झाबुआ

पान मसाला व्यापारी के यहां छापामार कारवाई की गई, जानकारी के लिए जब मीडिया ने डिप्टी कलेक्टर से कारवाई के बारे में पूछा तो कहा -जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं हु, आरटीआई में जानकारी लो……..

Published

on

झाबुआ – जिला कलेक्टर प्रबल सिपाहा द्वारा कालाबाजारी को रोकने के लिए टीम गठित कर कार्रवाई हेतु निर्देशित किया |रविवार काे जिले के राणापुर, टांडी आदि गांव में 5 व्यापारियों पर कार्रवाई की गई | किसी दुकान पर कोल्ड ड्रिंक पर अंकित मूल्य से अधिक मूल्य लेने ,ताे कही मास्क की कीमत अधिक लेने पर कार्रवाई की गई | रविवार शाम को ही शहर के पान मसाला डिस्ट्रीब्यूटर के गोदाम पर डिप्टी कलेक्टर लक्ष्मीनारायण गर्ग के नेतृत्व में नापतोल विभाग, फूड विभाग द्वारा छापामार कार्रवाई की गई | व्यापारी द्वारा बिल प्रस्तुत कर ,स्टाक बता कर , किसी भी तरह का व्यापार लॉकडॉन के दौरान नहीं करने की बात कही गई | व्यापारी द्वारा भी इसे रूटीन चेकिंग अभियान की बात कही |फिर भी टीम द्वारा चेकिंग के दौरान पान, मसाला पाउच के सैंपल जांच हेतु लिए गए | संपूर्ण कागजी खानापूर्ति होने के बाद सैंपल आदि जांच लेने के बाद जब मीडिया ने डिप्टी कलेक्टर गर्ग से की कार्रवाई की गई के बारे में जानकारी चाही , तो डिप्टी कलेक्टर महोदय ने जवाब देते हुए कहा- मैं किसी को जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हु, यदि आपको जानकारी चाहिए तो आरटीआई के तहत मांग कीजिए | जबकि महोदय द्वारा यह भी कहा जा सकता था कि इसकी जानकारी कलेक्टर महोदय द्वारा दी जावेगी | एक तरफ तो कलेक्टर प्रबल सिपाहा द्वारा कालाबाजारी को रोकने के लिए टीम गठित कर ,कारवाई कर रोकने हेतु प्रयास किए जा रहे हैं जांच अभियान ,कार्रवाई के माध्यम से यह भी बताने का प्रयास किया जा रहा है कि प्रशासन द्वारा कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी |वहीं दूसरी ओर डिप्टी कलेक्टर द्वारा संपूर्ण कार्रवाई मीडिया को ना बताना समझ से परे था क्योंकि मीडिया के माध्यम से ही आमजन तक इस तरह की कार्रवाई अभियान काे जन-जन तक पहुंचाया जा सकता था यह संदेश दिया जा सकता था कि कालाबाजारी के खिलाफ प्रशासन सख्त है |कलेक्टर प्रबल सिपाहा के सार्थक प्रयासों को उनके अधीनस्थ कर्मचारी द्वारा, कार्रवाई को छुपाकर क्या दर्शाना चाहते हैं…? जबकि कलेक्टर महोदय का इस कार्रवाई से कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों के मन में भय उत्पन्न हो गया है | मीडिया के गलियारों मे यह चर्चा का विषय रहा कि आखिर ऐसा क्या कारण रहा कि जब रेगुलर चेकिंग अभियान था तो डिप्टी कलेक्टर द्वारा इसकी कारवाई की जानकारी मीडिया कर्मी को क्यों नहीं दी गई….? इस तरह की कार्रवाई को छुपाना या जानकारी नहीं देना , आमजन में प्रशासन के प्रति नजरिया बदलता है | और आमजन में और मीडिया में यह विचार आता है कि संभवत कहीं किसी तरह का सेटलमेंट ताे नही है | प्रशासन को चाहिए कि इस ओर ध्यान देकर कलेक्टर महोदय के कालाबाजारी रोकने के प्रयासों को , किसी अधिकारी की लापरवाही से विफलता ना प्राप्त हो और गलत संदेश आमजन में ना जाएं |

Trending