झाबुआ

जिले के पुलिस कप्तान और अतिरिक्त पुलिस कप्तान को सैल्यूट

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झाबुआ जिले के सभी पुलिस अधिकारी-कर्मचारी दिन-रात लगे हुए ड्यूटी में, सुरक्षा और कानून की सबसे बड़ी व्यवस्था का जिम्मा आप पर

झाबुआ से राधेश्याम पटेल और दौलत गोलानी

झाबुआ। नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव हेतु 21 मार्च से झाबुआ जिले में लॉक डाउन लगा हुआ है। लॉक-डाउन का शत-प्रतिशत पालन करवाने में जमीनी स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है, पुलिस प्रशासन की। जिसका हमारे जिले के कप्तान विनीत जैन एवं अतिरिक्त पुलिस कप्तान विजय डावर के नेतृत्व में पूरे जिले में सभी पुलिस अधिकारी-कर्मचारी पूरी सजगता और कर्तव्य निष्ठा के साथ पालन कर रहे है। आपको हम बता देना चाहते है जिलेभर में चप्पे-चप्पे पर हमारे पुलिस जवान तैनात होकर दिन-रात ड्यूटी दे रहे है और सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था को बनाए रखने में अपनी विशेष भूमिका का निर्वहन कर रहे है। आपकी इन सेवाआें को नमन एवं सैल्यूट ….।

यह देश का गौरव है कि, हमारे देश के जांबाज पुलिसकर्मी सामान्य तौर पर आम दिनों में तो अपनी ड्यूटी का बखूबी निवर्हन और पालन करते ही है, लेकिन जब-जब भी देश में आपातकाल की स्थिति आती हे, जिसमें हिंसा, कफूर्य, दंगे-फसाद, धरना-प्रर्दषन होने के दौरान देश के यह वीर सपूत सुरक्षा व्यवस्था और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए निर्भिक होकर तैनात हो जाते है। हमारे देश की सुरक्षा आपके जांबाजों के मजबूत कंधों पर है। अब जब की कोरोना वायरस (कोविड-19) जैसी वैश्विक महामारी से रोकथाम के लिए हमारे देश के मुखिया नरेन्द्र मोदी ने 21 दिनों का लॉक डाउन किया है, तो हमारे देश के इन जांबाजों ने भी कमर कसकर अपनी ड्यूटी का निर्वहन करने की ठान ली है, वह भी देश के लिए और देष के नागरिकों के हित के लिए।

लोग लॉकडाउन का पालन नहींं करते, तो होता है दर्द
आप घरों पर स्वस्थ और सुरक्षित रहे, इसलिए ये पुलिसकर्मी दिन-रात विरान पड़ी सड़कों-बाजारों, तिराहो-चौराहों पर खड़े रहकर व्यवस्था को संभालने में लगे हुए है। कभी-कभी तो इन्हें अकेलापन महसूस होता है। दर्द जब होता है, जब इस बीच भीकुछ लोग लॉकडाउन का पालन नहीं करते हुए बेवजह घरों से बाहर निकलकर पैदल एवं दो पहिया वाहनों से बाजारों में जबरन चक्कर काटते हुए सोश्यल डिस्टेनसिंग का भी पालन नहीं करते है।

फिर चलाना पड़ती है लाठियां और लगवाना पड़ते है दंड-बैठक
फिर इन पुलिसकर्मियों की आपकी सुरक्षा के लिए और आपके हित के लिए ही ऐसे लोगों पर या तो लाठियां भांजना पड़ती है या दंड बैठक लगाकर उन्हें सीख देना पड़ती है। जिसके चलते अगली बार यह लोग अपने घरों से बेवजह बाहर नहीं निकले। देश में लॉक डाउन के बीच कई जगहों पर तो पुलिस प्रशासन ने गांधी गिरी अपनाते हुए बेवजह घरों से बाहर निकलने पर लोगों को हाथों में ‘मैं समाज का दुश्मन हूॅ, मैं नहीं सुधरूंगा’ जैसे पर्चे ओर पोस्टर देकर उन्हें समझाने का प्रयास किया, तो वहीं हमारे पुलिस भाई इस बीच नित नए तरीके अपनाते हुए देश के कई शहरों में सूनसान सड़कों और गली-मौहल्लों में देश हित में गाना गाते हुए निकलते हुए लोगो का हौंसला बुलंद कर रहे है। जरा सोचे कि इन पुलिसकर्मियों को क्या मतलब …. क्यो यह 24 घंटे आपकी सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे है। कोरोना वायरस जैसी महामारी से बिना जान की परवाह किए, अपने परिवार से दूर होकर सिर्फ और सिर्फ आपकी सुरक्षा के लिए सूनी और विरान सड़कों पर तैनात है।

मप्र के दमोह जिले में आरक्षक ने अपनी बेटी को खो दिया
यदि आपको नहीं पता हो तो हम आपको बता देना चाहते है, लॉकडाउन के दौरान ही मप्र के दमोह में एक पुलिस आरक्षक की 24 घंटे लगी ड्यूटी के कारण यह आरक्षक अपनी पुत्री के बीमार होने पर समुचित उपचार नहीं होने से देश की एक बेटी असमय काल के गाल में समाहित हो गई, जिसके बाद इस पुलिसकर्मी की आंखों से अश्रु धारा बह निकली। देश के प्रति अपने कर्तव्य को निभाने के चलते उक्त देश का सिपाही अपने परिवार के प्रति कर्तव्य को पूर्ण रूप से नहीं निभा सका।

होस्टलों और होटलों में रह रहे
हम आपको इस सच्चाई से भी अवगत करवाना चाहते है कि आपके देश के यह वीर सपूत कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बिमारी के बीच ड्यूटी करने के बाद यदि घर लौटते है तो कहीं परिवार को कोई खतरा ना हो, इसके लिए इन पुलिसकर्मियों के लिए जिले के पुलिस कप्तान विनीत जैन एवं अतिरिक्त पुलिस कप्तान विजय डावर ने इनके रहने के लिए जिले में अलग से होटलों और होस्टलों में अलग-अलग कमरों में व्यवस्था की है। जहां उन्हें भोजन-पानी की सुविधा भी प्रदान की जा रहीं है।

सेवाभावी लोग करवा रहे भोजन एवं पिला रहे चाय-पानी
इन सेवाभावी पुलिसकर्मियों की सेवा से अत्यधिक अभिभूत होकर सेवाभावी लोग इन्हें दो समय भोजन करवा रहे है, कोई चाय पिला रहा है तो कोई पानी पीला रहा है। बदले में यह सिर्फ यहीं चाहते है कि आप अपने घरों में ही सुरक्षित और स्वस्थ रहे। संकट और आपातकाल की इस घड़ी के बीच पुलिस को कानून व्यवस्था संभालने में पूरी तरह मद्द करे।

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