झाबुआ से दाैलत गाैलानी…..
झाबुआ। मातंगी पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा संचालित कृषि विभाग के पीछे स्थित धर्मेशवर धाम ट्रस्ट के संचालक सदस्य शशिकांत त्रिवेदी की यजमानी में शहर की जानी-मानी विद्वान ब्राम्हणों की देवझिरी टीम द्वारा 4 अगस्त, रविवार दोपहर 1.30 बजे से यहां लघु रूद्राभिषेक किया जाएगा। बाद महाआरती एवं प्रसादी (फरियाली खिचड़ी एवं केले) का वितरण शाम 5.30 बजे से होगा।
यह आयोजन श्रावण मास में तीसरे सोमवार एवं नाग पंचमी के उपलक्ष में 5 अगस्त को यहां नागर ब्राम्हण समाज का कार्यक्रम होने से एक दिन पूर्व 4 अगस्त को होगा। यजमान शशिकांत त्रिवेदी ने उक्त आयोजन में मोड़ बाम्हण समाज (धर्मेशवर) एवं नागर समाजजन (हाटेशवर) के साथ शहर की सभी धर्म प्रेमी जनता से अनुरोध किया है अधिक से अधिक संख्या में पधारकर लघु रूद्राभिषेक का लाभ ले।
धर्मेशवर धाम पर अभिषेक करना क्यो श्रेष्ठ ?
मातर्गी पारमार्थिक ट्रस्ट के प्रमुख राकेश त्रिवेदी ने बताया कि शहर में कृषि विभाग के पीछे एकमात्र शिवलिंग है, जो पहाड़ी पर सरोवर के किनारे बना हुआ है एवं प्राकृतिक हरियाली के बीचो-बीच मन को मोह लेता है। साथ ही यहां सिद्धपीठ बालाजी विराजे है, मां मोड़े वरीजी का भव्य देवालय है एवं पातालनुमा स्फटिक शिवलिंग है। यहां सीढि़यों के नीचे उतरकर शिवलिंग की पूजा की जाती है, जिससे पाताल में शिवजी विराजे हुए है, ऐसा प्रतीत होता है। काल भैरव का मंदिर भी इसी प्रांगण में है। ट्रस्ट द्वारा संचालित नक्षत्रों एवं ग्रहों पर आधारित मप्र की पहली नक्षत्र वाटिका भी है। कुल मिलाकर इस देवालय में स्थान एक धाम अनेक सा नजारा लगता है, इसलिए यहां किए गए धार्मिक आयोजन का कई गुना फल प्राप्त होता है।
फोटो 002 -ः झाबुआ के कृषि विभाग के पीछे बालाजी धाम पर स्थित धर्मेशवर धाम।