मंत्री सज्जन को दुर्जन बनाने पर जुटा जिला प्रशासन
झाबुआ: – मध्यप्रदेश में 15 साल के वनवास के बाद कांग्रेस की सरकार बनी और जो सरकार बनी उसकी स्थिरता को लेकर आये दिन सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में आने वाले महिनों में झाबुआ विधानसभा का चुनाव कांग्रेस को स्थिरता और मजबूती दे सकता है लेकिन जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली को देखते हुए ऐसा थोड़ा मुश्किल लग रहा है चूकि मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने झाबुआ दौरे के दौरान देवझिरी से झाबुआ तक के रोड निर्माण कार्य को 7 दिन में प्रारंभ करने की बात कही थी लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन इस कार्य को प्रारंभ नहीं करवा सका|
15 जुलाई को मध्यप्रदेश सरकार के लोक निर्माण एवं पर्यावरण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा पहली बार झाबुआ आये। यहां उन्होंने आकर अलीराजपुर और झाबुआ जिले के अधिकारीयों की विभागीय समीक्षा बैठक ली और जनता के कामों को प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिये। सज्जनसिंह वर्मा ने झाबुआ ने पत्रकारों और कांग्रेसी नेताओं के सामने कहा था की वे कड़क आदमी है और कड़क काम करते हैं। लोकनिर्माण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने झाबुआ से देवझीरी तक की सीसी सड़क की प्रशासकीय स्वीकृति पत्र जो वल्लभ भवन से जारी हुआ था दिखाते हुये कहा था कि करीब 15 करोड की लागत से बनने वाली 9.62 किलोमीटर लम्बी सड़क का काम 7 दिनों के भीतर शुरू हो जायेगा और उनकी इस घोषणा को विभाग के ईएनसी ने भी समर्थन दिया था। एक समय हुआ करता था जब किसी भी शासन ने मंत्री के मौखिक व लिखित आदेश या आश्वासन को दिए गए समय सीमा में प्रारंभ व पूर्ण करने का प्रयास किया जाता था |लेकिन वर्तमान में मंत्री सज्जनसिंह वर्मा के बोल को लोक निर्माण झाबुआ के ईई और जिला कलेक्टर दुर्जन बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे, ताकि आने वाले महिनों में कांग्रेस की राह का ओर थोड़ा मुश्किल कर दिया जाये। कांग्रेस के लिए झाबुआ विधानसभा सीट सरकार की स्थिरता के लिए संजीवनी बुटी साबित हो सकती है किंतु झाबुआ जिला प्रशासन की कार्यप्रणालिया कहीं ना कहीं भाजपा के लिए सोने पर सुहाने की तरह दिखाई दे रही है। जिला मुख्यालयों पर विभागों में हो रही अनियमिताओं से लेकर आम लोगों को सरकारी कामों में हो रही दिक्कतोें को सुनने वाला कोई नहीं । विभागों में बढ़ते भष्टाचार और वादा खिलाफी के चलते निचले स्तर के कर्मचारी ही सरकार के खिलाफ लामबंद होकर आने वाले दिनों में झाबुआ विधानसभा में कमलनाथा को आयना दिखाने की सोच रहे हैं। कलेक्टर प्रबल सिपाहा जिले में व्याप्त अनियमिताओं को देखना और सुनना इसलिए पंसद नहीं कर रहे की उन्हें खुद भी शायद सरकार के स्थिर रहने पर भरोसा नहीं है ऐसा ही हाल लोक निर्माण विभाग झाबुआ के है। विभागीय मंत्री की घोषणा को कितनी तव्वजों दी जा रही है इसकी बानगी साफ तौर पर देखी जा सकती है। जिसे राम का नाम लेकर मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने भाजपा पर झुठे वादे करने का आरोप लगाया था उन्हीं मंत्री के बोल को झाबुआ का लोक निर्माण विभाग दुर्जन करार देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। खैर ये प्रशासकीय काम है जो सरकार की रिर्पोट आम जन में सकारात्मक और नकारात्मक रूप में चुनाव में दिखेगी। भाजपा सांसद गुमानसिंह डामोर पहले ही कांग्रेस के नेताओं के दावों को खोखला बता चुके हैं। डामोर ने कहा की कांग्रेसी नेता थाथा चना बाजे घणा की तर्ज पर मीडिया की सुर्खिया बनने के लिए ऐसी घोषणाएं कर देते हैं मगर धरातल पर उन्हें के अधिकारी उन्हें आयना दिखा रहे हैं।
ई. ई. पीडब्ल्यूडी की कार्यप्रणाली संदेहास्पद ..
जब से लोक निर्माण विभाग के नए कार्यपालन यंत्री ने पदभार संभाला है तब से ही उनकी कार्यप्रणाली को लेकर चर्चाएं हैं राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय की ई. ई. पीडब्ल्यूडी दिन भर अपने कार्यालय में ठेकेदारों से घिरे रहते हैं इसके साथ ही लग्जरी गाड़ियों में घूमना और एसी कमरों में बैठकर ठेकेदारों के साथ तालमेल बिठाना यह इनकी दिनचर्या है जो काफी चर्चा का विषय है आम जनों में यह भी चर्चा है कि जिले में सभी अधिकारियों के पास बोलेरो या स्कॉर्पियो मॉडल की गाड़ियां अटैच है लेकिन लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री को शासन से शायद विशेष सुविधाएं प्रदान करते हुए उन्हें लग्जरी गाड़ी दी गई है | लोनिवि के कार्यपालन यंत्री जनहित की समस्याओं को लेकर कितने जागरूक हैं और किस तरह अपने ही विभाग के मंत्री की बात को तवज्जो दे रहे हैं यही देवझिरी से झाबुआ रोड निर्माण की बात को लेकर साफ है |
अब यह देखना दिलचस्प होगा की देवझिरी से झाबुआ रोड निर्माण कार्य को भाजपा के कार्यकाल में दो बार टेंडर हो जाने के बाद भी प्रारंभ ही नहीं करवाया जा सका और उसके बाद जब कांग्रेस की नई सरकार अस्तित्व में आई ,तो मध्य प्रदेश शासन के लोक निर्माण विभाग के मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने अपने झाबुआ दौरे के दौरान इस रोड निर्माण कार्य को 7 दिन के भीतर प्रारंभ करवाने का आश्वासन दिया था लेकिन लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री द्वारा अपने ही विभाग के मंत्री के दिए गए आश्वासन को भी पूर्ण करने में 15 दिन बीत जाने के बाद भी रोड निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं करवाया जा सका जो यह दर्शाता है कि किस तरह इस विभाग के अधिकारी अपने ही मंत्री के आश्वासनों की धज्जियां उड़ा रहे हैं और किस तरह अपने मंत्री के बात को तवज्जो दे रहे हैं क्या जिला प्रशासन इस ओर ध्यान देकर मंत्री द्वारा कही गई बात पर तवज्जो दिया जाएगा या इससे भी रद्दी की टोकरी में डाल दिया जाएगा , यह आने वाला समय ही बताएगा?