झाबुआ

भाजपा मंडल अध्यक्ष पदों के लिए जद्दोजहद………..??

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वर्षों से भाजपा के लिए कार्य करें रहे… कार्यकर्ताओं की अनदेखी…….. कई मौकापरस्त लोग चाटुकारिता के सहारे कर रहे है मंडल अध्यक्ष की दावेदारी…..

झाबुआ- प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही मंडल अध्यक्षों के लिए दावेदारों की सूची लंबी होती जा रही है कई मंडल अध्यक्षों में तो ऐसे भी दावेदार है जिन्होंने कभी भाजपा का झंडा तक नहीं उठाया और ना ही किसी चुनाव प्रचार अभियान का हिस्सा बने और नहीं सक्रिय रुप से भाजपा के लिए कार्य किया |लेकिन वर्तमान में चाटुकारिता के सहारे वह इस पद के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं भाजपा जिलाध्यक्ष की कमान लक्ष्मणसिंह नायक द्वारा संभालते ही , लक्ष्मण कार्याकर्ताओं से रूबरू होकर उनकी समस्याओं का निराकरण कर रहे है। मगर पार्टी के ही कुछ लोग लक्ष्मण की राह में कांटे बिछाने में लगे हुए है। ऐसे में लक्ष्मणसिंह को ही तय करना होगा ,मंडल अध्यक्ष पद के लिए सबसे उपयुक्त दावेदार कौन है क्योंकि जल्द ही उन्हे संगठन खडा करना है…।
यदि हम बात करें झाबुआ नगर मंडल अध्यक्ष पद के लिए तो हमारे भोपाली सूत्रों के अनुसार मंडल अध्यक्ष पद के लिए नामों की एक पैनल संगठन स्तर पर भेजी है यदि इनमें से हम एक की बात करे तो उसने कभी भाजपा का झंडा ही नहीं उठाया , ना ही कभी भाजपा के लिए प्रचार प्रसार अभियान का हिस्सा बना, ना ही कभी काेई चुनाव में बूथ पर बैठा हाे, ना ही भाजपा के लिए काम किया , ना हीं किसी चुनाव में भाजपा के लिए वोट मांगे, लेकिन वर्तमान में चाटुकारिता के सहारे वह मंडल अध्यक्ष पद के दावेदारों में से एक है वही यदि दूसरे की बात करें तो , तो कांग्रेस की सरकार में वह कांग्रेसी परिषद के साथ होकर कार्य करता रहा, लेकिन जैसे ही प्रदेश में भाजपा की सरकार काबीज हुई वह पुनः भाजपाइयों के साथ कार्य करने लगा और मंडल अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रहा है जबकि नगर में ऐसे कई भाजपा के कार्यकर्ता हैं जिन्होंने वर्षों से भाजपा के लिए झंडे उठाए , चुनाव प्रचार अभियान का हिस्सा बने , बूथ पर बैठकर भाजपा के लिए काम किया ,लेकिन चाटुकारिता नहीं आने के कारण वह लोग आज इस पद की दौड़ से काेसो दूर है लेकिन यदि इसी तरह चाटुकार , संगठन के पदों पर काबिज होते रहे तो वास्तव में जो भाजपा का कार्यकर्ता है वह भाजपा से दूरी बनाने लगेगा ,जिससे भाजपा ग्रामीण और शहरी स्तर पर कमजोर होती हुई नजर आने लगेगी ,जो कहीं ना कहीं चुनाव में देखने को मिलेगी | इसी प्रकार यदि हम रामा ब्लाक के मंडल की भी बात करें तो तो इस मंडल में कालीदेवी के एक परिवार जो वर्षों से भाजपा का कार्यकता रहा है उसी कार्यकर्ता की कई बार उपेक्षा की गई है जिन्होंने पूर्व के वर्षों में करीब 25 वर्ष पूर्व संभवतः इस क्षेत्र में जब भाजपा का काेई कार्यकर्ता ही नहीं था और इस क्षेत्र में लगभग कांग्रेस का गढ़ माना जाता था तब उस परिवार के लोगों ने कार्यकर्ता के रूप में भाजपा के झंडा उठाए हुए घूमते थे और भाजपा के लिए प्रचार-प्रसार भी करते थे और विपक्षी लोगों ने कई बार उनके घरों पर पथराव भी किए और उन्हें नुकसान पहुंचाने की भी कोशिश की ,इस कारण कई बार उन्हें आर्थिक नुकसान भी हुआ , लेकिन उन्होंने कभी भाजपा का दामन नहीं छोड़ा और नहीं भाजपा की रीति नीति |वह परिवार आज भी भाजपा के लिए पूर्ण रूप से खड़ा है |लेकिन उपेक्षा का शिकार होने के कारण , चाटुकारिता की राजनीति नही आने के कारण, राजनीति में कहीं ना कहीं उन्होंने भाजपा से दूरी बना ली | आजकल राजनीति में मौकापरस्त लोग चाटुकारिता के सहारे आगे बढ़ रहे हैं और जो वास्तविक कार्यकता है वह धीरे-धीरे इस कार्यप्रणाली के कारण भाजपा से दूरी बना रहे हैं जो कि एक गंभीर चिंतन का विषय है लेकिन इन दिनों भाजपा संगठन में पद लोलुप्ता के लिए कई लोग जिन्होने कभी पार्टी के झंडे तक नही है और पार्टी के साथ भीतरघात किया…. वहीं किसी ने पार्टी को क्षति पहुंचाई आज वो लक्ष्मण के आगे पीछे घुमते नजर आ रहे है। यह वो ही है जो पद मिलने के बाद कहीं नजर नही आयेगे ……मगर हां इनकी गाडियों पर बडी बडी फलाना नेता की प्लेट जरूर नजर आयेगी….। जिले भर में इन दिनों दावेदारियों तो ऐसी की जा रही है कि सालों से भाजपा के झंडे तोक तोक कर ये दावेदारी करने वाले घीस गए होंगे..!

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