जिला स्तरीय जनसुनवाई में 73 आवेदनों पर निराकरण के निर्देश जारी किए गए
रतलाम/ जिला स्तरीय जनसुनवाई मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई। जहां पर कलेक्टर श्री राजेश बाथम द्वारा आवेदनों पर सुनवाई करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश संबंधित विभागों के लिए जारी किए गए। इस दौरान अपर कलेक्टर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, श्री आर. एस. मंडलोई, एसडीएम श्री अनिल भाना ने भी जनसुनवाई की।
जनसुनवाई में ग्राम कसारी चौहान तहसील ताल के मुकेश पिता मोहनलाल ने आवेदन दिया कि उसकी निजी भूमि जिस पर वह खेती कर रहा है, उसमें जाने के लिए पहले आम रास्ता था, जिसे पड़ोसी व्यक्ति ने बंद करके कब्जा कर लिया है, कार्रवाई की जाए आवेदक के आवेदन पर तहसीलदार ताल को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए। इसी प्रकार ग्राम मेवासा तहसील रतलाम निवासी भेरूलाल ने आवेदन दिया कि उसके स्वामित्व की भूमि पर गांव के ही अन्य व्यक्ति ने धोखाधड़ी करके फर्जी रजिस्ट्री वर्ष 2015-16 में करवाकर भूमि पर अपने नाम से राजस्व दस्तावेजों में नामांतरण दर्ज करवा लिया है कार्यवाई की जाए। इस आवेदन के संबंध में तहसीलदार नामली को निर्देश जारी किए गए।
जनसुनवाई में ग्राम गुणावत निवासी मोड सिंह ने आवेदन दिया कि उसकी भूमि पर एक अन्य व्यक्ति द्वारा कब्जा कर लिया गया है जबकि वह अपनी भूमि सीमांकन के लिए 6 वर्षों से कार्यालय के चक्कर लगा रहा है। आवेदन के निराकरण हेतु तहसीलदार रतलाम ग्रामीण को दिशा निर्देश जारी किए गए।
जनसुनवाई में काजीपुरा रतलाम निवासी शारदा सिकरवार ने आवेदन दिया कि वह गरीब घर से है उसके बच्चे का शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत पिछले दो वर्ष से किसी भी स्कूल में एडमिशन नहीं हो पाया है कार्यवाई की जाए। आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी की और प्रेषित किया गया।
जिले के ग्राम खजूरी देवड़ा आलोट निवासी शबाना ने आवेदन दिया कि उसके पति की दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, परंतु कोई भी आर्थिक सहायता अब तक नहीं मिल पाई है। उसका आवेदन आवश्यक कार्यवाई के लिए एसडीएम आलोट की और प्रेषित किया जाकर निर्देश जारी किए गए।
रतलाम की गवली मोहल्ला निवासी टेकराम पिता बाबू गवली ने आवेदन दिया कि उसके पैतृक भवन को अवैधानिक रूप से बिना किसी दस्तावेजों के कर्मचारियों से मिलकर अन्य व्यक्ति द्वारा नामांतरण कर लिया है। आवेदन पर तहसीलदार रतलाम को आवश्यक कार्यवाई की निर्देश जारी किए गए।
जिले के ग्राम जड़वासाकला के रहवासियों ने सामूहिक रूप से आवेदन दिया कि गांव के एक अन्य व्यक्ति द्वारा अवैधानिक रूप से नाले के पानी को रोककर उस पर निर्माण कर लिया गया है जिस कारण नाले का बहता हुआ पानी हमारे घरों में घुसने की संभावना बन गई है, प्रति प्रार्थी को समझाने पर माना नहीं है। आवेदन पर एसडीएम रतलाम ग्रामीण को निर्देश जारी किए गए।
एमएसएमई औद्योगिक इकाईयों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान केन्द्रीयकृत ऑनलाईन प्रणाली से होगा
मंत्री श्री काश्यप प्रोत्साहन राशि के बजट में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी
490 से 699 करोड़ हुआ बजट
