शहर के बिल्डिंग मटेरियल व्यापार से संबंधित कई व्यापारियों के लाखों व अन्य से नगद लाखों रुपए लेकर ,इस प्रकार कुल करोड़ों रुपए की राशि लेकर उज्जवल कुमावत हुआ रफूचक्कर……
झाबुआ- एक तरफ प्रदेश सरकार द्वारा चिटफंड कंपनियों को लगाम कसने की तैयारी की जा रही है तथा इन पर सख्ती से कानूनी रूप से कार्रवाई कर आम जनों को राशि लौटाने के प्रयास किए जा रहे हैं वहीं झाबुआ शहर में बिल्डिंग मटेरियल से संबंधित उज्जवल कुमावत ने शहर के करीब करीब सभी बिल्डिंग मटेरियल व्यापारियों से चेक देकर उधार सामान लेते रहे और जब एक ने बैंक में चेक लगाया और बाउंस हुआ तो दूसरे व्यापारी को अपना शिकार बनाया ।इस तरह करीब 5 सालों में शहर के 20 व्यापारियों से चेक देकर धोखाधड़ी करते हुए करीब-करीब लाखों रुपए, साथ ही साथ श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान भी न करते हुए करीब करीब लाखों रुपए ,इसके अलावा अन्य परिचितों से भी लाखों की नकदी राशि उधार लेते हुए ,इस प्रकार झाबुआ शहर में ही चिटफंड कंपनियों की तरह फर्जीवाड़ा करते हुए करोड़ों की राशि लेकर रफूचक्कर हुआ हैं । करीब 1 माह पूर्व व्यापारियों ने भी इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक को की. व कार्रवाई हेतु निवेदन किया । लेकिन आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई । इसी कारण आक्रोशित व्यापारी और करीब 20 से अधिक श्रमिकों ने पुलिस थाने पर शिकायत की व आवेदन देते हुए उज्जवल के पिता पर व उसके चाचा पर कार्रवाई हेतु निवेदन किया ।
शहर के कुमावत परिवार सज उज्जवल कुमावत यू एस ए कंस्ट्रक्शन कंपनी संचालित करता हैं यह कंपनी बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का काम करती थी इस कंपनी के उज्जवल कुमावत ने बिल्डिंग मटेरियल व्यापारियों से उधार लेना शुरू किया और उधार के एवज में चेक देते रहे । कुछ चेक बाउंस हो तो उन्होंने व्यापारी को समझा-बुझाकर कुछ राशि नगद जमा कर दी और पुनः माल ले लिया । इस प्रकार करीब 5 सालों में उज्जवल कुमावत ने शहर के करीब 20 से अधिक व्यापारियों को अपनी धोखाधड़ी का शिकार बनाते हुए लाखों की राशि की सामग्री उधार ली ।.और साथ ही साथ भौतिक विलासता की जिंदगी. का जीवन बसर किया, वही पूरे परिवार ने संपूर्ण आर्थिक सुख भी देखा ।.लेकिन जब व्यापारियों ने अपने पैसे के लिए दोनों भाइयों पर दबाव बनाना शुरू किया ,तो उज्जवल कुमावत शहर वासियों को चंपत देकर रफूचक्कर हो गए । इसके अलावा मजदूरी व श्रमिकों के पैसे भी इन्होंने नहीं दिए और कई अन्य परिचितों से भी नगद राशि उधार लेकर उन्हें वापस नहीं लौटाई ।.इस प्रकार इन उज्जवल कुमावत ने.कम समय में शहर से लाख़ो /करोड़ों की सामग्री और राशि उधार लेकर रफूचक्कर हो गए । आक्रोशित व्यापारियों के साथ साथ श्रमिकों ने भी अपनी राशि लौट आने हेतु पुलिस कोतवाली थाने पर आवेदन दिया है और आवेदन मे उज्जवल कुमावत के पिता सुरेंद्र कुमावत और उनके चाचा कृष्णा कुमावत को, उन दोनों का साथ देने के लिए कारवाई करने तथा उनसे सख्त पूछताछ कर उज्जवल के बारे में जानकारी लेने के लिए शिकायती आवेदन दिया । करीब 1 माह पूर्व व्यापारी संघ के बैनर तले कई व्यापारियों ने अपनी पीड़ा बताते हुए पुलिस अधीक्षक को उज्जवल के खिलाफ एक शिकायती आवेदन दिया था तथा जांच कर कार्रवाई हेतु निवेदन किया था लेकिन करीब 1 माह बीत जाने के बाद भी ना तो इन्हें ढूंढा गया है और ना ही इनके परिवार से कोई पूछताछ की गई है । करीब 2 माह से उज्जवल फरार हैं सूत्रों के अनुसार उज्जवल कुमावत अपने राजस्थान में निवासरत रिश्तेदारों के घरों पर हैं । शहर के कई अन्य व्यापारियों परिचितों से भी इन्होंने नगद राशि ,उधार ले रखी है ।. इस तरह शहर के लोगों को अपने फर्जीवाड़ा के जाल में फंसा कर शहरवासियों के लाखों करोड़ों लेकर दोनों नौ दो ग्यारह हो गया है प्रश्न यह है कि क्या कारण है कि पुलिस विभाग ने भी इस तरह की चिटफंड कंपनियों की तरह उज्जवल कुमावत की धोखा बाजी के लिए भी पुलिस ने जांच क्यों नहीं की….? क्या कारण है कि पुलिस ने उनके परिवार वालों से फर्जीवाड़े के लिए उज्जवल के बारे में जानने के लिए परिवार से पूछताछ क्यों नहीं की……?. पुलिस विभाग शहर में ही मौजूद चिटफंड कंपनियों की तरह धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी……?
