झाबुआ

आरटीओं को दो दलाली चलाओं जिले में ओव्हरलोड़ वाहन …

Published

on

आरटीओं को दो दलाली चलाओं जिले में ओव्हरलोड़ वाहन

ओव्हर लोड़ के चलते क्षतिग्रस्त हो रही सड़के

झाबुआ :पिछले तीन सालों से आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में परिवहन व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। आरटीओं के रूप में जब से राजेश गुप्ता झाबुआ में पदस्थ हुये हैं तब से जिले में ओव्हर लोडिंग की समस्या पर कोई प्रभावी कार्यवाही देखने को नहीं मिली। आरटीओ राजेश गुप्ता की पदस्थी के बाद से ही इस विभाग में दलाली प्रथा जोर शोर से चल रही है जिसके चलते परिवहन से संबंधित कोई भी कार्य हो शासकीय शुल्क से 4 से 5 गुना अधिक राशि वसूल की जा रही है |

आरटीओ राजेश गुप्ता अपने व्यक्तिगत् हितों के चलते ऐसे वाहनों पर कार्यवाही करने से हिचकिचाते है जो नियमों और कानुन का खुलआम रोज उल्लंघन करते हैं। झाबुआ जिले में पुलिस और आरटीओं दुपहिया से लेकर चार पहिया वाहनों पर कार्यवाही करते चैराहों पर नजर आ जाते हैं किंतु अंर्तराज्यीय प्रदेषों में चले रही बसों, ओव्हरलोडिंग करने वाले व्यावसायिक टा्सर्पोटरों बिना फिटनेस की चलने वाली बसों सहित कायदों को खुटी पर टांगने वाले स्कूल बसों के खिलाफ करने में आरटीओं गुप्ता को खासी दिक्कत होती है। आरटीओं गुप्ता को परिवहन विभाग या अवैधानिक रूप से सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों की शिकायत की जाती है तो यदा-कदा वे सीधे टा्सर्पोटरों से इसे साझा कर मुखबिरों के लिए मुश्किल खड़ी कर देते हैं।

यू तो आरटीओं राजेश गुप्ता के चार से अधिक मोबाईल नंबर है जिनमें से वे एक भी मोबाईल फोन रिसीव नहीं करते। उनके इस व्यवहार पर प्रभारी मंत्री सुरेन्द्रसिंह हनी बघेल ने भी उन्हें जिला योजना समिति की बैठक में हिदायत दी थी मगर आरटीओं के हौसले इतने बुलंद है कि प्रभारी मंत्री क्या वो तो परिवहन मंत्री को अपने पोकेट में रखने की बात अपने दलालों से साझा कर जनप्रतिनिधियों की खुब खिल्ली उड़ाते नजर आते हैं। जिले के तमाम छोटे बड़े शहरों में स्थानीय स्तर पर ओव्हर लोडिंग ना सिर्फ आम लोगों के लिए परेषानी का सबब बनी हुई है वरन स्कूल आने-जाने वाले बच्चों के लिए भी यह कभी जानलेवा साबित होगी। थांदला रोड़, थांदला, भामल, पेटलवाद, झाबुआ , पिटोल आदि इलाकों में जीपों में सवारियों के साथ स्कुली बच्चों को भेड़ बकरियों की तरह वाहनों में इधर-उधर लटका कर यात्रा कराई जाती है और उनसे किराया भी पुरा वसूला जाता हैं। जिले से हो उत्तर प्रदेश , गुजरात , महाराष्ट्र जाने वाले बसों में क्षमता से अधिक सवारियों को बैठा कर हजारों रूपये की अतिरिक्त वसूली सवारियों से की जाती है वावजूद आरटीओं को इसमें कोई बुराई नजर नहीं आती। अंर्तराज्यीय बसों में अत्यधिक लगैज , और लगैज के रूप में कई तरह की सामग्रीयों को एक राज्य से दुसरे राज्यों में बिना बिल-बिल्टी के कर चोरी के रूप में पहुॅचाया जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र मेेघनगर के रेलवे रैंक पाईट से हर रोज लोहे की क्वाईलों को बड़े टा्लों जिसमें डबल एक्सल और सिंगल एक्सल पर क्षमता से अधिक वजन की क्वाईलों को ढोया जा रहा है बावजूद आरटीओं इन पर कोई कार्यवाही नहीं करता है। अवैधानिक रूप से सड़कों को जर्जर करने वाले ऐसे वाहन जो ना सिर्फ सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुॅचा रहे है वरन् सरकार के राजस्व को भी नुकसान पहुॅचा रहे है उन पर आरटीओं गुप्ता की अपनी निजी स्वार्थ के चलते कृपा दृष्टि बनी हुई है।

क्षतिग्रस्त हो रही सड़क: जिले में चले रहे ओव्हरलोड़ के इस खेल से ना सिर्फ सरकार का बल्कि आम लोगों को भी नुकसान हो रहा है। ओव्हरलोडिंग के चलते जिले की अधिकांश सड़के खस्ताहाल हो चुकी है। मेघनगर से फुलमाल की सड़क में हुये गढ़ढों के कारण पिछले एक साल में सैकडों दुर्घटनाएं हो चुकी है जिसमें कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। दलाली प्रथा के चलते निजी हित के लिए विभागीय अधिकारी ऐसे वाहनों पर कार्यवाही नहीं कर रहे जो आम वाहन चालकों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। आरटीओं राजेश गुप्ता की शिकायत कई स्तराे पर हो चुकी है। रतलाम प्रभारी के रूप में ऐजेंटों के माध्यम से संमान्तर आरटीओं कार्यालय संचालित करने पर इनके खिलाफ एफआईआर भी पुलिस में दर्ज हो चुकी है बावजूद राजेश गुप्ता सुधरने या जनहित में ऐसे वाहनों पर कार्यवाही नहीं करते जिसने कारण सड़कें जर्जर हो रही है वरन् सरकार को राजस्व का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

आरटीओ राजेश गुप्ता दलाली प्रथा को मजबूत बना रहे….. ………. परिवहन विभाग में चाहे लाइसेंस बनाना ,वाहन रजिस्ट्रेशन , वाहन फिटनेस आदि कोई भी काम परिवहन से संबंधित हो, इस विभाग में बिना दलाल के कोई भी कार्य पूरा नहीं किया जा सकता |राजेश गुप्ता ने अपनी पदस्थी के बाद से ही इस विभाग में दलाली प्रथा को इतना मजबूत बना दिया है कि किसी भी कार्य के लिए शासकीय शुल्क से तीन से चार गुना अधिक राशि इन दलालों द्वारा वसूल की जाती है और यह राशि संभवत इस विभाग में बट जाती है | इसके अलावा आरटीओ राजेश गुप्ता अपने कार्यालय में कम और मीटिंगाें में ज्यादा व्यस्त रहते हैं | इन की दलाली प्रथा पर अगर गौर किया जाएं तो संभवत: किताब भी लिखी जा सकती हैं | जानकारी अनुसार यह भी पता चला है कि एक खास दलाल पूरे जिले से सब तरह की वसूली करके साहब तक पहुंचाता है और यह वही दलाल है जिसके पढ़ने के बाद ही और ओके करने के बाद ही सा.फाइलों पर साइन करते है | यह वही दलाल है जो राजेश गुप्ता की पदस्थी के समय रंक से आज राजा बन गया , अर्थात रोडपति से करोड़पति बन गया |

Click to comment

Trending