रतलाम / एमएसएमई श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को प्रोत्साहन राशि वितरण की वर्तमान प्रचलित प्रक्रिया को पारदर्शी एवं सरलीकृत बनाने के उद्देश्य से समस्त भुगतान केन्द्रीयकृत ऑनलाईन भुगतान/वितरण प्रणाली के माध्यम से उद्योग संचालनालय स्तर पर किये जाने का निर्णय लिया गया है। उल्लेखनीय है कि एमएसएमई मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप ने उक्त आशय के निर्देश दिए थे।
एमएसएमई प्रोत्साहन व्यवसाय निवेश संवर्धन सुविधा प्रदाय योजना में वर्ष 2023-24 में 490 करोड़ का बजट प्रावधान था जिसे बढ़ाकर वर्ष 2024-25 में 699.20 करोड़ रूपये किया गया है। बजट में विगत वितिय वर्ष की तुलना में 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई हैं। मध्यम श्रेणी की इकाईयों के लिए पहली बार राशि रूपये 100 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया हैं।
मध्यप्रदेश में एमएसएमई श्रेणी की इकाईयों के प्रोत्साहन के लिए मध्यप्रदेश एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2021 लागू हैं, जिसमें सुक्ष्म लघु श्रेणी की इकाईयों के लिए 40 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है। इसी प्रकार मध्य़म श्रेणी की इकाईयों के लिए 40 प्रतिशत तक एवं मध्यम श्रेणी की खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को मूल सहायता का डेढ गुना तक प्रोत्साहन राशि एवं अन्य सुविधाए दिये जाने का प्रावधान हैं।
पूर्व में सूक्ष्म एवं लघु श्रेणी की इकाईयों के लिए प्रोत्साहन राशि का भुगतान जिला स्तर से किया जाता था, जिससे इकाईयों को प्रोत्साहन राशि वितरण/भुगतान प्रक्रिया जटिल थी एवं विलम्ब होता था। अब सरलीकरण एवं पारदर्शिता के लिए एमएसएमई मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप द्वारा निर्देश दिये गए। जिसके अनुक्रम में एमएसएमई श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को प्रोत्साहन राशि वितरण की वर्तमान प्रचलित प्रक्रिया को पारदर्शी एवं सरलीकृत बनाने के उद्देश्य से उक्त् समस्त भुगतान केन्द्रीयकृत ऑनलाईन भुगतान/वितरण प्रणाली के माध्यम से उद्योग संचालनालय स्तर पर किये जाने का निर्णय लिया गया है।
सुचारू संचालन के लिये वित्त् विभाग द्वारा सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग को पृथक से पी.डी. अकाउण्ट स्वीकृत किया गया हैं। केन्द्रीयकृत भुगतान प्रणाली अन्तर्गत प्रदेश के समस्त स्वीकृत प्रकरणों में पात्र इकाईयों को उत्पादन दिनांक के वरियता क्रम में पी.डी. अकाउण्ट के माध्यम से उनके खाते में राशि का सीधा भुगतान/वितरण उपलब्धता अनुसार पारदर्शी प्रक्रिया से किया जा सकेगा। उक्त प्रणाली के लागू होने से प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस की अवधारणा को मूर्त रूप मिलेगा।
श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल के विरुद्ध 2 लाख रुपए की शास्ती अधिरोपित
मान्यता समाप्त करने का प्रस्ताव शासन को
राजसात यूनिफॉर्म, पुस्तके एक तिहाई मूल्य पर विक्रय की जाएगी
