झाबुआ। आदिवासी अंचल में इन दिनों शादियों का दौर शुरू हो चुका है। वही होली और भगौरिया पर्व भी निकट है। शादियों के सीजन में पनीर की मांग काफी बढ गई है। झाबुआ जिला मुख्यालय सहित आस पास के गांव व शहरी क्षेत्रों में मिलावटी नकली पनीर बडी मात्रा में सप्लाई हो रहा है। जिले मंें नकली व मिलावटी पनीर बेचकर लोगों की सेहत से सरेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। इसका धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा है और खुलेआम इसकी बिक्री हो रही है, क्योंकि खाद्य विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के कारण बाजारों में नकली पनीर बेचने वाले मुनाफाखोर मोटा मुनाफा कमाने की एवज में लोगों के स्वास्थ्य के साथ जमकर खेल रहे हैं। दाहोद और राजगढ से आता पनीर लोगों के स्वास्थ से खिलवाड करने का कारोबार करने वाले माफियाओं पर नजर रखने वाले भाई लोग बताते हैं कि कुछ लोग खाद्य विभाग के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर यात्री बसों व चार पहिया वाहनों के अलावा मोटरसाइकिलों से गुजरात राज्य के दाहोद व निकटवर्ती राजगढ से नकली पनीर लेकर रात में आते है जो झाबुआ सहित आस पास के गांव व शहरी क्षेत्रों में दुकानदारों को सप्लाई करते हैं। नकली पनीर बेचने वाले मुनाफाखोर बहुत ही कम दामों पर स्थानीय दुकानदारों को माल सप्लाई करते हैं, जो बाद में शादी आदि कार्यक्रमों वाले खरीदी कर ले जाते है। अंचल में नकली पनीर का खेल लंबे अंर्से से चल रहा है, बावजूद खाद्य विभाग के जिम्मेदार आंखे बंद कर बैठे हैं और कोई कार्रवाई नहीं करते। शायद यही वजह है कि झाबुआ सहित अंचल में यह धंधा दिन प्रतिदिन जोर पकड़ रहा है। हॉटलों से अधिक उठाव गांवों में झाबुआ जिला मुख्यालय की ही बात करे तो शहर की हॉटलों और ढांबों पर एक दिन में जितने पनीर का उठाव नही होता उससे अधिक पनीर की मांग गांवों से बनी रहती है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग पनीर को काफी पसंद करते है, दुध पार्लरों और हॉटलों पर सुबह से ही पनीर के खरीददारी करने ग्रामीण पहुंच जाते है। यही वजह है कि प्रतिदिन शहर के दुध पार्लरों और हलवाईयों की दुकानो ंसे बडी मात्रा में असली पनीर के साथ नकली पनीर खिलाकर लोगों खासकर युवा पीढ़ी को कमजोर करने का काम किया जा रहा है। यदी इस मामले में निष्पक्ष जांच कराई जाती है तो मिलावटी नकली पनीर बेचने वालों के चेहरे बेनकाब हो सकते है। मिलावटी पनीर खाने से हो सकता कैंसर चिकित्सकों के अनुसार मिलावटी नकली पनीर से पेट दर्द, डायरिया, मरोड़, एसिडिटी और इनडाइजेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। पनीर के अधिक मात्रा में सेवन करने से इंटरनल ऑर्गन्स तक भी बुरा असर पड़ता है। मिलावटी नकली पनीर खाने से किडनी व लीवर सीधे प्रभावित होते हैं। तीन माह तक यदि मिलावटी पनीर या ऐसा अन्य कोई भी सामान खाया जाए तो लीवर कैंसर की बीमारी हो सकती है। झाबुआ-1- यह चित्र लगाएं
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