जिला बाल कल्याण समिति ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर अशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं में बीपीएल परिवार के बालकों के प्रवेश संबंधी जानकारी अतिशीघ्र देने के दिए आदेश…………..
स्कूली बच्चों को वजनदार बस्ते उठवाने पर जिला शिक्षा अधिकारी करे संबंधित पर सख्ती से कार्रवाई
झाबुआ। जिला बाल कल्याण समिति (न्याय पीठ) ने जिला शिक्षा अधिकारी झाबुआ को पत्र लिखकर किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम (केंद्रीय) 2015 प्रावधानों के अंतर्गत जिले के देखेरख और संरक्षण के लिए जरूरतमंद बालकों का उपचार (सुरक्षा) विकास और पुनर्वास की जानकारी देते हुए डीईओ से जिले में संचालित आासकीय शैक्षणिक संस्थाओं में बीपीएल परिवार के बालकों को प्रवेश करवाएं जाने संबंधी जानकारी समय सीमा में देने के आदेश देने के साथ ही स्कूली बच्चों से अधिक वजन के बस्ते उठवाने पर संबंधितों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई किए जाने हेतु कहा गया है।
सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष श्रीमती निवेदिता सक्सेना एवं सदस्य यशवंत भंडारी, गोपालसिंह पंवार, ममता तिवारी एवं चेतना सकलेचा ने जिला शिक्षा अधिकारी को 26 जुलाई को एक पत्र जारी करते हुए बताया कि शिक्षा गारंटी योजना अंतर्गत जिले में संचालित आासकीय शैक्षणिक संस्थाओं में बीपीएल परिवार के बालकों को प्रवेश कराएं जाने की जानकारी चाही गई थी, किन्तु उक्त जानकारी डीईओ द्वारा अब तक उपलब्ध नहीं करवाई गई है, ना ही कोई उत्तर प्रस्तुत किया गया है, जो आपत्तिजनक होकर केंद्रीय अधिनियम के प्रावधानां के अंतर्गत वैधानिक संरक्षण प्राप्त किए जाने वाले बच्चों हेतु की जाने वाली वैधानिक कार्रवाई में अवरोध पहुंचाया गया है, इस हेतु न्यायपीठ द्वारा इसे अवमानना मानकर इस हेतु प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्रवाई प्रचलित की जाएगी, नहीं तो उक्त जानकारी अतिशीघ्र डीईओ न्याय पीठ को उपलबध करवाएं। बच्चों से वजनदार बस्ते उठवाने पर संबंधित के विरूद्ध कार्रवाई की जाएं
साथ ही शैक्षणिक संस्थाओं में हर वर्ग की कक्षाओं के लिए बस्तां का वजन निर्धारित किया गया है, ताकि मासूम बच्चों के स्वास्थ्य पर वितरित प्रभाव ना हो, किन्तु इस संबंध में भी शासन के आदेशों की खुली अव्हेलना की जा रहीं है। इस हेतु डीईओ को सीडब्ल्यूसी ने निर्देशिात किया कि ऐसे मामलों में संबंधितों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए तथा दोनो मामलों में रिपोर्ट 7 दिवस के भीतर न्याय पीठ से समक्ष प्रस्तुत की जाएं।