होम्यो फार्मेसी संचालकाे द्वारा राज्य के होम्योपैथी परिषद के आदेशों की अवहेलना……….
झाबुआ से पीयूष गादीया व राधेश्याम पटेल की रिपोर्ट
झाबुआ – एक और पूरा विश्व काेराेना की महामारी से भयभीत है वहीं भारत में भी संक्रमण काे फैलने से रोकने के लिए देश के प्रधानमंत्री ने 21 दिन का लाकडाउन घोषित किया है और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी लाकडाउन का पालन करने की अपील की है लेकिन जिला मुख्यालय पर कुछ होम्यो फार्मेसी संचालक चिकित्सक बनकर सिर्फ निजी आर्थिक लाभ के लिए यह संचालक ( डिग्री किसी और पद्धति की और इलाज किसी और पद्धति से) लाेकडाउन के निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं और राज्य होम्योपैथी परिषद मध्य प्रदेश के आदेशों की भी धज्जियां उड़ा रहे है | कहीं इनका आर्थिक लालच कोरोनावायरस को दस्तक ना दे दे या फिर कहीं है इस वायरस से अनभिज्ञ तो नहीं…..|
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जिला मुख्यालय के सिद्धेश्वर कॉलोनी स्थित शिवा होम्यो फार्मेसी और जयेश होम्यो फार्मेसी पर मरीजों की भीड़ देखने को मिली | नाम न बताने की शर्त पर कई मरीजों ने बताया कि इन होम्योपैथिक दुकान पर बुखार आदि होने पर दवाई दी और बोतल भी चढाई | जबकि इनके पास होम्योपैथी पद्धति या अन्य पद्धति की डिग्री है और यह इलाज एलोपैथी पद्धति से खुलेआम कर रहे हैं जब इन क्लीनिक पर ध्यान दिया तो पता चला तो कई मरीजों ने सुरक्षा की दृष्टि हेतु मास्क भी नहीं पहने और ना ही सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन किया | पूर्व में कई बार इनकी शिकायत भी हुई और कार्रवाई भी हुई लेकिन उसके बाद पुनः यह क्लीनिक यथावत चल रहे हैं | जबकि मूल रूप से यह होम्यो फार्मेसी संचालक हैं और चिकित्सक बनकर जिले के गरीब भोली-भाली जनता का अन्य पद्धति से इलाज भी कर रहे हैं | जिले की जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं |मध्य प्रदेश राज्य के होम्योपैथी परिषद ने 25 मार्च को एक सूचना पत्र के माध्यम से होम्योपैथी में पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी काे सूचित किया कि वे टेलीफोन /व्हाट्सएप / ई कंसलटेंशन के द्वारा रोगियों को सामान्य चिकित्सा परामर्श उपलब्ध करावे तथा आपातकालीन परिस्थितियों में मरीजों को उच्च चिकित्सा संस्थान में जाने हेतु निर्देशित करें | लेकिन यह दोनों ही संस्था के संचालक ना तो लॉक डाउन के नियमों का पालन कर रहे हैं और न हीं मध्य प्रदेश राज्य होम्योपैथी परिषद की आदेशों का पालन करें वरन उनके आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं | चुकी विगत 1 सप्ताह मे करीब हजारों की तादाद में ग्रामीण इस जिले में अन्य राज्यों से आए हैं और पूर्ण रूप से उनका चेकअप भी नहीं हुआ तो सुरक्षा की दृष्टि से इन चिकित्सकों को सभी मरीजों को जिला चिकित्सालय भेजना चाहिए ताकि यदि कोई संदिग्ध भी हो तो उसे सही परामर्श दिया जा सके |
इन क्लीनिक पर अल सुबह से ही मरीजों का आवागमन शुरू हो जाता है और दोपहर तक चलता रहता है | इन कलीनीकाे पर दर्जनों की तादाद में मरीजों का आवागमन हो रहा है यदि यह होम्यो फार्मेसी संचालक बनकर दवाई भी दे रहे हैं तो भी राज्य के होम्योपैथी परिषद के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं| जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है और प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का भी ध्यान इस और नहीं है जबकि कुछ प्रबुद्ध जनाे ने है जिले के कलेक्टर प्रबल सिपाहा और स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ को इसकी सूचना भी दी , लेकिन सूचना के बाद भी ना तो प्रशासन हरकत में आया और नहीं स्वास्थ्य विभाग |प्रशासन की मौन कार्यप्रणाली से लगता है कि उन्हें इस वायरस के संक्रमण फैलने का अंदाजा नहीं है जबकि यह संक्रमण एक चेन के रूप में फैलता है|कहीं प्रशासन की लापरवाही , स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और इन क्लीनिक संचालकों की आर्थिक लालच कहीं कोरोना वायरस को बढ़ावा तो नहीं दे रही है | यह जांच का विषय है |
जिम्मेदारों का क्या कहना……….
आपके द्वारा मुझे सूचना प्राप्त हुई है जांच दल भेजकर इसकी जांच करवाई जाएगी और नियम अनुसार कार्रवाई भी की जाएगी |
बी.एस.बारिया ,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी , झाबुआ |