इन फर्मो को लगाया चूना
न फर्मो को लगाया चूना
पारसनाथ स्टील 5 लाख, …. कवालीटी हाडवेयर एंड पेटस- 1लाख 6 हजार , वृंदावन इलेक्ट्रॉनिक्स -56000 , कोठारी कंस्ट्रक्शन -87000, जैन प्लाइवुड के -1लाख 86 हजार , सुनील कटकानी -50,000, बुरहानी ट्रेडर्स के -एक लाख , नाकोड़ा इंटरप्राइजेज के -15000 , शुभम स्टील के -50,000, भंडारी ट्रेडर्स के -28000 , राज हार्डवेयर के -56000, नाकोड़ा ट्रेडर्स के -56000, पोरवाल इलेक्ट्रॉनिक के -60,000, बगीचा वाला -10,000 , राजेश गुप्ता के- 30000 , इसके अलावा हिंदू ठेकेदार के ₹2 लाख 60 हजार लेबर पेमेंट ,लब्बेक सप्लायर के चार लाख 55 हजार रु । अनाज व्यापारी अजय पुरोहित से ₹ 4लाख 50 हजार नगद लिए । इसके अलावा और भी कई लोग हैं जिनसे नगद राशि या फिर उधार सामान लिया है ।. जिनके पास सामग्री के एवज में चैक है और कुछ के पास इनके पिता सुरेश कुमावत के साथ. व्यवसायिक समझौते के कागजात भी मौजूद है । इसके अलावा इन्हीं के यहां कार्यरत कर्मचारी से भी लाखों की राशि उधार ली, वह भी नहीं लौटाई ।वही सभी व्यापारियों का कहना है कि जब भी पैसे लेने जाते हैं तो.उज्जवल कुमावत टालमटोल करता हैं और आना करनी करता था । पैसे देने के लिए अलग-अलग बैंकों के चेक व्यापारियों को समझाईश के लिए दिए जाते थे ।लेकिन कैसे हो बैंकों से क्लियर ही नहीं हो पाए और बाउंस हो गये है । सभी व्यापारियों का कहना है कि पिछले 2 महीने से उज्जवल फरार है और उनके मोबाइल नंबर भी बंद आ रहा है । यदि इस तरह के ठेकेदार चिटफंड कंपनियों की तरह शहरवासियों से धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा कर रहे हैं त़़ो समय रहते उन पर यदि लगाम नहीं कसी गई ,तो आने वाले समय में ऐसे और कई ठेकेदार जन्म लेंगे ,जो लाखों करोड़ों लेकर फरार हो जाएंगे ….? कार्रवाई के अभाव में इस तरह चिटफंड कंपनी और फर्जी ठेकेदार की बढ़ोतरी होती रहेगी ।.क्या प्रशासन इस और ध्यान देकर कोई कार्रवाई करेगा या फिर यह सब यू ही चलता रहेगा.।।?
विशेष- शहर में एक और ऐसा ठेकेदार है जो व्यापारियों के रुपयों से भौतिक विलासिता का जीवन जी रहा है और व्यापारियों से ली गई सामग्री का उधार विगत 5 वर्षों से नहीं दिया है । आने वाले अंक में ऐसे एक और ठेकेदार का खुलासा होगा….
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