालिका झाबुआ द्वारा दिनांक 25 अप्रैल 2019 को भाव पत्र आमंत्रित किए गए |भाव पत्र दिनांक 2 मई तक प्रस्तुत किए जाने थे |
भाव पत्र आमंत्रण सूचना में समस्त प्लंबराे या हार्डवेयर सामग्री विक्रेताओं को सूचित किया जाना था परंतु ऐसी प्रक्रिया नहीं करते हुए पार्टी विशेष से ही तीन कोटेशन ले लिए गए | झाबुआ पीएचई विभाग द्वारा पंजीकृत प्लंबराे को भी इसकी सूचना नहीं दी गई और न ही किसी हार्डवेयर व्यापारी को भाव पत्र आमंत्रण की सूचना दी गई | जिस फर्म से सामग्री क्रय की गई उसकी इस तरह के सामान की दुकान नही है | वही तीन में से दो फर्मों पर तो जीएसटी का रजिस्ट्रेशन नंबर तक नजर नहीं आ रहा था और न हीं इन विक्रेताओं का इस तरह का कोई व्यापार है | इसके अलावा तीनों कोटेशन की लेखन कार्य एक ही व्यक्ति द्वारा किया गया है ऐसा उनकी लिखावट से स्पष्ट प्रतीत होता है जिन दरों में सामग्री खरीदी गई वह बाजार भाव से करीब दो से 3 गुना से भी अधिक दरों में खरीदी की गई | नीचे दी गई तालिका मे बाजार भाव और खरीदी भाव में आपको स्पष्ट रूप से अंतर नजर आएगा|
सामग्री का किसी भी तरह से कोई स्पेसिफिकेशन भी निविदा दरों में नहीं दर्शाया गया | सामग्री जी.आय है या पी.वी.सी |अगर जी.आय है तो आई.एस.आई मार्क होना आवश्यक है या नहीं | सामग्री ए क्लास बी क्लास ऐसा कुछ भी भाव पत्र आमंत्रण में नहीं दर्शाया गया | इस तरह की खरीदी से तो ऐसा प्रतीत होता है कि यह खरीदी मात्र पार्टी विशेष को आर्थिक लाभ पहुंचाए जाने हेतु की गई और उस आर्थिक लाभ में हिस्सा लेने हेतु | सामान्यत: किसी भी तरह की खरीदी की जाती है तब उस खरीदी से संबंधित विक्रेताओं से भाव पत्र आमंत्रित किए जाते हैं लेकिन यहां हार्डवेयर सामग्री खरीदी में गादी -तकिये के व्यापारी व फेब्रिकेशन के व्यापारी से हार्डवेयर सामग्री के भाव पत्र आमंत्रित किए गए …जो समझ से परे हैं | इस तरह की एक सामान्य खरीदी से ऐसा प्रतीत होता है कि नगरपालिका शहर की जनता के रुपयों की बंदरबांट करने में लगी हुई है जिस विश्वास और भरोसे से शहर की जनता ने पूर्व परिषद के कार्यों की तुलना करके एक नई परिषद को मौका दिया ,लेकिन फिर भी इस नई परिषद का इस तरह के कार्यों की ओर कोई ध्यान नहीं है | प्रश्न यह भी उठता है लोकसभा निर्वाचन में पेयजल व्यवस्था हेतु …..जहां एक तरफ वर्तमान में 42 डिग्री तापमान है वह इस बढ़ते तापमान में क्या इस टैंकर का पानी पीने योग्य होगा…. ? कहीं यह खरीदी सिर्फ कागजी खानापूर्ति तो नहीं .? …. यह जांच का विषय है |इस तरह के और भी खरीदी कि अगर जांच की जाए ताे और भी अन्य घपले सामने आ सकते हैं | क्या मुख्य नगरपालिका अधिकारी इस ओर ध्यान देकर कोई कार्यवाही करेंगे या फिर इस तरह की सामान्य प्रक्रिया यूं ही चलती रहेगी ?…….