झाबुआ– सामाजिक महासंघ झाबुआ में नवाचार से भरी गतिविधियों को वर्ष भर संचालित करता आया है इसी क्रम में रंगपुरा दिव्यांग केंद्र के मुक बधिर बच्चों को अतिथि बनाकर झाबुआ के राजा की आरती उतरवा कर एक अनूठी मिसाल पेश की है
दिव्यांग केंद्र के लगभग 40 बच्चे अपनी परंपरागत वेशभूषा में तैयार होकर 8 सितंबर को झाबुआ के राजा के पंडाल में पहुंचे जहां उनका ढोल धमाको के साथ गर्म जोशी से स्वागत किया गया भगवा गमछा पहनाकर व तिलक लगाकर सामाजिक महासंघ के सदस्यों ने सभी बच्चों का स्वागत किया संगीत की मधुर धर्म लहरिया एवं सुमधुर भजन बच्चों के स्वागत में बजाए गए झाबुआ के राजा की आकर्षक भव्य प्रतिमा व साज सजा देखकर बच्चे काफी अभिभूत नजर आ रहे थे
सामाजिक महासंघ झाबुआ के उपाध्यक्ष राधेश्याम परमार दादू भाई एवं हरीश लाल शाह आम्रपाली ने बताया कि सामाजिक महासंघ प्रतिवर्ष झाबुआ के राजा की आरती अपने नाम से उतारता है व साथ ही इस दौरान नवाचार के माध्यम से समाज के शोषित एवं वंचित लोगों को आरती का मौका देता आया है इसी क्रम को आगे बढ़ते हुए 8 सितंबर को रात्रि 8:30 बजे सामाजिक महासंघ के सदस्यों ने रंगपुरा दिव्यांग केंद्र के बच्चों को आरती के लिए बुलाया स्थानीय राजवाड़ा चौक से सामाजिक महासंघ के सदस्यों ने जुलूस के माध्यम से गोवर्धन नाथ मंदिर चौराहा, दिगंबर जैन मंदिर होते हुए झाबुआ के राजा के दरबार में पहुंचे जहां पर केशव इंटरनेशनल स्कूल के संचालक ओम शर्मा द्वारा प्रदाय किए गए चार पहिया स्कूल वाहन से पूरी सुरक्षा व्यव्स्था के साथ रंगपुरा दिव्यांग केंद्र के बच्चों को लाया गया कार्यक्रम स्थल पर गणपति बप्पा मोरिया, झाबुआ के राजा की जय, भारत माता की जय, वंदे मातरम, जे के आर ग्रुप की जय,धर्म भूमि झाबुआ की जय जैसे नारे लगाकर पूरा वातावरण धर्ममय बना दिया था रात्रि 8:45 पर झाबुआ के राजा की तीन आरतियां की गई जिसमें जे के आर ग्रुप के सहयोग से दिव्यांग केंद्र के 40 बच्चों ने बारी-बारी से आरती उतार कर धर्म का लाभ प्राप्त किया
सामाजिक महासंघ द्वारा किए गए इस नवाचार एवं अनूठी पहल की झाबुआ शहर में सभी और प्रशंसा की जा रही है गणमान्य लोगों का तो यहां तक भी कहना है की हर बार सामाजिक महासंघ आरती का लाभ तो स्वयं लेता है लेकिन आरती उतारने के लिए शोषण एवं वंचित लोगों को बुलाकर सामाजिक समरसता का परिचय देता है इस अवसर पर सामाजिक महासंघ के अध्यक्ष नीरज सिंह राठौर ने कहा कि मन्नतो का राजा झाबुआ का राजा माना जाता है सामाजिक महासंघ हमेशा शहर एवं जिले में समाजिक समरसता का कार्य करता आया है और यही पहचान झाबुआ के राजा की भी बन गई है मुंबई के लालबाग का राजा और झाबुआ के झाबुआ का राजा हमेशा से ही जिले में चर्चा का विषय रहे हैं छोटी सी गली में इतना बड़ा आयोजन काबिले तारीफ है
इस अवसर पर उपस्थित सभी मूकबधिर बच्चों को देसी घी के लड्डू का प्रसाद वितरित किया गया इस दौरान झाबुआ एसडीएम सत्यनारायण धुर्वे उप संचालक सामाजिक न्याय विभाग पंकज साल्वे रंगपुरा दिव्यांग केंद्र के प्रभारी शैलेंद्र सिंह राठौर पूरी मुस्तैदी के साथ बच्चों की देखरेख में लगे हुए थे झाबुआ शहर के इतिहासकार डॉ के के त्रिवेदी,गणेश उपाध्याय, प्रोग्रेसिव पेंशनर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष अरविंद व्यास,कमलेश पटेल, मधुसूदन शर्मा, विनोद जायसवाल, जगदीश टेलर, राजेन्द्र टेलर ,हार्दिक अरोड़ा, अशोक शर्मा, रविंद्र सिसोदिया, जितेंद्र शाह, कोमल सिंह कुशवाह, संजय राठौर, संजय सिकरवार ,सुनील चौहान, मोहक सिंह राठौर,अजय शर्मा, पुरुषोत्तम ताम्रकार, प्रदीप अरोड़ा, भूपेंद्र कोठारी, प्रवीण सोनी, गोपाल सिंह चौहान, चंचला सोनी, शीतल जादौन, प्रफुल्ल शर्मा सहित बड़ी संख्या में झाबुआ के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे संचालन प्रवीण सोनी ने किया एवं आभार प्रदर्शन बाबूलाल पांचाल ने माना
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