भक्तामर स्त्रोत में शब्दांजलि, भावांजलि एवं कुसुमांजलि है :- आचार्य देवे नरेन्द्र सूरीशवरजी मसा…………………….. राजेन्द्रकुमार बाबुलाल चौधरी परिवार ने एकासने का लिया लाभ
झाबुआ से दाैलत गाैलानी………
झाबुआ। स्थानीय श्री ऋषभदेव बावन जिनालय के पोषध शाला भवन में अष्ट प्रभावक आचार्य देवे परम् पूज्य श्रीमद् विजय नरेन्द्र सूरीवरजी मसा ने 30 जुलाई, मंगलवार को सुबह प्रवचन देते हुए कहा कि भक्तामर स्त्रोम में शब्दांजलि है, भावांजलि है एवं कुसुमांजलि है। शब्द सुमन है, भाव सुमन है। जो परोक्ष है, उसे भी शब्दों के माध्यम से मानतुंग आचार्य श्रीजी ने प्रत्यक्ष करने का पुरूषार्थ भक्तामर स्त्रोत में समाहित है।
आचार्य देव ने आगे कहा कि देवाधिदेव की शक्ति के सामने देव शक्ति अल्प है। भव भ्रमण का रोग मिटाने के लिए भाव आरोग्य भक्तामर स्त्रोत में विद्यमान है। भक्ति के तीन लाभों की चर्चा करते हुए नरेन्न्द्र सूरीवरजी ने कहा कि आरोग्य बोधीलाभ एवं समाधि भक्ति से प्राप्त होती है। भक्ति में भूल क्षम्य है, जो संसर में वाह-वाह की दौड़ में दौड़ता है, उसकी हवा निकल जाती है। संसार में होड़ की लगी हुई दौड़
आचार्य ने कहा कि भक्तामर स्त्रोत की स्तुति, प्रार्थना परमात्मा के प्रति आदर है। दार्ण भद्र की चर्चा करते हुए आचार्य श्रीजी ने उनकी प्रशंसा की। आज संसार में होड़ की दौड़ लगी है। भावो को जागृत उत्कृष्ट करने हेतु भक्तामर स्त्रोत है, जो भक्त दुख में दिन नहीं बनता, सुख में लीन नहीं बनता है, पाप में प्रवीण नहीं बनता और बुद्धि से क्षीण नहीं बनता है, वहीं भक्त संसार में अमर होता है। लाभार्थी परिवार राजेंद्र कुमार चौधरी ने सभी तपस्वियां को करवाएं एकासने…….
यह प्रवचन सुबह 10.15 बजे तक चले। संचालन श्री नवल स्वर्ण जयंती चातुर्मास समिति के अध्यक्ष कमलेश कोठारी ने लिया। प्रवचन बाद दादा गुरूदेव श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीवरजी मसा की पूजा एवं आरती का लाभ समाज रत्नन सुभाषचन्द्र कोठारी परिवार ने लिया। वहीं एकासने के लाभार्थी राजेन्द्रकुमार बाबुलाल चौधरी परिवार ने लेते हुए दोपहर में 44 दिवसीय भक्तामर महातप के सभी तपस्वियों को एकासने करवाएं।
फोटो 002 -ः प्रन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी मसा की निश्रा में हुआ एकासने का आयोजन।
फोटो 003 -ः तपस्वियों को एकासना करवाते राजेन्द्रकुमार बाबुलाल चौधरी परिवार।