झाबुआ – । भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय अंतर्गत भूमि संसाधन विभाग द्वारा शहरी भूमि सर्वेक्षण हेतु नक्शा (NAKSHA) कार्यक्रम 26 राज्यों और 3 केन्द्र शासित प्रदेशों में 1 वर्षीय राष्ट्रव्यापी पायलट प्रोजेक्ट, 194 करोड रूपयों की लागत से प्रारंभ किया गया हैं। इसके अंतर्गत देश के 152 शहरों (ULBs) (141 जिलों) में 4,143 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का सटीक भूमि सर्वेक्षण किया जायेगा जोकि शहरी भूमि रिकार्ड की सटीकता और परदर्शिता की दिशा में एक नई पहल हैं। पायलट प्रोजेक्ट नक्शा (NAKSHA) हेतु मध्यप्रदेश के 10 नगरीय निकायों का चयन हुआ है जिसमें से झाबुआ जिले की मेघनगर नगर परिषद का चयन हुआ है जिस हेतु आज रायसेन में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री भारत सरकार शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में “नक्शा” (नेशनल जिओस्पेशियल नॉलेज बेस्ड लैंड सर्वे ऑफ अर्बन हेबिटेशन्स) एक शहरी सर्वेक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया, जो मेघनगर दशहरा मैदान से कलेक्टर नेहा मीना एवं अन्य अतिथियों द्वारा लाइव प्रसारण देखा गया। कार्यक्रम में कलेक्टर नेहा मीना ने कहा कि नक्शा कार्यक्रम पायलट प्रोजेक्ट 152 नगरीय निकायों में से मध्यप्रदेश के 10 में से झाबुआ की मेघनगर नगरीय निकाय का चयन किया गया है जो गौरव की बात है। उक्त कार्यक्रम तीन चरणो में होगा जिससे सम्पत्ति से सम्बन्धी विवादों का निराकरण किया जा सकेगा। पायलट प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन के पश्चात सम्पूर्ण देश में लागू रहेगा। मेघनगर की टीम गौरव के साथ इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करे एवं समन्वय स्थापित कर कार्य करे। इस सर्वे से भविष्य में भूमि स्वामित्व के निर्धारण में आसानी होगी। जिलाध्यक्ष भानु भूरिया ने कहा कि मेघनगर को इस प्रकार के पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा बनना गौरव की बात है। यह केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के प्रयासो से सम्पत्ति विवादों का हल आसानी से हो सकेगा। श्री कलसिंह भाबर ने कहा कि सम्पत्ति सुरक्षा और मालिकाना हक के लिए इस प्रकार के प्रयास अच्छा कदम है। कार्यक्रम के पश्चात मुख्य अतिथियों के समक्ष ड्रोन उड़ाकर आधुनिक सर्वे तकनीक की शुरुआत की गई। इस दौरान नगर परिषद अध्यक्ष कमलेश मचार, उपाध्यक्ष श्रीमती मेघा भानपूरिया, जनप्रतिनिधिगणलक्ष्मण नायक, भूपेश भानपूरिया, सचिन प्रजापति, अनुविभागीय अधिकारी मेघनगर श्रीमती रितिका पाटीदार एवं तहसीलदार श्रीमती ममता मिमरोट, नायब तहसीलदार श्रीमती मृदुला सचवानी, सीएमओ एवं नगरवासी उपस्थित रहे।
नक्शा (NAKSHA) कार्यक्रम की आवश्यकता:- व्यवस्थित भूमि रिकार्ड की अनुपलब्धता। पुराने और अधुरे डॉटा के कारण सरकारी दस्तावेजों एवं वास्तविक भूमि स्वामित्व में अंतर। राज्यों में एक समान प्रणाली का अभाव। स्वामित्व विवाद और अवैधानिक कब्जे की समस्या।
नक्शा (NAKSHA) कार्यक्रम क्या हैं:- शहरी भूमि के हवाई सर्वेक्षण (ड्रोन सर्वे, 2डी नैडिर कैमरा, ओब्लिक एंगल कैमरा, लिडार सेंसर- 3डी मैपिंग तकनीक) से सटीक मैपिंग। राज्य सरकार एंव नागरिक भागीदारी से भूमि रिकार्ड का सत्यापन। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आसान एक्सेस। भू स्थानिक डॉटा से सटीक अर्बन प्लानिंग।
नक्शा (NAKSHA) कार्यक्रम के लाभः- व्यापक डिजिटल भूमि रिकार्ड। सटीक एंव ऑनलाईन भूमि रिकार्ड उपलब्ध होने से जमीन के मालिकाना हक में स्पष्टता। शहरी भूमि प्रबंधन में सुधार जैसे- संपत्ती लेन-देन और ऋण प्राप्ती को सरल बनाना। उन्नत शहरी भूमि प्रशासन, आपदा प्रबंधन और आधारभूत संरचनओं में रूकावट की समस्या का समाधान। भूमि स्वामित्व विवादों में कमी। प्रॉपर्टी टेक्स कलेक्शन में सुधार और शहरी निकायों की मजबूत वित्तीय स्थिति। भूमि रिकार्ड को पारदर्शी, सटीक और सभी के लिए उपलब्ध बनाना।
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