झाबुआ

पीएचई विभाग में स्टॉप डेम के कड़ी शटस में लगने वाली लकड़ी खरीदी में….. ………ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता हीन लकड़ी प्रदाय की गई …. .

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झाबुआ से आफताब कुरेशी ,राधेश्याम पटेल की रिपोर्ट……..

जिले के 3 ब्लाकों में एस एस कंसलटेंट बिल्डर देवास द्वारा गुणवत्ता हीन लकड़ी सप्लाई की गई…………… पीएचई कार्यपालन यंत्री का गैर जिम्मेदाराना रवैया…

झाबुआ- प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश का विकास छिंदवाड़ा मॉडल के रूप में करना चाहते हैं और मध्य प्रदेश का चौतरफा विकास चाहते हैं लेकिन झाबुआ जिले में बैठे अधिकारी इस प्रयास को नाकाम करने में लगे हैं ऐसा प्रतीत होता है पीएचई विभाग द्वारा स्टॉप डेम में लगने वाले कड़ी शटर्स में लगने वाली लकड़ी खरीदी मामले में ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता हीन लकड़ी सप्लाई की गई और विभाग द्वारा उस लकड़ी का वेरिफिकेशन करने के बजाए ठेकेदार को आर्थिक लाभ पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं ठेकेदार द्वारा साल लकड़ी के बजाय सबसे कम दर वाली गट्टू लकड़ी की सप्लाई की गई और विभाग जानकर अनजान बैठा है

ताजा मामला है झाबुआ जिले के विभिन्न स्टॉप डेम में कड़ी शटस में लगने वाली लकड़ी खरीदी की गई | पीएचई विभाग द्वारा टेंडर पद्धति से खरीदी की गई | पीएचई विभाग ने टेंडर मे सशर्त कड़ी शटस मे साल की लकड़ी से निर्मित होना आवश्यक है निविदा आमंत्रित की |अन्य लकड़ी से निर्मित सामग्री मान्य नहीं की जावेगी |जिले के झाबुआ ब्लाक के ग्राम खेड़ी में साल से निर्मित कड़ी शटस साइज 0.15*0.15*1.55 की 500 नंग लकड़ी जिसका टेंडर मूल्य 13 .73 लाख , राणापुर ब्लॉक के टांडी ग्राम में स्टॉप डेम पर 300 नंग, टेंडर राशि 8.33 लाख ,थांदला ब्लाक के ग्राम बलवासा में 500नंग 13.17 लाख रुपए की कड़ी शटस (लकड़ी )खरीदी की गई |फर्म एस एस कंसलटेंट बिल्डर देवास द्वारा कड़ी शटस सप्लाई की गई | टेंडर नियम अनुसार लकड़ी में कहीं भी जॉइंट गठान इत्यादि नहीं होना चाहिए साथ ही कड़ी शटर्स के दोनों अंतिम छोर पर तथा मध्य में 1 इंच स्टील प्लेट चौकोर आकार में फिक्स कर प्रदायक करना है |

जब गांव के कुछ लोगों ने हमसे इस लकड़ी के बारे में जानकारी दी और बताया कि कड़ी शटस मे लकड़ी साल की नहीं है तब हमने ग्राम खेड़ी जाकर प्रदाय की गई कड़ी शटस में लकड़ी का टुकड़ा काटकर झाबुआ लाए | इसी तरह लकड़ी का करीब 20 वर्षों से कार्य कर रहा है शंकर भाई को इस लकड़ी का टुकड़ा बताया और पूछा कि यह लकड़ी की किस्म की है तो उन्होंने लकड़ी देखते ही बोला कि यह गट्टू किस्म की लकड़ी है जो पानी के बहाव को रोक नहीं सकती है और बहुत ही जल्दी सड जाती है तब हमने इसी तरह का लकड़ी का कार्य करीब पिछले 15 वर्षों से कर रहे सादिक भाई को यह लकड़ी का टुकड़ा बताया और पूछा कि यह लकड़ी किस किस्म की है तो सादिक भाई का कहना था कि यह लकड़ी साल की नहीं है यह लकड़ी सेन्टिंग् में चाबी इत्यादि बनाने के काम आती है जो काफी कमजोर और हल्की होती है और जब हमने इस तरीके के लकड़ी के दर के बारे में पूछा तो गट्टू किस्म की यह लकड़ी ₹600 प्रति घन फिट में उपलब्ध होती है और जो साइज 0.15*0.15*1.55 है उसकी लागत करीब ₹750 प्रति नग आती है |जबकि पीएचई विभाग ने बिना किसी गुणवत्ता की जांच के इसे करीब ₹ 2658 प्रति नग मे खरीदी है | अगर जांच में यह लकड़ी गट्टू किस्म की पाई जाती है तो यह सिद्ध हो जाएगा कि ₹750 की लकड़ी ₹ 2658 में खरीदी | इस प्रकार यदि इन 3 ब्लॉकों की गणना की जाए तो कुल 1300 नंग लकड़ी की कीमत करीब ₹975000 होती है जबकि पीएचई विभाग ने करीब ₹35 लाख में यह खरीदी की है जोकि साल से निर्मित होना चाहिए |

जब हमने पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री एन एस. भिड़े से इस कड़ी शटस या लकड़ी खरीदी के बारे में जानकारी मांगी और उसकी गुणवत्ता के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि ठेकेदार द्वारा उसका गुणवत्ता सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा |जब हमने कार्यपालन यंत्री से खुद विभाग द्वारा इससे वन विभाग से सत्यापित करने हेतु कहा तो उन्होंने इंकार कर दिया | कार्यापालन यंत्री द्वारा जिस तरह से गैर जिम्मेदाराना जवाब दिया जा रहा था उससे ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो कि वो ठेकेदार को आर्थिक लाभ पहुंचाना चाहते हैं | प्रश्न यह उठता है कि आखिर क्यों पीएचई विभाग ने इस लकड़ी की गुणवत्ता की जांच वन विभाग से नहीं करवाई …!?क्या कारण है |जिस विभाग के अधिकारी को यह तक नहीं पता कि किस विभाग से इसे सत्यापित किया जाए वह मुख्यमंत्री के सपने को साकार करने में क्या भूमिका निभाएगा यह आप सोच सकते हैं |

जब हमने विभागीय गलियारों से इसके बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला की थांदला का कोई नेता है जो इस फर्म से इस तरह की लकड़ी सप्लाई कर भुगतान करवाने का दावा कर रहा है साथ ही साथ वह यह भी कह रहा है कि वन विभाग से इस लकड़ी का गुणवत्ता सर्टिफिकेट भी उपलब्ध करवा देगा | प्रश्न यह भी उठता है कि क्या वन विभाग इस तरह की गुणवत्ता हीन लकड़ी का गुणवत्ता सर्टिफिकेट जारी करेगा !!? क्या पीएचई विभाग इस तरह की खरीदी में ठेकेदार का साथ देगा और गुणवत्ता हीन लकड़ी खरीदी की लाखों का भुगतान ठेकेदार को होगा ..यह जांच का विषय है शासन प्रशासन को चाहिए कि इस तरह की खरीदी की जांच अवश्य की जाए |

कड़ी शटस मे लगने वाली लकड़ी , की गुणवत्ता सर्टिफिकेट ठेकेदार द्वारा दिया जावेगा |

कार्यपालन यंत्री, पीएचई झाबुआ, एन एस भिडे |

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