पीएचई ने हेंड पंप संधारण के करोडो की घटिया सामग्री की खरीदी की
घटिया सामग्री के कारण ठेकेदार से लेकर आमजन तक परेशान
हेंडपंप दुरूस्त होते ही हो जाते है खराब
ठेकेदारों ने घटिया सामग्री को लेकर जताया विरोध
झाबुआ।जिले में इस वर्ष अभी तक औसत बारिश का कोटा पूरा हो चुका है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अब मवेशियों के साथ ही आम ग्रामीणों को भी पेयजल की आपूर्ति में कोई विशेष परेशानी या कठिनाई नही हो रही है। किन्तु बारिश आने के पूर्व गर्मी के भर सीजन में पूरे जिले में पेयजल की व्यवस्था नही होने पाने को लेकर त्राहीमाम मचा हुआ था और ग्रामीण क्षेत्रों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के माध्यम से बंद हेंड पंपों को मेकेनिकों एवं ठेकेदारों के माध्यम से हेंड पंपों के दुरूस्तीकरण एवं संधारण के लिये करोडो की राशि का बजट हेंड पंपों के पार्ट्स जैसे सिलेंडर बाडी, अपर एवं लोअर वाल्व, रबर वायशर, बेंरिंग, 1-1/4 ईंच जी. आय. पाईप ,आदि की घटिया सामग्री की थोक बंद खरीदी करके इस सामग्री को ठेकेदारों एवं मेकेनिकों को प्रदाय करके हेंड पंपों को दुरूस्त करने के लिये प्रदाय किया जाता है। वर्षों से ठेकेदार कोई भी पीएचई विभाग के खिलाफ बोलने की हिमाकत नहीं कर पाता था लेकिन इस बार ठेकेदार भी खुलकर विभाग के सामने आ गए हैं। भ्रष्टाचार की पोल खोलने से वह भी नहीं चूक रहे हैं। पीएचई विभाग जिम्मेदार अब तक घटिया सामग्री लगवा करके अपनी जेबें गर्म करने से भी नहीं चूक रहे थे। लेकिन इस बार ठेकेदार ने पीएचई विभाग की घटिया सामग्री पर सवालिया निशान खड़े कर दिए। जिसको लेकर के विभाग स्पष्टीकरण देते नहीं थक रहा है।
पीएचई विभाग द्वारा प्रदान की गई ये घटिया सामग्री जब हेंड पंपों के संधारण एवं दुरूस्ती के लिये उपयोग मे ली गई तो 4-5 दिनों में ही हेंड पंपों के बंद हो जाने की शिकायत ग्रामीण क्षेत्रों से सतत मिलने लगी। कभी अपर वाल्व , तो कभी लोअर वाल्व , ताे कभी बेरिंग लगाने के बाद सतत खराब हो रहे हैं और हैंडपंप बंद हो जाते हैं इस तरह घटिया सामान के चलते ठेकेदारों जिन्हे पीएचई विभाग द्वारा ही सामान प्रदाय किया जाता है, को लेकर इसके घटियापन को लेकर विभाग के अधिकारी को पत्र लिख कर अपनी शिकायते भी दर्ज करवाई है। ठेकेदार सुभाष द्वारा ईई पीएचई को लिखा गया पत्र जिसमें विभाग द्वारा घटिया सामान क्रय करके प्रदाय किया गया है, की पुष्टि इसी पत्र से होती है। ठेकेदार सुभाष ने सहायक यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को लिखे गये पत्र में हेंडपंप मरम्मत की सामग्री की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाते हुए लिखा है कि झाबुआ ब्लाक का हेंड पंप मरम्मत का ठेका उन्हे तीन वर्षो के लिये दिया गया है जो 20 मार्च 2019 से प्रारंभ हो चुका है। विभाग द्वारा मरम्मत के लिये प्रदाय की गई सामग्री में विशेष रूप से अपर वाल्व के वायशर, एवं सिलेण्डर की बाडी दोनों ही सामग्री बहुत ही हल्की क्वालिटी की आ रही है जिससे उन्हे एक हैडपंप को एक माह में तीन या चार मरतबा भी सुधारना पडता है। जिससे उनका पैसा एवं समय दोनो ही व्यर्थ में खराब होते है। जिसके चलते आगे के दुसरे हैडपंप सुधारने मे अधिक समय लगता है। एवं कार्य में अनावश्यक देरी होती है। ठेकेदार सुभाष ने अच्छी क्वालिटी की सामग्री सप्लाय करनी की बात विभाग को लिखित मे दी है। इस पत्र से स्पष्ट संदेश जाता है कि विभाग बरसों से घटिया सामग्री सप्लाई कर अपनी जेबे गर्म कर रहेे थे। यदि पूरे जिलेे की जांच की जाए तो कई जिम्मेदार चपेटे में आ सकते हैं और उन पर गाज गिर सकती है।
एक ही व्यक्ति को तीन तीन चार्ज………….
रामा ब्लॉक के उपयंत्री एस के तिवारी को जिले का स्टोर इंचार्ज के साथ ही वाटरवर्क्स का प्रभारी भी बनाया हुआ है। इस प्रकार एक ही व्यक्ति को तीन तीन चार्ज दिये जाने को लेकर विभाग में चर्चाये बनी हुई है। स्टोर इंचार्ज के नाते लाखो करोडो की खरीदी होती है वही भंडार क्रय नियमो के अनुसार सामग्री की खरीदी मानकता के आधार पर की जाना चाहिये। किन्तु कमीशन बाजी एवं मोटे बजट को बत्ती लगाने की नियत से अधिकारियो से मिलीभगत कर व्यापक भ्रष्टाचार नही हो रहा होगा यह बात गले नही उतरती। क्योकि पिछले वर्षों से अधिक पदस्थ तिवारी का शासन ने रायसेन स्थानांतरण किया था किन्तु मुद्रा राक्षस के प्रभाव तथा अधिकारियो की मिलीभगत से यह वापस यथावत झाबुआ जिले में पदस्थ हो गये है। अधिकारियो की मेहरबानी दुध देती गाय पर रहती है। ओर यह सब गडबड झाला लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में बदस्तुर जारी है।
जंग खा रहा सामान…………
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के भंडार परिसर में ऐसी घटिया सामग्री को ढेर लगा हुआ है। ओर मौसम की मेहरबानी के चलते लाखो का सामान खुले में जंग खाने की कगार पर है। शासकीय संपति का इस प्रकार नुकसान एवं दुरूपयोग के लिये किसी की भी जिम्मेवारी तय नही की गई है। ठेकेदारो को जो सामग्री हैडपंप संधारण एवं मरम्मत के लिये दी जा रही है जिसमें 12 एमएम लिंक राड की आंटे तक खराब निकल रहे है। अमानक स्तर पर हैडपंप सिलेण्डर बाडी, अपर एवं लोवर वाल्व, बेरिंग, रबर वायसर आदि घटिया किस्म के खरीदी करने की बात भी चर्चा में बनी हुई है। वही ब्रास लायनर, चैन व पाईपो की क्वालिटी भी अमानक स्तर की बताई जा रही है।
जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से बचते रहे
इस बार में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री एम एस भिंडे से कई बार फोन पर संपर्क कर उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होने फोन ही रिसिव नही किया। वही विभाग के अनुविभागिय अधिकारी पीएचई राहुल सुर्यवंशी से बात की तो उन्होने भी स्वीकर किया कि एक ठेकैदार द्वारा अमानक स्तर की सामग्री प्रदाय होने का उल्लेख करते हुये पत्र दिया है। उनके पत्रो को कार्यवाही करने के लिये ईई साहब को भेज दिया है।