रतलाम 4/ कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री राजेश बाथम द्वारा जिले के ग्राम डेलनपुर स्थित श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल के विरुद्ध दो लाख रुपए की शास्ती अधिरोपित की गई है। इसके अलावा स्कूल की मान्यता समाप्त करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है, साथ ही जिला प्रशासन द्वारा स्कूल से राजसात की गई पुस्तको एवं यूनिफॉर्म एक तिहाई मूल्य पर विक्रय की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों शिकायत मिलने पर कलेक्टर द्वारा एक संयुक्त दल स्कूल में जांच के लिए भेजा गया जहां जांच में पाया गया कि स्कूल भवन के ग्राउंड फ्लोर के तीन कक्ष एवं प्रथम तल के एक कक्ष में गणवेश एवं पाठ्य पुस्तकों का भंडार है। भंडारण में 304 पैकेट में ड्रेस, बेल्ट, टाई, मोजे, 295 पैकेट स्वेटर, 36 बण्डल पुस्तक, 9 पुस्तक पेकेट, तीन कॉपी के बंडल पाए गए। स्कूल परिसर में ही गणवेश एवं पाठ्य पुस्तक पाई जाने से यह पूर्णतः स्पष्ट हुआ कि छात्र-छात्राओं अभिभावकों को गणवेश एवं पाठ्यपुस्तक विक्रय की जा रही थी।
जांच में संस्था का कृत्य मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 एवं मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 का स्पष्ट उल्लंघन पाया गया। अतः कलेक्टर द्वारा नियम 10 के अंतर्गत 2 लाख रुपए की शास्ती चैतन्य टेक्नो स्कूल पर अधिरोपित की गई है इसके अलावा स्कूल से राजसात स्टॉक की यूनिफॉर्म एवं पुस्तकों को प्रथम आऔ-प्रथम पाऔ के सिद्धांत के आधार पर उनका विक्रय प्रिंट मूल्य के एक तिहाई मूल्य पर किया जाएगा। साथ ही अवैधानिक कृत्य के लिए स्कूल की मान्यता समाप्त किया जाना उचित प्रतीत होने पर प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाएगा।
खुशियो की दास्ता
जल जीवन मिशन
सिरुखेड़ी के लोगो के जीवन में आया सकारात्मक बदलाव
अब हर घर को मिल रहा है नल से जल
कभी बैलगाड़ी, साइकिल और सर पर ढोकर लाना पड़ता था पानी
रतलाम/ जिले की ग्राम पंचायत सनावदा के गांव सिरूखेडी मे जल जीवन मिशन ने लोगो के जीवन में सकारात्म बदलाव लाया है, गॉव में नल जल योजना आई। योजना में 30 हजार लीटर का संपवेल बनाकर पूरे ग्राम में वितरण पाईप बिछाकर स्टैंड पोस्ट बनाकर शत प्रतिशत घरों को तथा स्कूल आंगनबाड़ी एवं धार्मिक स्थानों मंदिर मस्जिद को भी नल कनेक्शन के माध्यम से जोड़ा गया, 500 की जनसंख्या वाले ग्राम में 110 नल कनेक्शन किये गए है। नल जल योजना के पूर्व गांव में पानी लाने के लिए ग्राम वासियों को काफी संघर्ष करना पड़ता था।
ग्राम के 80 वर्षीय श्री वाहिद खान ने बताया कि परिवार में कोई कार्यक्रम होता था, तो हमें पानी ग्राम से दूर बैलगाड़ी के माध्यम से पानी लाना पड़ता था हुसैनी बी ने बताया कि छोटे बच्चों को घर पर अकेला छोड़कर कुएं एवं हैंडपंप से पानी लाना पड़ता था उसमें हमारा बहुत समय व्यर्थ हो जाता था घर के दूसरे काम करना मुश्किल हो जाता था किंतु विगत 1 वर्ष से जब से नल जल योजना बनी है हमें बहुत आराम हो गया है। प्रतिदिन सुबह 8ः00 बजे घर पर नल से पानी आ जाता है। 70 वर्षीय मोबिना अल्लाहरखा खान ने बताया कि हमारी जिंदगी तो घर से दूर जाकर पानी लाने में निकल गई किंतु हमारी बहू, बेटियों को आराम हो गया है। पीएचई विभाग के जिला जल सलाहकार श्री आनंद व्यास ने बताया कि योजना को नियमित रूप से चलाने का कार्य ग्राम के नल चालक मोहम्मद हुसैन पूर्ण जवाबदारी के साथ करते हैं। विभाग समय- समय पर ग्राम मे योजना संचालन संधारण हेतु जलकर राशि समय पर जमा करने एवं अन्य जागरूकता पूर्ण कार्यक्रम आयोजित करता रहता है।
