झाबुआ- जिले व शहर में लाकडाउन का पालन करना हर आमजन का परम कर्तव्य है यदि लाकडाउन का पालन नहीं किया जाता है ताे जनहित और लोकदृष्टि से तो से उसका पालन कराया जाना भी आवश्यक है बार-बार समझाइश देने के बाद भी कई बार पुलिस भी लाकडाउन के पालन में सख्ती करती है लेकिन कई बार गरीब आदिवासी इसका शिकार भी हो जाते हैं क्योंकि लाकडाउन में कमाने का साधन उपलब्ध नहीं है और कुछ लोग राेज कमा कर अपना जीवन यापन करते हैं इसलिए कई बार ग्रामीण जन अल सुबह ही सब्जी लेकर शहर में बेचने आते हैं ऐसा ही एक नजारा आज सुबह लक्ष्मी नगर में एक आदिवासी महिला टोपला लेकर घर-घर भिंडी बेच रही थी ट्रैफिक पुलिस ने उसका टोपला उंदा कर, कुछ बेल को भी खिला दिया | वह गरीब महिला संभवत सब्जी बेच कभी अपना जीवन यापन करती है और आज सब्जी को इस तरह फेंकने पर उसे कुछ नही मिला | एक गरीब महिला के आंसू आज देख कर मन व्याकुल हो जाता है हम मानते हैं दिन रात पुलिस वाले सराहनीय कार्य कर रही है लाकडाउन का पालन करने के लिए पुलिस सख्त है लेकिन ऐसी सख्ती भी क्या काम की |लेकिन अति जब हो जाती है जो आवेश में आकर गरीब महिला के साथ ऐसा दुर्व्यवहार करते हैं
लाकडाउन के पालन में एक पास पर तीन व्यक्ति घूम रहे हैं इन्हें छूट क्यों …...??|
यदि पुलिस लाकडाउनन का पालन सख्ती से करना चाहती है तो शहरी क्षेत्र में ही अगर नजर घुमा कर देख ले तो कई ऐसे नजारे होंगे जो सरेआम लाक डाउन की धज्जियां उड़ा रहे हैं आज ऐसा ही एक नजारा सुबह देखने को मिला जहा एक लोडिंग रिक्शा में तीन लाेग तरबूज बेच रहे थे |उस रिक्शे में वाहन चालक ने जिला प्रशासन द्वारा जारी किए पास को लटका कर रखा है और उस एक पास पर एक ही व्यक्ति घूम सकता है लेकिन इस नजारे में एक पास पर तीन व्यक्ति सरेआम घूम रहे हैं और लाकडाउन की धज्जियां उड़ा रहे हैं शहर में ऐसे और भी कई नजारे हैं जो यह फल बेचने वाले ,एक पास पर कई लोग सरेआम घूम रहे हैं कई बार तो यह बाजारों में और शहर के मोहल्लों में शाम तक बेचते हुए नजर आ रहे हैं पुलिस को यह नजर क्यों नहीं आ रहा है कि एक पास पर तीन से चार व्यक्ति घूम रहे हैं लाकडाउन के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं | सर्वप्रथम तो पहले इस तरह के नजारे जो 1 पास पर 2-3 लोग घूम रहें है उन्हें बंद किया जाए | प्रशासन को चाहिए कि इस ओर ध्यान देकर यह प्रयास करें कि समय सीमा के बाद भी यदि घूमते नजर आए तो इन पर कार्रवाई होना चाहिए |