झाबुआ

मास्क के नाम पर अवैध लूट…..

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झाबुआ- कोरोना वायरस को लेकर देश के प्रधानमंत्री सजग और सतक नजर आ रहे है साथ आम जनों से अपील कर घरों में रहने की बात कह रहे हैं ताकि इस वायरस का प्रकोप इस देश में बढ़ न सके |देश की जनता ने भी इस बात को समझते हुए जनता कर्फ्यू में सफल सहयोग दिया और उसके बाद लाकडाउन में भी जनता सहयोग कर रही है लेकिन इन्हीं चीजों के बीच कुछ मेडिकल व्यवसाई मौके का फायदा उठाते जो मास्क सुरक्षा की दृष्टि से हैं उन्हें मूल कीमत से 2 से 3 गुना अधिक कीमत वसूल रहे हैं और इस तरह खुलेआम लूट कर रहे हैं और प्रशासन में समाजसेवी होने का नाटक भी कर रहे हैं |

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए जिला कलेक्टर प्रबल सिपाहा ने अपने जिलेवासियों से सजग और सतर्क रहने के साथ घरों में रहने की अपील की | सभी सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं से सहयोग हेतु अपील की | इसी कड़ी में जिला केमिस्ट एसोसिएशन के कुछ सदस्य ने प्रशासन को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया और फोटो सेशन हेतु कुछ मास्क कलेक्टर कार्यालय में फ्री में भी बांटे और यह बताने का प्रयास किया कि हम समाजसेवी हैं |लेकिन जब धरातल पर स्थिति पर गौर किया कई जनों ने बताया कि नगर के इंडिया मेडिकल सटाेर पर यह मास्क किसी को ₹20 में तो किसी को ₹30 में तो किसी को ₹40 में यह व्यवसायी खुलेआम बेच रहे हैं जब अधिक दाम लेने की बात आती है तो यह व्यापारी मास्क देने से इंकार कर देते हैं या फिर शॉर्टेज का बहाना बताकर अधिक दाम लेे रहा है एक प्रतिष्ठित मेडिकल व्यवसाई काे इस तरह के मास्क जो अमूमन 10:00 से रुपए में बेचे जाना चाहिए उसके ₹30 वसूल रहे हैं ऐसा एक बिल हमारे पास उपलब्ध हुआ है और जो मास्क उन्होंने दिया है उसका भी फोटो संलग्न है बिल में 5 मास्क के ₹150 लिए गए , याने कि एक मास्क ₹30 का | जबकि एक टीवी चैनल पर दो और तीन पर वाले मास्को को ₹10 से अधिक कीमत पर नहीं बेचा जा सकता भी बताया |अब आप बताइए कि क्या कुछ मास्क नि:शुल्क बेचकर फोटो सेशन तक ही सीमित रहना चाहिए या वास्तव में मानव सेवा के लिए इसे मूल कीमत में बेचा जाना चाहिए | मानव सेवा का एक उदाहरण- झाबुआ के एक व्यापारी आरके टेलर ने मानवता की मिसाल देते हुए मास्को को बनाया और करीब एक ही दिन में करीब 2000 मास्क नि:शुल्क वितरित कर दिए | वही यह मेडिकल व्यापारी एक तरफ तो समाजसेवी होने का ढोंग करते हुए नि:शुल्क मास्क बाटकर फोटो सेशन कर रहा है वहीं दूसरी ओर समाज सेवा की आड़ में मास्क की मूल कीमत से 2 से 3 गुना अधिक राशि वसूली जा रही है | शासन प्रशासन को इस और ध्यान देकर मास्क के नाम पर जो शहर में लूट की जा रही है उसे रोकना चाहिए और मूल कीमत में इसे बेचने हेतु व्यवसाय को प्रेरित करना चाहिए या फिर इस विकराल स्थिति में कानूनी कार्रवाई भी करना चाहिए |

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