झाबुआ से दाैलत गाैलानी…….
करीब साढ़े 4 घंटे तक सत्त चली महापूजन, भक्तामर स्त्रोत की 44 गाथाओं का किया वर्णन
झाबुआ। श्री नवल स्वर्ण जयंती चातुर्मास के अंतर्गत भक्तामर महातप के तपस्वियों एवं सकल संघ द्वारा 4 अगस्त रविवार को दोपहर विजय मुर्हुत 12.39 बजे से श्री ऋषभदेव बावन जिनालय में श्री भक्तामर महापूजन का भव्य आयोजन आरंभ हुआ। महापूजन में अष्ट प्रभावक आचार्य देवे श्रीमद् विजय नरेन्द्र सूरीशवरजी मसा एवं प्रन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी मसा ने भक्तामर स्त्रोत की 44 गाथाओं का वर्णन किया। यह महापूजन सत्त शाम 5 बजे तक चली। बाद आदिनाथ भगवान की आरती के साथ संपन्न हुई।
महापूजन विजय मुर्हुत में ठीक 12.39 बजे शुरू हुई। आचार्य नरेन्द्र सूरीशवरजी मसा एवं प्रन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी मसा में निश्रा प्रदान की। जिसमें सकल श्री संघ के सदस्यों के साथ भक्तमार महातप के तपस्वी और चातुर्मास समिति के पदाधिकारी भी शामिल हुए। संगीत की प्रस्तुति श्री आदिनाथ राजेन्द्र संगीत मंडल के सदस्यों द्वारा दी गई। सुमधुर स्तवन भी प्रस्तुत किए गए। कुल 44 गाथाएं हुई। प्रत्येक गाथा आचार्य नरेन्द्र सूरीशवरजी एवं प्रन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी मसा ने वर्णन किया। प्रत्येक गाथा के बाद आदिनाथ भगवान की चरण पादुका की अष्टप्रकारी पूजन अष्ट द्रव्य अर्पण कर की गई। आचार्य मानतुंग सूरीजी की चरण पूजन की बोली अशाेककुमार समरथमल राठौर परिवार ने ली। यह महापूजन यंत्र-तंत्र-मंत्र से भरपूर रहीं। जिसका रसास्वादन नवल एवं जलज द्वारा करवाया गया। पूजन शाम 5 बजे तक चली। बाद आदिनाथ भगवान की आरती की बोली लगाकर लाभार्थी द्वारा आदिनाथ भगवान की आरती की गई।
फोटो 002 -ः श्री ऋषभदेव बावन जिनालय में भक्तामर महापूजन का हुआ भव्य आयोजन।