पुलिस कोतवाली झाबुआ पर पुलिस कर्मी की बेरुखी व बदतमीजी से आमजन परेशान……..
झाबुआ- प्रथम दृष्टया पुलिस का काम होता है कि वह चोरी ,लूट आदि वारदाते ना हो इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाए |साथ ही साथ पुलिस का यह प्रथम दायित्व भी होता है पूर्व में हुई चोरी , लूट आदि की घटनाओं को जांच पड़ताल कर डकैती और लूट करने वालों का पर्दाफाश करें व माल जब्ती करे | लेकिन लगता है शहर की पुलिस को लूट डकैती करने वालाे काेे ट्रेस करने या पकड़ने के बजाय अपने ही नियम कायदों में उलझी हुई है और बड़ी ही बेरुखी से आमजन से पुलिस बात कर रही है जब भी किसी कोई तरह की घटना ,चोरी ,लूट , लड़ाई झगडा या अन्य कोई वारदात की सूचना या अपने साथ घटित हुई घटना की एफआयआर के लिए जब झाबुआ थाने पर जाते हैं तो वहां पर उपस्थित एक पुलिस कर्मी नियम कायदों की एक बड़ी लिस्ट बताता है और बड़े ही बेरुखी से आमजन से बात करता है | किसी भी घटना की एफआयआर करने के बजाय वह पुलिसकर्मी आवेदन लेकर जांच पड़ताल का बहाना बना कर इतिश्री कर लेता है | पुलिस कोतवाली झाबुआ अब तक कोई बड़ी लूट , डकैती की वारदात को ट्रेस करने में सफल नहीं हो पाई है और ना ही चोरी हुए वाहनों को ट्रेस करने में पुलिस को कोई खास सफलता प्राप्त हुई है लेकिन झाबुआ पुलिस तो थाने पर आमजन से विनम्रता और शालीनता से पेश आने के बजाय बड़े ही बेरुखी और बदतमीजी से बात करती है जिससे जनता का अब पुलिस से धीरे-धीरे विश्वास उठने लग गया है जनता भी अब थाने पर जाने पर समझ जाती के पुलिस एफआयआर करने के बजाय जांच पड़ताल की बात कर इतिश्री कर लेगी | क्या कारण है कि झाबुआ पुलिस कोतवाली पर नियम अनुसार कार्य करने के बजाय नियम कायदों में ही उलझी रहते हैं | झाबुआ थाना प्रभारी का भी इस ओर ध्यान नहीं है और शहर की जनता बेरुखी व बत्तमीजी से परेशान हो रही है | पुलिस अधीक्षक महोदय को चाहिए कि इस और ध्यान देकर पुलिस कोतवाली झाबुआ को निर्देशित करें कि वह आमजन से शालीनता व विनम्रता से पेश आए |