झाबुआ

क्या रिश्वत के दबाव में नगरपालिका सी एम ओ नोटिस देने के बाद भी काम बन्द नही करवा पा रहे है?

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झाबुआ– यूं तो झाबुआ जिला कोरोनावायरस से लड़ रहा है वहीं दूसरी और नगर पालिका में रिश्वत का वायरस तेजी से फैल रहा है। इल्लीगल काम की भी परमिशन मौखिक रूप से दी जा रही है शिकायत होने के बाद शिकायतकर्ता को ही समझाइश दी जा रही है। ऐसा ही एक मामला शहर के बोहरा मस्जिद के सामने प्रारंभ हुए निर्माण कार्य में देखने को मिला जहां पर मकान मालिक सोनी द्वारा बिना परमिशन के बेसमेंट खोदकर बनाया जा रहा है। जिसको नगर पालिका की ओर से काम बंद करने का नोटिस भी दिया गया है परन्तु आज दिनांक तक नगर पालिका वहाँ बेसमेंट निर्माण कार्य बंद नही करवा पाई । या यूं कहें कि रिश्वत के बोझ से अधिकारी दबे हुए है।

विभागीय गलियों से यह भी पता चला है कि बेसमेंट की पमिशन नगर पालिका द्वारा संभवत नहीं दी जाती है। यदि नहीं तो किस आधार पर यह मकान मालिक जमीन खोदकर बेसमेंट बना रहा है। जब शहर के ही कुछ जागरूक नागरिक में इसकी शिकायत नगर पालिका अधिकारी को की तब उन्होंने कहा कि आन लाइन कार्यवाही की जा रही है और उस पर अर्थदंड लगाया जाएगा । किंतु शिकायत कर्ता ने काम बंद करवाने को बात की तो सी एम ओ साब कुछ जवाब नही दे पाये । यह भी समझ से परे है कि नोटिस के बाद भी क्या कारण है कि सी एम ओ साब काम बंद करवाने में रुचि क्यो नही ले रहे है बाजारों ओर चौराहों पर जनचर्चा का विषय बनता जा रहा है कि क्या सी एम ओ साब रिश्वत लेकर बेसमेंट की मौखिक परमिशन दे रहे है। इस तरह के अधिकारियों के आर्थिक हितों के कारण लोगों में सरकार के प्रति अविश्वास आता है अब तो बाजारों में यह बात सुनने को मिल रही है कि भाजपा की सरकार आते ही अधिकारी कर्मचारियों की सरकार आ गई है जहां अधिकारी कर्मचारी अपने मनमाने तरीके से काम करेंगे और आर्थिक लाभ को तवज्जो देते हुए जनहित के मुद्दों को नकार देंगे इसके अलावा आम नागरिक खोजेमा बोरा ने भी इस निर्माण कार्य को लेकर शिकायत की थी लेकिन आज तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई लगता है नगरपालिका में सब कुछ अंधेर नगरी और चौपट राजा की तर्ज पर कार्य चल रहा है अन्यथा जो बेसमेंट निर्माण का कार्य चालू है वह नगरपालिका सी एम ओ ने अभी तक बन्द करवा के उस अवैध बेसमेंट को वापस भरवाया क्यो नही । क्या अर्थदंड लगाकर कर अवैध बेसमेंट की परमिशन दी जाएगी ?….. शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर इस तरह के मौखिक परमिशन पर कोई कार्रवाई होगी या फिर या अधिकारी अपने मनमाने तरीके से ही कार्य करते रहेंगे और प्रदेश में भाजपा की सरकार को रिश्वत के नाम पर कलंकित करते रहेंगे।

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