झाबुआ

पुलिस ने डी.जे .सा. के ड्राइवर के दबाव में आकर वाहन चालक पर एफआईआर दर्ज की…….

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झाबुआ- कल दोपहर एक दोपहिया वाहन चालक ने पीछे से आकर चार पहिया वाहन को टक्कर मारने के बाद दो पहिया वाहन चालक ने चार पहिया वाहन चालक के ड्राइवर को गाड़ी से उतार कर गाली गलौज करते हुए जमकर मारपीट की |और बाद में अपने साथी जिलाधीश महोदय के ड्राइवर को बुलाकर पुलिस थाने पर दबाव बनाकर एफआईआर दर्ज करवाई |

प्राप्त जानकारी के साथ 27 अगस्त मंगलवार काे कल दोपहर करीब 4:00 बजे लोडिंग वाहन चालक राजगढ़ नाके से जाते हुए रामकृष्ण नगर की ओर टर्न ले रहा था और बकायदा चार पहिया वाहन चालक ने हाथ देकर वाहन को टर्न किया | वही पीछे से एक स्कूटी पर जिसका नंबर एमपी 45 एमबी 2263 पर गणेश माली निवासी किशनपुरी झाबुआ द्वारा अपनी स्कूटी वाहन से टर्न कर रहे लोडिंग रिक्शा से टकरा गया | इसके बाद स्कूटी चालक ने लोडिंग रिक्शा चालक के साथ गाली गलौज करने के साथ साथ जमकर मारपीट शुरू कर दी | जिससे लोडिंग रिक्शा के मित्रों ने बाद में आकर बीच-बचाव किया | तब स्कूटी चालक ने अपने मित्र को बुलवाया जो कि जिलाधीश महोदय का ड्राइवर है और उस ड्राइवर ने सरेआम रामकृष्ण नगर चौराहे पर धमकी देते हुए कहा कि मैं अभी बताता हूं कि मै कौन हूं | तब उस ड्राइवर ने पुलिस थाने पर जिलाधीश महोदय का ड्राइवर होने का रौब दिखाते हुए संबंधित निर्दोष वाहन चालक पर एफआईआर दर्ज करने के लिए दबाव बनाया |पुलिस ने भी बिना कोई जांच-पड़ताल किए उस स्कूटी चालक के कहने पर और ड्राइवर के दबाव पर निर्दोष चार पहिया वाहन चालक पर एफआईआर दर्ज कर दी | जबकि प्रथम दृष्टया पुलिस का यह कर्तव्य था कि इस तरह के केस में जांच पड़ताल की जाए | इस तरह जिलाधीश महोदय का ड्राइवर ने अपना रौब दिखाने में सफल हुआ और निर्दोष वाहन चालक पर एफआइआर कराने में भी | अब स्कूटी चालक संबंधित वाहन चालक को डरा रहा है धमका रहा है | इस तरह पुलिस द्वारा जिलाधीश महोदय के ड्राइवर के दबाव में आकर निर्दोष वाहन चालक पर एफ आई आर दर्ज की जबकि वहां उपस्थित प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि संपूर्ण गलती इस स्कूटी चालक की थी जो कि इस लोडिंग रिक्शा के पीछे से आकर टकरा गया और गुंडागर्दी करने लगा और मारपीट करने लगा |

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