जल जीवन मिशन की नल जल योजना से ग्राम में खुशी का माहौल है एवं सभी ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव जी को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया।
तत्परता से करें जन-समस्याओं का निराकरण – मुख्यमंत्री डॉ. यादव
उज्जैन के विकास कार्यों की प्राथमिकता तय कर उनका क्रियान्वयन करें सुनिश्चित
मुख्यमंत्री ने वर्चुअली सुनी नागरिकों की समस्याएं
रतलाम / मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए संकल्प के साथ विकास का क्रम निरंतर जारी है। “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” के ध्येय वाक्य को अंगीकार करते हुए हम सभी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी शासन की प्रमुख फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ धरातल तक पहुँचाएं। जन सामान्य की मूलभूत सुविधाओं से संबंधित समस्याओं का निराकरण संवेदनशीलता और तत्परता से किया जाए। उन्होंने कहा कि जाति और निवास प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव उज्जैन के आस्था गार्डन में आयोजित जन संवाद शिविर को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिविर में उपस्थित नागरिकों से संवाद कर उनकी समस्याएं जानी एवं जिला प्रशासन को निराकरण के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ.यादव की ओर से शिविर में उज्जैन आजीविका स्व-सहायता समूह की महिलाओं को एक करोड़ 47 लाख ऋण राशि का चेक प्रदान किया गया।
प्रदेश का गौरव है बाबा महाकाल की सवारी
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि उज्जैन में विकास कार्यों की प्राथमिकता तय करते हुए कार्यों को पूर्ण कराएं। “एक जिला-एक उत्पाद” अंतर्गत उज्जैन में चयनित बुटिक प्रिंट के साथ हैंडलूम, पॉवरलूम, लघु, कुटीर और फुटकर उद्योगों को भी समान रूप से बढ़ावा मिले, जिससे रोजगार के अधिक से अधिक अवसरों का सृजन हो सके। उन्होंने कहा कि उज्जैन में भगवान की मूर्तियां, वस्त्र और पूजन सामग्री बनाने का काम भी आरंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बाबा महाकाल की सवारी उज्जैन ही नहीं पूरे प्रदेश का गौरव हैं। सवारी में जनजातीय जिले डिंडौरी, मंडला, बालाघाट आदि के नृत्य कलाकारों को भी शामिल किया जाए। बाबा महाकाल की सवारी में मंत्रीगण भी शामिल होंगे।
उज्जैन नगर से महानगर की ओर हो रहा है अग्रसर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ के नोटिफाइड एरिया को चिन्हित कर विकास कार्यों को गति प्रदान करें। उज्जैन नगर से महानगर की ओर अग्रसर हो रहा है। देश-विदेश में नगर की सकारात्मक छवि निर्मित करने की दिशा में सभी को समन्वित रूप से प्रयास करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जन सहभागिता से सिंहस्थ के कार्यों को आगे बढ़ाएं। हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन का स्थाई रूप से विकास किया जाए। उन्होंने अवैध अतिक्रमण न होने देने और नीति संगत निर्माण कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उज्जैन के देवस्थानों और घाटों का भी जीर्णोधार किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज में आईटी पार्क बनाने के प्रयास किए जाएंगे। उज्जैन के लिए मेडिसिटी बड़ी सौगात है। उन्होंने मेडिसिटी के कामों में तेजी लाने के निर्देश दिए।