रजला में शांति धाम( मुक्तिधाम) की राशि को भी ठिकाने लगाया गया ।
झाबुआ– एक तरफ सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्य प्रारंभ कर ग्रामीण वासियों को ग्राम में ही रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। तथा रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्रामीणों को रोजगार देने का प्रयास कर रही है। लेकिन ग्राम पंचायत रजला में रोजगार सहायक द्वारा मजदूरों को काम देने के बजाय मशीनों से काम किया गया और संभवत परिवारवाद को बढ़ावा देते हुए अपने परिजनों की फर्मों के बिल भी लगाए और भुगतान भी किया जो कि प्रदेश सरकार के आदेशों की अवहेलना है। ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत रजला में वर्ष 2018 में शांति धाम (मुक्तिधाम) निर्माण को लेकर हुआ। जिसमें रोजगार सहायक राजू ने रोजगार गारंटी के तहत ग्राम वासियों को रोजगार उपलब्ध ना कराते हुए अपने परिजन प्रकाश सोलंकी की जेसीबी मशीन लगाकर कार्य किया और रोजगार सहायक राजू स्वयं ही जेसीबी पर बैठकर कार्य कर रहा था जो कि नियमों की विपरीत है।
ग्राम वासियों से यही पता चला कि यह जेसीबी मशीन संभवत इसके भाई प्रकाश की है साथ ही सोलंकी कृषि फार्म के बिल क्रमांक 49 दिनांक 15/02 /2018 नदी बंडा मोरम का बिल 84 क्यु बिक मीटर ₹500 प्रति मीटर 42000 का बिल है जबकि शांति धाम( मुक्तिधाम) में संभवत इतनी मात्रा में बंडे की आवश्यकता नहीं होती है इसके अलावा एक और बिल क्रमांक 50 दिनांक 16/ 10 2018 का है जिसमें मिलर मशीन किराया 15000 और भाड़ा रु 20,000 हैं।
इस प्रकार शांति धाम( मुक्तिधाम)की राशि को गोलमाल कर भ्रष्टाचार की भेट चढ़ाया गया। चुकी शांति धाम में गडर खड़ी कर टीन सेट लगाया जाता है और छोटे कालम के सहारे गडर खड़ी की गई है ।जिससे यह प्रतीत होता है इस तरह के कार्य में भीतर मशीन की आवश्यकता थी ही नहीं।
यह बिल मात्र पेमेंट हेतु दर्शाया गया । इस तरह शासन की राशि को रोजगार सहायक दीमक की तरह खा रहा है और अपने परिजन को भुगतान कर हिस्सा ले रहा है क्या शासन-प्रशासन इस ओर ध्यान देकर रोजगार सहायक पर कोई कार्यवाही करेगा या रोजगार सहायक यूं ही फर्जी बिलों के माध्यम से पंचायत और शासन को चूना लगाता रहेगा और राशि हड़पता रहेगा